खराब वेतन समझौते, पदनाम, स्थानांतरण सहित आठ मुद्दे को लेकर डिप्लोमा इंजीनियर सह कर्मचारी करेंगे 9 दिसंबर को प्रदर्शन

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भिलाईनगर। वेतन समझौते में हुए भारी नुकसान, पदनाम पर बनी कमेटी की पिछले तीन साल से हो रही बैठकों के बाद भी निर्णय न आने, सयंत्र में किये जा रहे कर्मियों के ट्रांसफर, डिप्लोमा इंजीनियरों पर पीआरसी की अनुशंसा लागू करवाने एरियर भुगतान 2017 से करने, ग्रेच्युटी सीलिंग, 2012 से पेंशन 9 प्रतिशत देने एनजेसीएस पुनर्गठन व सयंत्र में कार्यरत कर्मियों को ही एनजेसीएस का प्रतिधित्व मिले जैसे मुद्दे को लेकर डिप्लोमा इंजीनियरो द्वारा 9 दिसंबर को मुर्गा चौक पर प्रदर्शन किया जाएगा तथा कर्मियों के साथ किये जा रहे पक्षपातपूर्ण रवैये के प्रति ध्यान आकर्षण कराया जायेगा।


डेब ने अध्यक्ष राजेश शर्मा द्वारा एतद जानकारी देते हुए बताया गया कि, विगत वर्षों में कर्मचारियों के भविष्य के साथ जिस प्रकार से खिलवाड़ किया जा रहा है, उससे कर्मचारियो में व्यापक तौर पे आक्रोश तो है ही साथ ही गहरी हताशा व निराशा भी घर कर गई है। जो कर्मचारियों के दिलों में कम्पनी के प्रति अपनापन एवं लगाव कम तो कर ही रहा है, साथ ही इतनी बड़ी कम्पनी में अपने ही कर्मचारियों से इस प्रकार के व्यवहार किया जाने के प्रचार-प्रसार से देश विदेश में कम्पनी की छवि भी खऱाब हो ही रही है, जो कम्पनी के लिए नुकसानदायक तो है ही, कहीं न कहीं देश हित में भी नहीं है।


इन सभी बातों को देखते हुए सेल के समस्त डिप्लोमा इंजिनियर्स दिनांक 9 दिसंबर को अपने अपने यूनिट में प्रदर्शन कर जल्द से जल्द उपरोक्त मांगो को पूरा करने आंदोलन करेंगे। मीटिंग में प्रमुख रूप से अभिषेक सिंह, शिवशंकर, घनश्याम साहू, रमेश कुमार, उषाकर चौधरी, सुदर्शन, नवीन मिश्र, सौरभ सुमन, राजकुमार, पवन साहू, अजय तमुरिया, दीपेश आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।
डेब उपाध्यक्ष मोहम्मद रफी ने कहा की मई 2017 में इस्पात मंत्रालय से जूनियर इंजीनियर पदनाम देने संबंधी आदेश आने के बाद सेल के डिप्लोमा इंजिनियर्स उत्साहित थे, ओर एक नए जोश के साथ सयंत्र के उन्नयन हेतु कार्य करने उन्होंने मन बनाया पर जिस प्रकार विगत तीन सालों से उस आदेश को बजाए अमलीजामा पहनाने, इसके उलट कभी एनआरसी कमेटी कभी एनजेसीएस सब कमेटी में डाल डिप्लोमा इंजिनियर्स के धैर्य की परीक्षा ली जा रही है। विगत वर्षों में सेल प्रबन्धन द्वारा अनेक ऐसे सुविधाओ को बंद करने संबंधी फैसले बिना यूनियन के चर्चा किये लिए है परन्तु ऐसा फैसला जिसकी मांग खुद कर्मचारी विगत दो दशको से कर रहा है, उसे पूरा करने कमेटी बना दी गई, जबकि ये मांग पूर्णत: ग़ैरवित्तीय है।


डेब महासचिव अभिषेक सिंह से बताया कि एसोसिएशन की साप्ताहिक मीटिंग में अनेक वरिष्ठ कर्मी भी थे जो कि ग्रेच्युटी सीलिंग किये जाने, ओपन एंडेड पे स्केल न होने से पूरा इन्क्रीमेंट न मिलने,व 2018 के बाद से अब तक जूनियर अफसर की परीक्षा न हो पाने से नाराज थे। उनका कहना है कि आज उनके साथ जॉइन किये कई अधिकारी जूनियर मैनेजर से ईडी, सीईओ तक के लेवल पर पहुच चुके है, पर वे आज सिनियर तकनीशियन से मात्र एक पद ऊपर मास्टर तकनीशियन ही बन पाए है।इसमें भी हाल ही में बीएसपी में लागू प्रमोशन पालिसी(एनइपीपी) में उनके चार्जमैन का पद भी छीन लिया गया है। बिना कैरियर ग्रोथ के लक्ष्य आखिर वे क्या देख अपने आप को प्रेरित करे। उनका ये भी कहना है कि उन्होंने अपने पूरे सेवाकाल मे पहली बार इस तरह का वेतन समझौता पर मोलभाव देखा।


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