रायगढ़ 29 दिसंबर, 2023/ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश की सबसे पिछड़ी विशेष जनजातियों के समुचित विकास के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री जनमन योजना की जमीनी हकीकत जानने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज रायगढ़ जिले के लैलुंगा विकासखंड के ग्राम भुईंयापानी पहुंचे। उन्होेंने यहां छत्तीसगढ़ की विशेष पिछड़ी जनजातियों में शामिल बिरहोर परिवारों से रूबरू होकर उन्हें इस योजना से मिल रहे लाभ की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री श्री साय ने राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बिरहोर परिवारों से अलग-अलग बातचीत कर स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार सहित मूलभूत सुविधाओं के बारे में चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीणों से चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी आप सभी के विकास के लिए सबसे ज्यादा ध्यान देते हैं। इसके लिए उन्होंने जो जनजातियां विशेष रूप से पिछड़ी हैं उनके लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना शुरू की है। इसका लाभ आप लोगों तक पहुंच रहा है या नहीं, इसे जानने मैंने आप लोगों के बीच भुईंयापानी आने का निर्णय लिया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश की 5 विशेष पिछड़ी जनजातियों में बिरहोर जनजाति भी शामिल है। आज बिरहोरों की संख्या बहुत कम है, रायगढ़ जिले में इनकी जनसंख्या करीब 1100 है। पीएम जनमन योजना में प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ आयुष्मान कार्ड, उज्ज्वला योजना सहित शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ विशेष रूप से पिछड़ी जनजातियों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम जनमन योजना में आप लोगों के लिए गैस चूल्हा से लेकर मकान तक सारी योजना सरकार के पास हैं, हम इनका लाभ आप सभी को देंगे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर हितग्राहियों को पीएम जनमन योजना के अंतर्गत उज्ज्वला योजना में गैस कनेक्शन, आधार कार्ड, राशन कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, आयुष्मान भारत योजना का कार्ड वितरित किए।
आठवीं तक पढ़ी बिरहोर युवती उर्मिला, मुख्यमंत्री ने रोजगार उपलब्ध कराने के दिये निर्देश-
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से मिलने पहुंची उर्मिला से उन्होंने पूछा कि सरकार की किन योजनाओं का लाभ मिला है। उर्मिला ने बताया कि उसका राशन कार्ड अभी बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अगले पांच सालों तक निःशुल्क चावल देने का निर्णय लिया है। उर्मिला से मुख्यमंत्री ने पूछा कि पढ़ाई कहां तक हुई है। उर्मिला ने बताया कि आठवीं तक पढ़ी हूँ। मुख्यमंत्री ने इस पर बहुत खुशी जताई। मुख्यमंत्री ने चर्चा में कहा कि बिरहोर आबादी इस जिले में 1100 के आसपास है। सरकार के साथ ही वनवासी कल्याण आश्रम ने भी शिक्षा के लिए काफी काम किया है। मुझे खुशी है कि हम लोग भी इस दिशा में कार्य करते थे क्योंकि आगे बढ़ने के लिए शिक्षा सबसे जरूरी है। मुख्यमंत्री ने मौके पर ही अधिकारियों को कहा कि उर्मिला ने विषम परिस्थितियों के बाद भी आठवीं तक की पढ़ाई कर ली है, अब इसके रोजगार की व्यवस्था कीजिए।
घासीराम से मुख्यमंत्री ने की बातचीत, कहा आयुष्मान बन गया है तो स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं-
मुख्यमंत्री श्री साय ने घासीराम से भी चर्चा की। उन्होंने आयुष्मान कार्ड के बारे में घासीराम से पूछा। घासीराम ने बताया कि उनका आयुष्मान कार्ड बन गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे दस लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज हो जाएगा। घासीराम से मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे अधिकारी आपके पास आते रहेंगे। आपको किसी भी तरह की समस्या हो, उन्हें बताइये, वे इसे अवश्य हल करेंगे।
नन्हीं अंजू को दुलारा, कहा खूब पढ़ाई करो बेटा-
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर उपस्थित बिरहोर जनजाति के लोगों को उपहार भी भेंट किए। उन्होंने नन्हीं अंजू से बात की और उसे पास बुलाकर दुलारा। उन्होंने अंजू से पूछा कि वो कौन सी क्लास में पढ़ती है। अंजू ने बताया कि वो दूसरी कक्षा में है। मुख्यमंत्री श्री साय ने बिरहोर समुदाय के लोगों से कहा कि बच्चों को खूब पढ़ाइये। जितना ज्यादा पढ़ेंगे, ये बच्चे उतनी ही तरक्की करेंगे।
बिरहोर जनजाति के हितग्राहियों को मिला योजनाओं का लाभ –
भुईंयापानी में आज बिरहोर जनजाति के घासीराम बिरहोर, बिमला बिरहोर, सुकनी बिरहोर एवं किरण बिरहोर के आयुष्मान कार्ड बनाये गये। इस तरह किरण बिरहोर, करीना बिरहोर, कन्दरू बिरहोर, सुनीता बिरहोर एवं आकाश बिरहोर के आधार कार्ड बनाये गये। साथ ही उर्मिला बिरहोर, सुकनी बिरहोर, सजाराम बिरहोर, अनिता बिरहोर, पंचराम बिरहोर एवं परमिला बिरहोर के राशन कार्ड बनाये गये। फुलवती बिरहोर, नान्हीबाई बिरहोर एवं सोहरिन बिरहोर के उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन के कार्ड बनाए गए। सुकनी एवं नान्हीबाई बिरहोर के मनरेगा जॉब कार्ड बनाए गए।
गौरतलब है कि पीएम जनमन योजना के अंतर्गत 9 केन्द्रीय मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के सर्वांगीण विकास के लिए किया जाना है। इन योजनाओं में पक्के घर, पक्की सड़क, नल से जल-समुदाय आधारित पेयजल, छात्रावासों का निर्माण, मोबाइल मेडिकल यूनिट, आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से पोषण, बहुउद्देशीय केन्द्रों का निर्माण, घरों का विद्युतीकरण (ग्रिड तथा सोलर पावर के माध्यम से), वनधन केन्द्रों की स्थापना, इंटरनेट तथा मोबाइल सर्विस की उपलब्धता और आजीविका संवर्धन हेतु कौशल विकास शामिल हैं। इन सभी गतिविधियों का क्रियान्वयन मिशन मोड में तीन वर्ष की अवधि में पूर्ण कर सभी बसाहटों को आवश्यकतानुसार अधोसरंचनात्मक रूप से सुदृढ़ बनाना है।