भिलाईनगर 29 नवंबर 2021:– निकाय चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन को अंतिम रूप मिलने से पहले ही भाजपा में गुटबाजी के चलते लंबे समय से बनी आपस की तल्खी खुलकर सामने आने लगी है. आपस की यह गुटबाजी भाजपा को इस चुनाव में भारी पड़ सकती है. टिकट वितरण के बाद एक दूसरे गुट के पार्षद प्रत्याशी को निपटाने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा रहा है.भिलाई में भाजपा की गुटबाजी हमेशा सुर्खियों में रही है. इसका असर भिलाई सहित चरोदा और रिसाली निगम व जामुल पालिका चुनाव में होना तय माना जा रहा है. अभी चारों में से किसी भी निकाय के लिए प्रत्याशी चयन नहीं हुआ है, लेकिन आपस में दबी हुई तल्खी खुलकर उजागर होने लगी है. शनिवार को चुनाव प्रभारी राजनांदगांव के सांसद संतोष पाण्डेय की मौजूदगी में वैशाली नगर मंडल की बैठक के दौरान भाजपा की गुटबाजी फिर एक बार देखने को मिली है. इससे भाजपा के पक्ष में सकारात्मक चुनाव परिणाम को लेकर संशय उभर आया है.दरअसल, वैशाली नगर भाजपा मंडल की बैठक को स्थानीय विधायक विद्या रतन भसीन संबोधित कर रहे थे. इस दौरान चुनाव प्रभारी संतोष पाण्डेय और लोकसभा सांसद विजय बघेल मंचस्थ थे. तभी राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय के भाई और प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्य राकेश पाण्डेय का आगमन हुआ. इसके साथ ही वहां मौजूद संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने सुश्री सरोज पाण्डेय और राकेश पाण्डेय जिंदाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिया. नारेबाजी थमती नहीं देख विधायक भसीन अपना संबोधन अधूरा छोड़ अपनी कुर्सी पर बैठ गए.
इस स्थिति में लोकसभा सांसद विजय बघेल अपने आपको रोक नहीं सके. श्री बघेल हाथ में माइक लेकर कहने से चूके नहीं कि भाजपा एक अनुशासित पार्टी है और किसी बैठक में जब सांसद या विधायक जैसे पदाधिकारियों का संबोधन चल रहा हो तब किसी को भी अनावश्यक नारेबाजी या शोरगुल नहीं किया जाना चाहिए. यह कहते हुए सांसद विजय बघेल वहां से रवाना हो गए. बाद में राकेश पाण्डेय ने यह कहते हुए स्थित को संभालने की कोशिश की कि सांसद विजय बघेल ने ठीक ही कहा है. लेकिन वहां पर जिस तरह की परिस्थिति निर्मित हुई उससे साफ नजर आया कि भाजपा में आपस की गुटबाजी बनी हुई है.चारों निकाय में असर पड़ना तय
भाजपा में अभी चारों निकाय के पार्षद प्रत्याशी तय करने की प्रक्रिया जारी है. लेकिन जिस तरीके के हालात पार्टी में बनी हुई है उसका असर टिकट वितरण में दिखना तय माना जा रहा है. अभी भिलाई जिला भाजपा के संगठन में सरोज पाण्डेय गुट का दबदबा है. ऐसे में सांसद विजय बघेल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पाण्डेय और जिले से पार्टी के एकलौते विधायक विद्या रतन भसीन के समर्थकों को भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने की संभावना बेहद कम नजर आ रही है. ऐसे में भाजपा से टिकट की दावेदारी करने वाले अनेक दमदार नेता बगावती तेवर अपना सकते हैं. इससे भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है.भिलाई में पिछले दो चुनाव में मिली हार
भिलाई दुर्ग जिले का सबसे बड़ा नगर निगम है. इससे अलग होकर अस्तित्व में आये रिसाली निगम के बावजूद भिलाई अब भी 70 वार्डों वाला निगम है. यहां पिछले दो चुनाव से कांग्रेस का महापौर बनता रहा है. भाजपा की गुटबाजी काफी हद तक भिलाई निगम में कांग्रेस के सत्ता की राह को आसान बनाती रही है. इस बार भी टिकट वितरण के पहले भाजपा की गुटबाजी खुलकर सामने आ रही है. ऐसे में एक बार फिर भिलाई नगर निगम में कांग्रेस की सरकार बनने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है.