दुर्ग 23 नवंबर 2021:- छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश सांखला, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष (उधोग चेम्बर) संजय चौबे, प्रदेश मंत्री अशोक राठी, प्रदेश मन्त्री कुलदीप सिंग, चेयरमेन पवन बड़जात्या, दुर्ग इकाई अध्यक्ष प्रहलाद रुंगटा,कार्यकारी अध्यक्ष दर्शन ठाकवानी,अनुप गटागट, महामंत्री प्रकाश गोलछा, संयुक्त महामंत्री राजेश नाहटा, संगठन मंत्री पूरण सांखला, कोषाध्यक्ष हरीश श्री श्रीमाल ने बताया कि कि कपड़ा पर 5ः से बढ़ाकर 12ः टैक्स लगाने के संबंध में छत्तीसगढ़ चेम्बर द्वारा केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण चॅऑ को पत्र प्रेषित कर टैक्स यथावत 5ः बढ़ाने करने हेतु निवेदन किया गया है।चेम्बर प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश सांखला ने कहा कि कपड़ा पर टैक्स बढ़ाने के सरकार के फैसले से पूरा कपड़ा व्यापार और उद्योग सदमे में है, जो कृषि के बाद दूसरी सबसे बड़ी राजस्व पैदा करने वाली वस्तु है। कपड़ा व्यापार कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित हुआ था, और अभी भी अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। ऐसी परिस्थितियों में टेक्सटाइल पर टैक्स की दरों में यह बढ़ोतरी टेक्सटाइल सेक्टर में एक और बहुत बड़ा झटका देगी। भोजन, कपड़ा, मकान, शिक्षा और स्वास्थ्य मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताएँ हैं। कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा पर कोई कर नहीं है, आवासीय घरों पर सरकार सब्सिडी प्रदान कर रही है और टैक्स की दर 1ः और 5ः है। कपड़े जो कि एक बुनियादी जरूरत भी है, लेकिन कपड़ा व्यापार पर 12ः कर लगाया जाना उचित नहीं है।
प्रदेश उपाध्य्क्ष सांखला एवं उद्योग चेंबर के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष संजय चौबे ने कहा कि कई वर्षों तक कपड़ों पर कोई टैक्स नहीं लगता था। भारत भर के व्यापार संघों ने पिछली जीएसटी परिषद की बैठक के तुरंत बाद प्रतिनिधित्व किया था जिसमें कपड़ा पर ”उल्टे” (पदअमतजमक)शुल्क संरचना को ठीक करने का प्रस्ताव था। व्यापार और उद्योग द्वारा यह अनुरोध किया गया था कि यथास्थिति को 5ः की दर से बनाए रखा जाए और जहां भी लागू हो, दर 12ः से घटाकर 5ः की जाए। हालांकि, दर को 5ः तक कम करने के बजाय अधिसूचना संख्या 14/2017 दिनांक 18.11.2017 को कर की दर को 5ः से बढ़ाकर 12ः कर दिया गया है।
चेम्बर प्रदेश उपाध्य्क्ष प्रकाश सांखला ने कहा कि यह न केवल अंतिम उपयोगकर्ता पर वित्तीय बोझ बढ़ाएगा बल्कि छोटे व्यवसायियों को भी बुरी तरह प्रभावित करेगा और कर चोरी और विभिन्न कदाचार को प्रोत्साहित करेगा। साथ ही जो माल व्यवसायियों के स्टॉक में पड़ा है जब एमआरपी पर बेचा जायेगा तो उसका 7 प्रतिशत अतिरिक्त भार व्यवसायियो पड़ेगा।
दर में यह वृद्धि न केवल घरेलू व्यापार को बाधित करेगी बल्कि निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी। पहले से ही कपड़ा उद्योग वियतनाम, इंडोनेशिया, बांग्लादेश और चीन जैसे देशों के साथ सक्षम स्थिति में नहीं है। एक तरफ सरकार मेक इन इंडिया और आत्मानिर्भर भारत के बारे में बात करती है, दूसरी तरफ इस तरह के उच्च कर लगाने से अनिश्चितता और निराशा का माहौल पैदा होता है।
प्रकाश सांखला ने केन्द्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी से अनुरोध किया है कि मूल्य पर किसी भी सीमा और श्रेणी के बिना 5ः की दर से एकल दर पेश की जाए और इस प्रकार जारी अधिसूचना को जिसमें कर की दर को 5ः से बढ़ाकर 12ः कर दिया गया है, कृपया इसे तत्काल वापस लिया जाए। सरकार के इस कदम से न सिर्फ अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि उम्मीद और निश्चितता का माहौल बनेगा। यदि कपड़ा व्यापार और उद्योग के इस अनुरोध और स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया गया तो पूरा उद्योग अस्तित्व के लिए संघर्ष करने की स्थिति में होगा और अंततः पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगा।