भिलाईनगर। श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वंय कर रहे पूरे मामले की मॉनिटरिंग ऑपरेशन मुस्कान के तहत इतनी दूरी तय कर बरामदगी की अब तक की सबसे फास्ट कार्यवाही। ज्ञात हो कि 29 नवंबर की दरम्यानी रात्रि मे खुर्सीपार थाना क्षेत्र से एक नाबालिक बालिक उम्र 14 वर्ष 10 माह घर से बिना बताये निकल गई थी, जो सुबह घर को पता चलने पर उनके द्वारा थाना खुर्सीपार आकर इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई गई जिनकी रिपोर्ट धारा 363 भादवि के तहत दर्ज कर पुलिस बालिका के पता तलाश में लग गई।
चूकि बालिका के पास कोई मोबाईल नम्बर नही था इसलिए प्रारंभिक स्तर में पुलिस को पतासाजी में मुश्किलों का सामना करना पड़ा उसके उपरांत पुलिस टीम द्वारा बालिका के घर के आसपास के सीसीटीवी कैमरे को चेक किया गया जिसमे रात्रि में अपहृत बालिका की फूटेज मिली, जिसमेें वो किसी लड़के के साथ जाते दिखाई दे रही थी । इसके बाद पुलिस टीम लगातार उनको कैमरे की माध्यम से ट्रैक करते दुर्ग स्टेशन तक पहुची जहां उसी लड़के के साथ अपहृत बालिका दिखाई दे रही थी । उसके बाद से उनका फुटेज कहीं नहीं मिला । पुलिस लगभग कन्फर्म हो चूकि थी कि अपहृता को लेकर वो लडका ट्रेन के माध्यम से कही बाहर निकल गया है ।
जो पुलिस के द्वारा तब तक उस लड़के की पहचान भी कर ली गई थी , जो उसी मोहल्ले के रहने वाले अपने रिस्तेदारों के यहां आया हुआ था यहां से उसका मोबाईल नम्बर भी मिल गया था जो बीच बीच मे बंद व चालू हो रहा था । उक्त सम्पूर्ण घटना से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया । मामले की गंभीरता व संवेदन शीलता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग बी.एन.मीणा के द्वारा थाना प्रभारी को आवश्यक निर्देश देकर तत्काल टीम निकालने को कहा जो बिना देर किये थाना खुर्सीपार के उप निरीक्षक सतीश साहू के हमराह टीम बनाकर अपहृता के बरामदगी हेतु रवाना किया गया । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग बी. एन. मीणा के निर्देशन में एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर संजय धुव्र नगर पुलिस अधीक्षक पुरानी भिलाई / अपराध विश्वास चंद्राकर के मार्गदर्शन पर टीम के द्वारा लगातार मिल रहे लोकेशन व आसुचनाओ के आधार पर आगे बढ़ते रहे ।
लगातार पीछा करते हुए टीम अंतत: पुणे पहुँची जहां बस स्टैण्ड के पास अपहृता व संदेही लड़के को सकुशल बरामद कर लिया गया । अपहृता के परिजनो के द्वारा पुलिस की इस त्वरित कार्यवाही के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग एवं थाना प्रभारी थाना खुर्सीपार को धन्यवाद व्यापित किया गया है । उक्त पुरे मामले को टीम को पुरे समय वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वंय मॉनिटरिंग कर रहे थे । जिनकी कुशल मार्गदर्शन में 2,500 किलोमीटर का सफर तय कर इतने कम समय में सटीक सुचनाओ व सायबर सेल दुर्ग की मदद से अपहृता व संदेही लड़के को बरामद कर वापस थाना लाया जा सका।
अपहृता के कथन व अन्य विधि अनुरूप प्रक्रिया उपरांत संदेही जो स्वंय भी नाबालिक है के विरूद्ध धारा 363,366 भादवि के तहत अपराध सबूत पाये जाने पर विधि से संघर्षरत बालक को परिरूद्ध कर माननीय किशोर न्यायालय दुर्ग प्रस्तुत किया जा रहा है । ज्ञात हो कि इतनी दूरी तय कर इतने कम समय मे अपहृता की सकुशल बरामदगी कर आपरेशन मुस्कान के तहत संभवत: सबसे फास्टेस्ट मामला है जिसे थाना प्रभारी दुर्गेश शर्मा के नेतृत्व मे उप निरीक्षक सतीश साहू आरक्षक डी.प्रकाश, महिला आरक्षक तोषी गोश्वामी तथा सायबर सेल दुर्ग के प्रभारी निरीक्षक गौरव तिवारी व उनके टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।