कांग्रेस – भाजपा के बागी प्रत्याशी हुए भूमिगत…नाम वापसी के लिए बड़े नेताओं के दबाव से बचने निकाला रास्ता

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भिलाईनगर 05 दिसम्बर 2021:- पार्टी टिकट नहीं मिलने से बगावत का झंडा उठाकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का इरादा बुलंद करने वाले कांग्रेस और भाजपा के अनेक नेता भूमिगत हो गए हैं. अधिकृत प्रत्याशी के समर्थन में नाम वापसी के लिए आला नेताओं के दबाव से बचने ज्यादातर बागियों ने यह उपाय किया है. अब 6 दिसम्बर की शाम चुनाव चिन्ह आबंटन के बाद ही ऐसे नेता सामने आने की तैयारी में हैं.

भिलाई, रिसाली और भिलाई – चरोदा नगर निगम सहित जामुल नगर पालिका चुनाव में अनेक वार्ड से कांग्रेस और भाजपा के दमदार नेताओं ने नामांकन दाखिल किया है. नाम वापसी की समयावधि 6 दिसम्बर को अपरान्ह 3 बजे तक है. इससे पहले कांग्रेस और भाजपा संगठन के बड़े नेता अधिकृत प्रत्याशी के पक्ष में अपनी पार्टी से नामांकन दाखिल करने वालों को मनाने की कोशिश में लगे हुए हैं. इस बीच चारों निकाय से कांग्रेस व भाजपा के टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना चुके अनेक नेता अपने इलाके से गायब हो गए हैं.

बताया जा रहा है कि कांग्रेस और भाजपा के बड़े नेताओं ने अपनी पार्टी के बागियों के चुनाव मैदान में डटे रहने की स्थिति में अधिकृत प्रत्याशी को होने वाले नफा – नुकसान का आकलन कर लिया है. इसमें जिनके निर्दलीय चुनाव लड़ने से अधिकृत प्रत्याशी को नुकसान होने की संभावना नजर आ रही है, उन्हें समझा बुझाकर नाम वापस लेने के लिए मनाया जा रहा है. इसे देखते हुए ज्यादातर बागियों ने अपने आपको भूमिगत कर लेने में ही भलाई समझी है. बागियों को लगता है कि मातृ पार्टी के वरिष्ठ नेता माइंड वास कर उनके चुनाव लड़ने की इच्छा पर पानी फेर सकते हैं.गौरतलब रहे कि निकाय चुनाव में नामांकन की अंतिम तिथि 3 दिसम्बर थी. अगले दिन 4 दिसम्बर को नामांकन पत्रों की जांच पूरी कर निर्वाचन अधिकारियों ने मैदान में बने हुए प्रत्याशियों की वार्डवार सूची घोषित कर दिया है. चारों निकाय के कुल 170 वार्ड के लिए 914 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. 6 दिसम्बर को नाम वापसी की समयावधि पूरी हो जाने के बाद चुनाव चिन्ह आबंटित कर कुल प्रत्याशियों की घोषणा की जाएगी. कांग्रेस और भाजपा के चुनाव प्रभारी व संगठन के नेता अपनी – अपनी पार्टी से जुड़े निर्दलीय ताल ठोकने की तैयारी में लगे प्रत्याशियों से नाम वापसी की कोशिश में कसर नहीं छोड़ रहे हैं. सुराग लगाने परिजनों से कर रहे संपर्क

कांग्रेस और भाजपा के नेता अपने कार्यकर्ताओं के जरिये नामांकन दाखिल करने के बाद गायब अपनों की खोजबीन में लगे हुए हैं. नाम वापसी के दबाव से बचने बतौर निर्दलीय नामांकन भरने वालों के मोबाइल फोन लगातार बंद रहने से बड़े नेता चाहकर भी संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. इसके लिए ऐसे प्रत्याशियों के करीबी समर्थकों से सुराग लिया जा रहा है. परिवार के लोगों से भी मिलकर मातृ पार्टी के प्रति सम्मान और रीति – नीति का हवाला देते हुए अधिकृत प्रत्याशी को समर्थन देने का आग्रह किया जा रहा है. इस सिलसिले में बात करने गायब प्रत्याशी के संपर्क नंबर की भी तलाश की जा रही है, ताकि समय रहते नाम वापसी के लिए तैयार किया जा सके.


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