भिलाई नगर 29 सितंबर 2024:- दुर्ग में एक पुलिसकर्मी ने शनिवार रात खुदकुशी कर ली। पुलिस लाइन स्थित अपने घर में उसने जहर खा लिया। मां ने रोते हुए अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा कि, वह अधिकारियों की प्रताड़ना से परेशान था। RI उसकी आमद नहीं ले रहे थे।
जानकारी के मुताबिक, कॉन्स्टेबल की पहचान अभिषेक राय (28) निवासी कातुलबोर्ड के रूप में हुई है। 4 दिन से वह ड्यूटी भी नहीं जा रहा था। पुलिस ने उसके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला भेजा है और जांच में जुटी है।
पुलिस के एक आरक्षक ने जहर सेवन कर मौत को गले लगा लिया। मृतक अभिषेक राय ( 28 वर्ष ) कातुलबोर्ड दुर्ग का रहने वाला है। वर्ष 2012 को सीएएफ में पदस्थ पिता के नारायणपुर में हुए नक्सली विस्फोट में शहीद होने पर अभिषेक को पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। फिलहाल जवान के खुदकुशी करने के कारण का पुलिस पता लगा रही है।
मृतक जवान अभिषेक राय के मामा विवेकानंद राय ने बताया कि अभिषेक छुट्टी से लौटने के बाद शनिवार को पुलिस लाइन में आमद देने गया था। किसी कारणवश उसकी आमद नहीं ली गई। इसके बाद तीन बजे के आसपास वह घर लौटा। थोड़ी देर बाद अभिषेक बाथरूम गया और वहीं गिर कर बेहोश सा हो गया। पानी का छींटा मारने पर उसने आंखें खोली और सल्फास खा लेने की जानकारी देकर अस्पताल लेकर जाने को कहा। मां और मामा उसे चंदूलाल चंद्राकर अस्पताल लेकर गए। यहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पिता बम डिफ्यूज के दौरान हुए थे शहीद
अभिषेक के पिता संजय राय भी छत्तीसगढ़ पुलिस में थे। 2012 में नारायणपुर में ड्यूटी के दौरान बम डिफ्यूज करते वक्त ब्लास्ट में उनकी जान चली गई थी। इसके बाद उनकी जगह अभिषेक को 2 साल पहले ड्राइवर के पद पर अनुकंपा नियुक्ति मिली थी।
अभिषेक की मां ने बताया कि उसका तबादला भिलाई तीन कर दिया गया था, लेकिन वह लाइन में ही पदस्थ रहना चाहता था। उसे गाड़ी चलाने में समस्या होती थी।
ड्यूटी में थी घोर लापरवाही
दुर्ग पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला का कहना है कि सिपाही ड्यूटी को लेकर लापरवाह था। 25 सितंबर से ड्यूटी पर नहीं था। उसने छुट्टी के लिए कोई ऐप्लीकेशन नहीं दिया था। उसके पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। ना ही ये जानकारी है कि उसे किसी अधिकारी ने उसे परेशान किया था।