चिड़िया” — अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सराही गई एक दुर्लभ फिल्म, अब भारत के सीमित सिनेमाघरों में, रायपुर में भी मिला एक विशेष शो

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“चिड़िया” — अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सराही गई एक दुर्लभ फिल्म, अब भारत के सीमित सिनेमाघरों में, रायपुर में भी मिला एक विशेष शो

रायपुर 02 जून 2025:- सिनेमा का असली उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज की सच्चाई को दिखाना और उससे संवाद करना भी है। ऐसी ही एक दुर्लभ फिल्म है “चिड़िया”, जो अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में अपनी संवेदनशीलता और गहराई के लिए प्रशंसा बटोरने के बाद अब भारत में बेहद सीमित सिनेमाघरों में रिलीज़ की जा रही है।

“चिड़िया” सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि बच्चों की मासूम आकांक्षाओं, उनके सपनों और संघर्षों की एक सजीव तस्वीर है। मुंबई की एक झुग्गी में रहने वाले दो भाइयों की यह कहानी हमारे समाज के उस पहलू को उजागर करती है, जो अक्सर बड़ी-बड़ी बॉलीवुड फिल्मों की चमक-धमक में छिप जाता है। यह उन फिल्मों में से एक है जो बॉलीवुड के मसालेदार फॉर्मूले से परे जाकर, सच्चाई और संवेदनशीलता से सिनेमा की बात करती है।

इस फिल्म की खास बात यह है कि यह वर्तमान समय में भी अत्यंत प्रासंगिक है। बच्चों के अधिकार, उनका मानसिक और भावनात्मक विकास, और जीवन में उनकी उम्मीदें — ये सभी विषय आज भी उतने ही ज़रूरी हैं जितने पहले थे। समाज की जड़ों से जुड़ी इस तरह की कहानियाँ हमें न सिर्फ सोचने पर मजबूर करती हैं, बल्कि इंसानियत के स्तर पर गहराई से झकझोर देती हैं।

“चिड़िया” को अब तक कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पुरस्कार और प्रशंसा प्राप्त हुई है। फिल्म को शबाना आज़मी जैसे दिग्गज कलाकारों ने सराहा है, और India Today, ABP Live, NewsBytes जैसे प्रतिष्ठित समाचार माध्यमों और समीक्षकों ने इसे “शानदार, सजीव और अनमोल अनुभव” बताया है।

विनय पाठक और अमृता सुभाष की अदाकारी ने इस कहानी में जान डाल दी है, उनकी भूमिकाएं इतनी सच्ची लगती हैं कि दर्शक खुद को कहानी का हिस्सा महसूस करने लगता है।
यह फिल्म एक साहित्यिक कृति की तरह है — एक ऐसी फिल्म जो देखने के बाद आपके मन में ठहर जाती है।

अब भारत में जब इस फिल्म को सीमित स्तर पर प्रदर्शित किया जा रहा है, तो रायपुर को भी इसका हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला है। फिल्म ‘चिड़िया’ के शो इस समय रायपुर के बेस कलर्स मॉल में चल रहे हैं, और यह उन सभी के लिए एक अवसर है जो सिनेमा को केवल एक उत्पाद नहीं, बल्कि कला, विचार और भावना का माध्यम मानते हैं।

यह इंडी फिल्म Key Media Works द्वारा निर्मित है।
निर्माता अकबर हुसैनी ने बताया कि “ऐसी कंटेंट-ड्रिवन फिल्मों को रिलीज़ करना एक बहुत बड़ा चैलेंज है, लेकिन हमें खुशी है कि दर्शकों का प्यार मिल रहा है। यह एक सकारात्मक संकेत है हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के पहले से ही चुनौतीपूर्ण समय में।”

“चिड़िया” उन फिल्मों में से एक है जो बार-बार नहीं बनती। यह ज़रूरी है कि हम ऐसी फिल्मों को प्रोत्साहित करें, देखें, और इन पर बातचीत करें।


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