पुलिस को मिली बड़ी सफलता डेढ़ वर्ष पूर्व हुए अंधे कत्ल की गुत्थी सूलझी, शादी का दबाव डालने पर प्रेमी के द्वारा ही करवाई गई कांन्ट्रेक्ट किलिंग

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अम्बिकापुर। 1 जून 2020 को थाना लुण्ड्रा को सूचना प्राप्त हुई कि लुण्ड्रा, सेमरपारा में एक पुराने आरईएस के क्वाटर में रहने वाली महिला श्रीमती सुषमा पैकरा पति अरूण सिंह उम्र 30 वर्ष की लाश बिस्तर में पड़ी है जिस पर थाना लुण्ड्रा में मर्ग क्रमांक 35 / 2020 तथा अपराध कमांक 67 / 2020- 302 कायम कर विवे में लिया गया था। उक्त मामला वर्तमान समय तक पेंडिग था। जिला सरगुजा में पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज अजय यादव तथा पुलिस अधीक्षक अमित तुकाराम कांबले के द्वारा सम्पूर्ण प्रकरण की नये सिरे से जांच हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला के मार्गदर्शन में अनुविभागीय अधिकारी अखिलेश कौशिक के नेतृत्व में टीम गठीत कर आरोपी की घर-पकड़ हेतु कार्यवाही प्रारंभ की गई।

घटना स्थल निरीक्षण के दौरान तत्कालीन जांच अधिकारियों को मृतिका का मोबाईल फोन प्राप्त नहीं हुआ था। उक्त मोबाईल फोन को सायबर सेल सरगुजा के माध्यम से सर्विलांस में रखा गया इसके अतिरिक्त मुख्य संदेही अमित सिंह जो कि मृतिका का प्रेमी था उस पर भी नजर रखी जा रही थी। इसी बीच सायबर सेल से जानकारी प्राप्त हुयी की ग्राम लुण्ड्रा के एक व्यक्ति दिनेश भुईहर के द्वारा मृतिका का मोबाईल इस्तेमाल किया जा रहा है जिस पर उसे हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया।

पूछताछ में दिनेश भुईहर के द्वारा बताया गया कि अमित सिंह का मृतिका सुषमा के साथ अवैध संबंध था और मृतिका अमित सिंह के उपर शादी का दबाव डाल रही थी जिस कारण मुख्य आरोपी अमित सिंह के द्वारा मृतिका को अपने रास्ते से हटाने हेतु एक सोची समझी रणनीति के तहत् साजिश रचकर दिनेश भुईहर को एक लाख रूपये देने का लालच देकर मृतिका को मारने हेतु दुष्प्रेरित किया जिस पर दिनेश भुईहर के द्वारा 31 मई 2020 की रात को मृतिका के घर के पीछे दरवाजे से अंदर घुसकर मृतिका का मुह तथा गला तकिये से दबाकर हत्या कर भाग गया।

प्रकरण के आरोपी दिनेश भुईहर एवं अमित सिंह को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा जाता है। सम्पूर्ण कार्यवाही में उप पुलिस अधीक्षक ईमानुएल लकड़ा, थाना लुण्ड्रा प्रभारी निरीक्षक दिलबाग सिंह, विजय प्रताप सिंह, उनि. रश्मि सिंह, सउनि अजित मिश्रा, सरफराज फिरदौसी, भुपेश सिंह, प्रआर कृष्णा सिंह, सुधीर सिंह, प्रवीण राठौर, आरक्षक अशोक यादव, रूपचंद, विकास सिंह, राकेश शर्मा, सुयश पैकरा, विरेन्द्र पैकरा, विकास पाण्डेय का अहम योगदान रहा।


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