ब्रेकिंग :- मोतियाबिंद ऑपरेशन में लापरवाही, ….. 10 आदिवासी बुजुर्ग को दिखना बंद: राज्य शासन की कड़ी कार्यवाही नेत्र चिकित्सक, नेत्र सहायक, स्टाफ नर्स निलंबित…

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दंतेवाड़ा 27 अक्टूबर 2024:-दंतेवाड़ा जिला चिकित्सालय में मोतियाबिंद सर्जरी के दौरान मरीजों की आंखों में संक्रमण की गंभीर घटना के बाद राज्य शासन ने कड़ी कार्रवाई की है। सर्जरी के दौरान निर्धारित प्रोटोकाल का पालन न करने के आरोप में नेत्र सर्जन डॉ. गीता नेताम , स्टाफ नर्स श्रीमती ममता वैदे , नेत्र सहायक अधिकारी सुश्री दीप्ति टोप्पो, को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जांच दल द्वारा की गई जांच में यह पाया गया कि डॉ. गीता नेताम ने अपने दायित्वों के प्रति लापरवाही बरती, जिससे मरीजों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ा। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय से डॉक्टरों की लापरवाही का बड़ा ही सनसनीखेज मामला सामने आया है।

दंतेवाड़ा जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों की घोर लापरवाही ने दस ग्रामीणों की आंखों की रौशनी छीन ली है। इन ग्रामीणों की आंखों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था। दंतेवाड़ा के अंधे हेल्थ सिस्टम ने ऑपरेशन में ?  असावधानी बरती कि 10 निरीह ग्रामीणों की जिंदगी में हमेशा के लिए अंधेरा छा गया है।दंतेवाड़ा मोतियाबिंद ऑपरेशन में लापरवाही मामला लापरवाही पर राज्य शासन की कड़ी कार्रवाई जिला चिकित्सालय की नेत्र सर्जन डॉ गीता नेताम निलंबित सर्जरी के दौरान मरीजों की आंखों में आया था संक्रमण रायपुर के मेकाहारा में चल रहा है मरीजों का इलाज.

अंधत्व निवारण अभियान के तहत दंतेवाड़ा जिला चिकित्सालय में 20 ग्रामीणों की आंखों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था। ऑपरेशन के बाद संबंधित लोगों की आंखो में इन्फेक्शन की शिकायत शुरू हो गई। देखते ही देखते सभी ग्रामीणों हालात सालभर से बंद पड़े ऑपरेशन थिएटर को नहीं किया गया था सेनेटाइज बिगड़ने लगी। इसके बाद 10 ग्रामीणों को आनन- फनन में जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में लाकर भर्ती कराया गया था। जहां से शनिवार को ये सभी ग्रामीण रायपुर रेफर कर दिए गए। खबर है कि कई ग्रामीण जिनका ऑपरेशन हुआ है उनके आंखों की रोशनी जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने ऑपरेशन में घोर लापरवाही बरती है।

बताते हैं कि दंतेवाड़ा जिला चिकित्सालय के जिस ऑपरेशन थिएटर में मोतियाबिंद के मरीजों की आंखों का ऑपरेशन किया गया, वह एक वर्ष से बंद पड़ा था। ऑपरेशन थिएटर को सेनेटाइज किए बिना ही वहां आंखों का ऑपरेशन कर दिया गया। इसका दुष्परिणाम ऑपरेशन के बाद देखने को मिल रहा है। इसका खामियाजा बेकसूह ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।

मेडिकल कॉलेज में गुरुवार रात 7.45 बजे एक गाड़ी आकर रुकी। इस गाड़ी से कुछ मरीज नीचे उत्तरे। इसके बाद रात करीब 11. 30 बजे दूसरी गाड़ी भी यहां पहुंची। इन गाड़ियों में आंखों के इन्फेक्शन के मरीज थे और ये गाड़ियां दंतेवाड़ा जिला अस्पताल से यहां पहुंची थीं। दंतेवाड़ा में 20 ग्रामीणों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 10 लोगों की आंखों में इन्फेक्शन की शिकायत सामने आई थी। कुछ मरीजों की आंख में दर्द था, तो कुछ को ऑपरेशन के बाद कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। आंखों से लगातार पानी बह रहा था। यहां इन ग्रामीणों की आंखों का दोबारा ऑपरेशन किया गया। उसके बाद 8 मरीजों को नेत्ररोग विभाग में रखा और एक को अलग वार्ड में रखा गया।

मरीजों को रायपुर के मेकाहारा रेफर किया गया और 1 को जगदलपुर में ही शिफ्ट किया गया। इसके बाद शनिवार देर रात के मांझी, मेलेवाड़ा की लक्ष्मी और सोनमती, जगदलपुर से भी मरीज को रायपुर रेफर कर दिया गया। मरीजों के साथ आए परिजनों ने बताया कि मितानिन के जरिए वे सोमवार को दंतेवाड़ा अस्पताल मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए पहुंचे थे। उन्हें बताया गया था कि दो दिन बाद ही सभी को वापस घर भेज देंगे। दंतेवाड़ा अस्पताल में मंगलवार को ऑपरेशन किया गया।

बुधवार से ही मरीजों को समस्या आनी शुरू हो गई। बुधवार को ही मरीजों की आखों की सफाई कराई गई। इसके बाद मामला बिगड़ता देख गुरुवार को आनन फानन में दो अलग-अलग गाड़ियों से मरीजों को दंतेवाड़ा से रायपुर भेजा गया। इसके बाद शुक्रवार को ही रायपुर में डॉक्टर्स की टीम ने इन मरीजों के दोबारा ऑपरेशन किए।


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