सेफी ने इस्पात क्षेत्र के माइंस अधिकारियों के विशेष भत्ते की शीघ्र बहाली हेतु इस्पात मंत्रालय से आग्रह किया…..

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भिलाई नगर 8 जनवरी 2023 : ! सेफी ने इस्पात क्षेत्र के माइंस अधिकारियों के विशेष भत्ते की शीघ्र बहाली हेतु इस्पात मंत्रालय से आग्रह किया सेफी के पदाधिकारियों ने केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते जी, इस्पात सचिव एन.एन. सिन्हा को नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ खदान के अधिकारियों के लंबित मुद्दे पर पत्राचार किया गया। जिसमें सेल माइंस एवं एन.एम.डी.सी. के अधिकारियों को थर्ड पे-रिविजन में विशेष भत्ता (डिफिकल्ट एरिया सर्विस एलाउंस) का भुगतान चालू करने हेतु आग्रह किया गया।


विदित हो कि पूर्व में 12 दिसम्बर 2022 को सेफी का प्रतिनिधि मंडल की केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री, ओ.एस.डी. (इस्पात) एवं संयुक्त सचिव से इस विषय पर सकारात्मक चर्चा की थी। विदित हो कि इस्पात मंत्रालय के द्वारा डीपीई के आदेश क्र. 2(77)/09-DPE (WC) GL-XII/2010 दिनांक 22/06/2010 के अनुरूप SAIL खदानों में कार्यरत अधिकारियों को चुनौतीपूर्ण/विकट पोस्टिंग में कार्य करने हेतु दुर्गम क्षेत्र विशेष भत्ता प्रदान करने हेतु आदेश जारी किया गया था जो क्रमशः F.No. 7(1)/2010-SAIL(PC) दिनांक 04/11/2010 व F.No. 7(5)/2013-SAIL(PC) दिनांक 11/06/2014 है। इन आदेशों के अनुसार खदानों में कार्यरत अधिकारियों को उके बेसिक वेतन का 10% राशि दुर्गम क्षेत्र विशेष भत्ता के रूप में भुगतान किया जाता था।


विदित हो कि SAIL व NMDC के खदान आज भी पूर्ववर्ती स्थितियों में प्रचालित हो रही है तथा इन स्थानों में नगरीय सुविधायें, शिक्षा व चिकित्सीय सुविधायें अत्यंत ही दयनीय है। इन स्थानों में कार्यरत अधिकारीगण शिक्षा व चिकित्सा की सुविधाओं को र्निबाध रूप से प्राप्त करने हेतु अपने परिवार को किसी विकसित शहरों में विस्थापित करने हेतु बाध्य है।


तीसरे पे रिविजन की कमेटी ने बिन्दू क्र. 3-16-13/vi/c में कठिन परिस्थितियों में कार्यरत अधिकारियों को पहले की तरह दुर्गम क्षेत्र विशेष भत्ता प्रदान करने की अनुशंसा की है। परंतु इस्पात मंत्रालय के आदेश क्र. F.No. 3(1)/2022 – Finance दिनांक 29/09/2022 के अनुसार SAIL के अधिकारियों को प्राप्त दुर्गम क्षेत्र विशेष भत्ता को रोक दिया गया है जिससे कठिन परिस्थितियों में कार्यरत अधिकारियों में अत्यंत ही निराशा व्याप्त है।


इस संदर्भ में सेफी चेयरमेन नरेन्द्र कुमार बंछोर ने इस्पात मंत्रालय के समक्ष खदान में कार्यरत अधिकारियों के विशेष भत्ता को जारी रखने के समर्थन में तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि सेल और एनएमडीसी की खानें अधिकांशतः दूरस्थ स्थान पर स्थित हैं और चिकित्सा, शिक्षा और टाउनशिप जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी के साथ वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित हैं। वर्तमान में विशेष भत्ते बहाल नहीं होने के कारण खदानों में कार्यरत अधिकारी हतोत्साहित हैं। जिसका प्रभाव कंपनी के निष्पादन पर पड़ सकता है। अतः कंपनी के प्रदर्शन को बेहतर बनाए रखने के लिए माइंस के अधिकारियों का मनोबल बढ़ाने हेतु विशेष भत्ता अत्यंत आवश्यक है। अतः इसे पुनः बहाल करने की अपील की।


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