दुर्ग। कोतवाली थाना पुलिस ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन बेचने के मामले में शिकायत के बाद अपराध दर्ज किया है। पुलिस को रायपुर निवासी किशोर सांखला ने शिकायत प्रस्तुत कर बताया कि गंजपारा दुर्ग में स्थित भूमि को कस्तुर चंद लोढ़ा ने विक्रय के लिए इकरारनामा तैयार कर प्रतिफल प्राप्त करने के बाद खसरा नं. 17/11 और 17/5 का विक्रय विलेख निष्पादित नहीं कर छल पूर्वक एक जमीन पुत्र को दान कर दिया और दूसरी जमीन दुर्ग निवासी संजय गोयल को फर्जी तरीके से बेच दिया। इस पर दुर्ग कोतवाली पुलिस ने जांच कर प्रथम दृष्टया छल अपराध धारा-420 पाए जाने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना में लिया है।
किशोर सांखला ने शिकायत में बताया है कि गौतमचंद कोटडिय़ा शैलेन्द्रनगर रायपुर निवासी के साथ कस्तूरचंद लोढ़ा व उसके भाई फत्तेलाल, धरमचंद व महावीर ने अपनी संपत्ति खसरा नंबर 17/1, 17/10, 17/6, 17/12, 17/5, 17/9, 17/11, 17/7 व 17/8 भूमि को विक्रय करने का सौदा किया, जिसके हिसाब-किताब के संबंध में कस्तूरचंद व उनके पुत्र विनय जैन ने सप्तम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 दुर्ग के समक्ष दो व्यवहार वाद भी प्रस्तुत किए हैं। उक्त सौदे की ब्याना राशि प्राप्त कर लेने के बाद कस्तूरचंद लोढ़ा ने अपने पुत्र विनय जैन के साथ मिलकर सौदा को विफल करने के लिए सौदाशुदा भूमि खसरा नंबर 17/9 का दानविलेख विनय जैन के नाम पर 27 मार्च 2015 को कर दिया, जिसकी जानकारी होने पर विनय जैन के खिलाफ फौजदारी कार्रवाई करने की बात कही। तब कस्तूरचंद और उनके पुत्र विनय जैन ने माफी मांगते हुए भूमि के विक्रय विलेख का पंजीयन हमारे पक्ष में करने का वचन दिया।
किशोर सांखला ने बताया कि, आश्वासन के विपरीत आज दिनांक तक संविदा में वर्णित संपूर्ण संपत्ति के विक्रय विलेख का पंजीयन ना कर लगातार टाल मटोल करते रहे। कस्तूरचंद ने खसरा नंबर 17/7 व 17/8 के विक्रय विलेख का पंजीयन जी.के. प्लाजा के पक्ष में 16 दिसम्बर 2016 को किया। विक्रय विलेख के आधार पर तहसीलदार दुर्ग के न्यायालय में नामांतरण प्रकरण प्रस्तुत किया गया, जिसमे कस्तूरचंद लोढा के मूल ऋण पुस्तिका संलग्न की गई। नामांतरण प्रकरण में कस्तूरचंद लोढा स्वयं उपस्थित भी हुए। इसके बाद राजस्व न्यायालय के नामांतरण प्रकरण में ऋण पुस्तिका संलग्न होने के बावजूद ऋण पुस्तिका गुम हो जाने की झूठी सूचना थाने में दी, जबकि उन्हें ऋण पुस्तिका के प्रकरण में संलग्न होने की जानकारी थी।
साथ ही ऋण पुस्तिका गुम होने के आधार पर तहसील न्यायालय दुर्ग में कस्तूरचंद लोढा झूठा शपथ पत्र भी राजस्व न्यायालय में प्रस्तुत किया, साथ ही अपना स्वयं का तथा विनोद जायसवाल निवासी रवान, बलौदाबाजार (छ.ग.) का झूठा बयान राजस्व न्यायालय के समक्ष देकर ऋण पुस्तिका की द्वितीय प्रति प्राप्त की। कस्तूरचंद लोढा ने डुप्लीकेट ऋण पुस्तिका प्राप्त करने के प्रकरण में पूर्व में विक्रय कर चुके खसरा नंबर 17/7 व 17/8 को भी अपने स्वामित्व व आधिपत्य का होना बताकर उसका इंद्राज भी ऋण पुस्तिका में करा लिया, जिससे उक्त संपत्ति की अफरातफरी कर सके। इसके अतिरिक्त उक्त ऋण पुस्तिका के माध्यम से हमारे साथ में हुए सौदा शुदा भूमि खसरा नंबर 17/11 को पुत्र विनय जैन के नाम पर दान भी कस्तूरचंद ने 05 अगस्त 2019 को कर छल व धोखाधड़ी की है। इसके साथ ही खसरा क्रमांक 17/05 को संजय गोयल पद्मनाभपुर दुर्ग निवासी को विक्रय किया। इससे स्पष्ट है कि संजय गोयल और विनय जैन के विरूद्ध छल-कपट व धोखाधड़ी किए जाने के संबंध में पुलिस विवेचना कर रही है।