अंबिकापुर 21 जून 2024:- रिश्वत लेते पकड़े गए उदयपुर एसडीएम बीआर खांडे सरगुजा में ACB ने शुक्रवार को घूस लेते उदयपुर SDM बीआर खांडे और उनके कार्यालय के 3 अन्य कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने विचाराधीन मामले में फैसला सुनाने के लिए प्रार्थी से 50 हजार रुपए मांगे थे।
ACB ने रिश्वतखोर अफसर और कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुये अंबिकापुर में पदस्थ एसडीएम सहित चार कर्मचारियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी एसडीएम ने काम कराने के एवज में प्रार्थी से 50 हजार की रिश्वत मांगी थी। प्रार्थी की शिकायत पर एसीबी की टीम ने चार आरोपियों को एसडीएम कार्यालय से पकड़ा है। दरअसल, शासन की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के अनुकम में एन्टी करप्शन ब्यूरो इकाई अंबिकापुर के द्वारा उदयपुर जिला सरगुजा के एसडीएम भागीरथी खाण्डे (बी.आर. खाण्डे) सहित 4 लोगों को 50000 रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। घटना का विवरण इस प्रकार है कि 7 मई 2024 को पीड़ित कन्हाई राम बंजारा निवासी ग्राम जजगा वार्ड नं 13 सरगुजा के द्वारा एसीबी अंबिकापुर में यह शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उसने बताया कि ग्राम जजगा स्थित भूमि खसरा नं. 69/31 70/1 एवं 1004/8 रकबा कमशः 0.251, 0.635 एवं 0.243 हेक्टे. जमीन उसके तथा परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर है और कई वर्षों से मकान वहीं रह रहे हैं।
शासन की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के अनुक्रम में एन्टी करप्शन ब्यूरो इकाई अंबिकापुर के द्वारा उदयपुर जिला सरगुजा के एसडीएम श्री भागीरथी खाण्डे (बी.आर. खाण्डे) सहित 04 लोगों को 50000 रूपये की रिश्वत लेते हुए पकड़कर बड़ी कार्यवाही की गयी। घटना का विवरण इस प्रकार है कि 07.05.2024 को प्रार्थी कन्हाई राम बंजारा निवासी ग्राम जजगा वार्ड नं. 13 तहसील उदयपुर जिला सरगुजा के द्वारा एसीबी इकाई अंबिकापुर में यह शिकायत प्रस्तुत की गयी थी कि ग्राम जजगा स्थित भूमि खसरा नं. 69/31, 70/1 एवं 1004/8 रकबा कमशः 0.251, 0.635 एवं 0.243 हेक्टे. जमीन उसके तथा परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर है तथा कई वर्षों से उस पर मकान बनाकर काबिज हैं किन्तु उसके बड़े पिता द्वारा जमीन को केवल अपने नाम पर दर्ज कराने हेतु तहसील में आवेदन प्रस्तुत किया गया था जिस पर प्रार्थी द्वारा आपत्ति दर्ज की गयी थी जिस पर तत्कालीन तहसीलदार उदयपुर के द्वारा उसके बड़े पिता, उसके तथा अन्य परिजनों के नाम पर राजस्व रिकार्ड दुरूस्त किये जाने हेतु 21.09.2022 को आदेश किया गया था। उक्त आदेश के उपरांत उसके बड़े पिता के द्वारा पुनः 09.11.2022 को एसडीएम उदयपुर के पास आदेश 21.09. 2022 के विरूद्ध अपील प्रस्तुत किया गया था जिसके संबंध में प्रकरण लंबित है। उक्त प्रकरण में उसके तथा उसके अन्य परिजनों के पक्ष में आदेश पारित करने के एवज में एसडीएम उदयपुर श्री बी.आर. खाण्डे के द्वारा 50000 रूपये रिश्वत के रूप में मांग की जा रही है किन्तु वह एसडीएम को रिश्वत न देकर उसे रंगे हाथ पकड़वाना चाहता है। एसीबी इकाई अंबिकापुर को शिकायत प्राप्त होने पर शिकायत का सत्यापन कराये जाने पर शिकायत कर्ता की शिकायत सही पायी गयी तथा एसडीएम उदयपुर श्री बी.आर. खाण्डे को रिश्वती रकम लेते वक्त पकड़ने की योजना बनायी गयी। आज 21.06.2024 को प्रार्थी को आरोपी एसडीएम को रिश्वती रकम देने हेतु एसडीएम कार्यालय उदयपुर शाम करीब 06:00 बजे भेजा गया जिस पर प्रार्थी द्वारा रिश्वत लेन देन के संबंध में एसडीएम से चर्चा करने पर एसडीएम के द्वारा रिश्वती रकम 50000 रूपये को अपने बाबू धरमपाल को लेने हेतु कहा गया जिस पर धरमपाल के द्वारा भृत्य अबीर राम को रिश्वती रकम को अपने पास रख लेने हेतु कहा गया जिसे अबीर राम ने अपने हाथों में ले लिया तथा रिश्वती रकम लेने के पश्चात वह एसडीएम के पास जाकर बोला कि प्रार्थी कन्हाई राम से रिश्वती रकम 50000 रूपये उसने प्राप्त कर लिया है तो एसडीएम द्वारा कहा गया कि उस रकम को गार्ड नगर सैनिक कविनाथ सिंह को दे दे जिस पर भृत्य द्वारा रिश्वती रकम को एसडीएम के गार्ड नगर सैनिक कविनाथ सिंह को दे दिया गया। इसी दौरान पहले से मुस्तैद एसीबी की टीम द्वारा त्वरित ट्रेप कार्यवाही कर रिश्वती रकम को बरामद कर लिया गया तथा एसडीएम श्री बी. आर. खाण्डे उनके बाबू, भृत्य एवं नगर सैनिक कविनाथ सिंह को अभिरक्षा में ले लिया गया । उक्त के पकड़े जाते ही एसडीएम कार्यालय में हड़कंप मच गया।
इस कार्यवाही का एक अमानवीय महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि प्रार्थी के पक्ष में आदेश करने के एवज में आरोपी एसडीएम ने प्रार्थी एवं उसके परिजनों की ओर से ग्राम जजगा तहसील उदयपुर स्थित 50 डिसमिल जमीन को भी अपने महिला परिचितों के पक्ष में बिकी आदि करने संबंधी पावर ऑफ अटार्नी निष्पादित करा लिया था ताकि भविष्य में उक्त जमीन को अपने पक्ष में करा सके। संबंधित पावर ऑफ अटार्नी की प्रति भी एसीबी के हाथ लग गयी है। समस्त आरोपियों की संपत्तियों के संबंध में भी एसीबी के द्वारा गहन जांच प्रारंभ कर दी गयी है जो महत्वपूर्ण खुलासे होने की प्रबल संभावना है। आरोपियों के विरूद्ध धारा 7, 12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है। रिश्वत खोरों के विरूद्ध ऐसी कार्यवाही सतत जारी रहने की बात एसीबी द्वारा कही गयी है, तथा रिश्वत मांगने वालों के विरूद्ध लोगों को सामने आने की अपील भी एसीबी की ओर से की गयी है।