भिलाई नगर 29 जनवरी 2023 :! ”इंटैक दुर्ग-भिलाई अध्याय द्वारा ‘मेरी खाद्य विरासत’ खाना खजाना प्रतियोगिता का आयोजन“भारतीय सांस्कृतिक निधि, इंटैक का मुख्य उद्देश्य सांस्कृतिक-ऐतिहासिक धरोहर का संरक्षण करना है जिससे आने वाली पीढ़ी अपने समृद्ध इतिहास से परिचित हो सके। इसी कड़ी में स्कूल विद्यार्थी अपने पारंपरिक व्यंजन एवं इसे पकाने के पारंपरिक बर्तनों के विषय में जान सके इसलिये मेरी खाद्य विरासत खाना-खजाना के तहत पोस्टर एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इंटैक दुर्ग-भिलाई अध्याय की संयोजिका डाॅ. हंसा शुक्ला ने बताया कि इस प्रतियोगिता का आयोजन श्री शंकराचार्य विद्यालय, हुडको में किया गया। प्रतियोगिता में दुर्ग-भिलाई के आठ विद्यालयों के कक्षा सातवीं से नवमीं के साठ विद्यार्थियों ने सहभागिता दी। विद्यार्थियों को बताया गया कि वे पारंपरिक अनुठे व्यंजन का इतिहास उसे बनाने की विधि और उसके महत्व या अनूठा बर्तन उसकी उत्पत्ति गुण और उपयोग से संबंधित पोस्टर बनाकर उसके विवरण को लिखेंगे। सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र दिया जायेगा तथा सौ क्षेत्रीय विजेता एवं दस राष्ट्रीय विजेता चुने जायेंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ. डी.एन. शर्मा क्षेत्रीय समन्वयक पं. सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय बिलासपुर थे तथा विशेष अतिथि अमिताभ दास प्राचार्य श्री शंकराचार्य विद्यालय हुडको रहे।
मुख्य अतिथि डाॅ. डी.एन. शर्मा ने अपने आतिथ्य उद्बोधन में कहा कि किसी भी देश की समृद्धि का सूचक वहाॅं कि सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहर होता है। धरोहर केवल ईंट-पत्थर से बने ईमारत नहीं होते बल्कि धरोहर में विभिन्न कला का भी समावेश होता है तथा पाक कला भारत की एक महत्वपूर्ण कला है। भारत के विभिन्न प्रांतों में प्रांत के जलवायु एवं होने वाले फसल के अनुरुप अलग-अलग व्यंजन बनाये जाते है आज पश्चिमी फास्टफुट के आने से पारंपरिक भोजन को लोग भूल रहे है ऐसे में इस प्रकार के प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चे अपने पारंपरिक भोजन उसे बनाने की विधि तथा उसके महत्व से परिचित होंगे।
विशेष अतिथि अमिताभ दास ने प्रतिभागियों को कहा कि भारत विविधताओं का देश है प्रत्येक स्थान के विशिष्ट व्यंजन प्रसिद्ध है। व्यंजनों के इतिहास को जानने के लिये आप इपिक चैनल जरुर देखे। चैनल में लाॅस्ट रेसिपीज, राजा, रसोई और अंदाज अनोखा जरुर देखे इसमें व्यंजन की रेसिपी के साथ आपको उस व्यंजन के इतिहास और महत्व को बारीकी से बताया जाता है।
प्रतियोगिता में दिल्ली पब्लिक स्कूल, रिसाली भिलाई, शारदा विद्यालय रिसाली भिलाई, इंदु आईटी स्कूल, कोहका, भिलाई, आमदी विद्या निकेतन विद्यालय, हुडको, भिलाई, श्री शंकराचार्य विद्यालय, हुडको, भिलाई, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, रुआबांधा, भिलाई, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, तितुरडीह दुर्ग एवं शकुंतला विद्यालय, रामनगर, भिलाई से 60 विद्यार्थियों ने भाग लिया। विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रांतों के पारंपरिक भोजन को पेंटिंग के माध्यम से सजीवता से उकेरा तथा उसके इतिहास, महत्व एवं उस व्यंजन की बनाने की विधि का निबंध में वर्णन किया।
कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन इंटैक दुर्ग-भिलाई अध्याय की संयोजक डाॅ. हंसा शुक्ला ने किया। प्रतियोगिता में दुर्ग भिलाई इंटैक आजीवन सदस्य डाॅ. सुनीता वर्मा, विश्वास तिवारी एवं सुश्री काजल शर्मा उपस्थित हुये। कार्यक्रम को सफल बनाने में अमित कुमार साहू सहायक प्राध्यापक माईक्रोबायोलाॅजी स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई, रणदीप बेनर्जी, व्याख्याता श्री शंकराचार्य विद्यालय, हुडको, भिलाई ने विशेष सहयोग दिया।