निकाय चुनाव में पल-पल बदलते समीकरण भारी पड़ रहे हैं उम्मीदवारों को, कूटनीति से एक दूसरे के वोट बैंक में सेंधमारी का हो रहा प्रयास, मतदान होने तक प्रत्याशियों के लिए अपनों को सहेजे रखने की चुनौती

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भिलाईनगर। निकाय चुनाव में पल-पल बदलते समीकरण ने मतदान होने तक प्रत्याशियों के लिए अपनों को सहेजे रखने की चुनौती बढ़ा दी है। कूटनीति के माध्यम से प्रत्याशी और उनके करीबियों में प्रतिद्वंद्वी के वोट बैंक पर सेंधमारी का प्रयास हो रहा है। जनसंपर्क के बाद खाली बचे समय में प्रत्याशी किसी कारण से रुठे-रुठे लग रहे अपनों को मनाने में जोर दे रहे हैं।


जिले के भिलाई, रिसाली और भिलाई-चरोदा नगर निगम सहित जामुल नगर पालिका में चुनाव माहौल जोर पकडऩे लगा है। कांग्रेस और भाजपा के चुनावी रणनीतिकार जीत की रणनीति को अमलीजामा पहनाने में जुट गए हैं। रणनीति के साथ कूटनीति अपनाकर एक दूसरे के वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश अंदरूनी स्तर पर चलने लगी है। लिहाजा मतदान की तारीख 20 दिसम्बर तक प्रत्याशियों के लिए अपने वोट बैंक को सहेजे रखने की चुनौती बढ़ गई है। इस बीच सभी प्रत्याशी और उनके समर्थक किसी कारणवश नाराज चल रहे अपने लोगों को मनाने के लिए भी अलग से समय निकाल रहे हैं।


चुनाव होने वाले चारों निकाय के कुछ -कुछ वार्ड ऐसे हैं जहां कांग्रेस और भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों को उनकी पार्टी के बागियों से अच्छी खासी चुनौती मिल रही है। निर्दलीय ताल ठोक रहे कांग्रेस -भाजपा के बागी प्रत्याशियों के पक्ष में के अनेक जनाधार वाले पुराने कार्यकर्ता अघोषित तौर पर काम कर रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा संगठन के नेता अपने प्रत्याशियों से ऐसे कार्यकर्ताओं की जानकारी जुटाने के बाद उन्हें मनाने के लिए योजना बनाकर अमलीजामा पहनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।


कांग्रेस और भाजपा सहित निर्दलीय प्रत्याशी जनसंपर्क के दौरान अपना वोट बैंक मजबूत करने में लगे हुए हैं। इसके लिए जनता और वार्ड के विकास को लेकर अपनी भावनाओं को पम्पलेट के जरिये व्यक्त कर रहे हैं। घर-घर दस्तक देकर एक-एक मतदाता को अपनी अच्छाई और प्रतिद्वंद्वी की बुराई बताने में भी प्रत्याशी पीछे नहीं हट रहे हैं। जनसंपर्क के बाद जो भी खाली समय मिल रहा है उसका उपयोग सभी प्रत्याशी रुठे हुए मतदाताओं को मनाने में कर रहे हैं। इस दौरान जाने अनजाने में हुई गलती के लिए मतदाताओं से माफी मांगते हुए चुनाव में समर्थन देने का आग्रह किया जा रहा है।


जनसंपर्क के दौरान पढ़ रहे चेहरा
सभी प्रत्याशी अपने जनसंपर्क के दौरान मतदाताओं का चेहरा पढ़ रहे हैं। प्रत्यक्ष मुलाकात में मतदाताओं की मनोस्थिति का आंकलन कर प्रत्याशी अपने और पराये होने का अंदाजा लगा रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी अपने इस तरह के आंकलन के आधार पर पार्टी के बड़े नेताओं से मार्गदर्शन ले रहे हैं। पार्टी के नेता नाराज मतदाताओं को अपने प्रत्याशी के पक्ष में लाने अपने रणनीतिकारों के साथ विचार विमर्श के बाद योजना बनाकर काम कर रहे हैं। निर्दलीय प्रत्याशी भी अपने समर्थक साथियों के साथ संदिग्ध मतदाताओं को पक्ष में साधने कूटनीति का सहारा ले रहे हैं। असंतुष्ट मतदाताओं को संतुष्ट करने उनकी इच्छा के अनुसार सहयोग करने का भी आश्वाशन प्रत्याशी और उनके समर्थक दे रहे हैं।


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