रायपुर 03 अगस्त 2024:- छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा अगले 06 महीने तक अपने पद पर बने रहेंगे ये साफ हो गया है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार श्री जुनेजा को एक्सटेंशन देने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र को अपनी ओर से प्रस्ताव भेज दिया है। बताया गया है कि यह एक्सटेंशन 6 महीने तक के लिए हो सकता है। श्री जुनेजा इसी महीने की चार तारीख को सेवानिवृत्त होने वाले थे। राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव भेजे जाने के बाद से पुलिस मुखिया बनने का ख्वाब देख रहे अधिकारियों के मंसूबे पर पानी फिरा…
छत्तीसगढ़ राज्य के इतिहास में आज तक किसी भी पुलिस महानिदेशक व चीफ सेक्रेटरी को एक्सटेंशन नहीं मिला था यह सही है कि दो चीफ सेक्रेटरी के एक्सटेंशन का प्रस्ताव केंद्र को पूर्व में भेजा गया था किंतु उसे भी केंद्र सरकार द्वारा ना मंजूर कर दिया गया था यह पहला मौका होगा जब राज्य में किसी पुलिस महानिदेशक को एक्सटेंशन दिया जा रहा है।
माना जा रहा था कि उनके स्थान पर नए डीजीपी की नियुक्ति हो जाएगी, लेकिन इस नई नियुक्ति के लिए डीपीसी नहीं की गई थी। यह डीपीसी यूपीएससी दिल्ली में होने वाली थी। इधर राज्य में डीजीपी बदलने की संभावनाओं को लेकर अटकलों में नए डीजीपी के नाम की चर्चाएं भी तेज हो गई थी। सारी चर्चाओं, अटकलों पर उस समय विराम लग गया जब राज्य सरकार की ओर से श्री जुनेजा को एक्सटेंशन देने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया।
बात दें कि जुनेजा का कार्यकाल 4 अगस्त को समाप्त हो रहा है। इसमें बताया गया था कि डीजीपी के लिए नए नाम का का प्रस्ताव भेजा जाएगा। जानकारों का यह भी कहना है कि ऐसे में जब दो दिन बाद डीजीपी का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, बिना भारत सरकार की हरी झंडी के राज्य सरकार प्रस्ताव नहीं भेजेगी। ऐसा समझा जाता है कि पिछले सप्ताह सरकार दिल्ली में थी।वहां इस संदर्भ में बात हुई होगी। इसके बाद दिल्ली से कोई मैसेज आया होगा, तभी एक्सटेंशन का प्रस्ताव भेजने का फैसला हुआ होगा।
छत्तीसगढ़ बनने के बाद अभी तक न तो किसी डीजीपी को एक्सटेंशन हुआ है और न ही चीफ सिकरेट्री का। अशोक जुनेजा पहले डीजीपी होंगे, जिन्हें छह महीने का एक्सटेंशन मिलने जा रहा है। इससे पहले दो चीफ सिकरेट्री को एक्सटेंशन देने का प्रस्ताव जरूर गया था मगर भारत सरकार ने मना कर दिया। नक्सल मोर्चे पर छत्तीसगढ़ में जिस तरह कामयाबी मिली है, उससे इसमें कोई संशय नहीं था कि अगर राज्य से प्रस्ताव जाएगा तो भारत सरकार मना कर दें। क्योंकि, पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों के खात्मे को जमकर भुनाया।