भिलाईनगर। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, भाजपा के वरिष्ठ कद्दावर नेता प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर तीखा हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश को अपराधगढ़ बना दिया है। झूठे वादे करके आई इस सरकार ने वादाखिलाफी में कोई कमी नहीं की है। इस सरकार ने यहां की महिलाओं, नौजवानों, किसानों, गरीबों, आवासहीनों के साथ धोखा किया है। यही कारण है कि इस नगरी निकाय चुनाव में प्रदेश की जनता ने कांग्रेस सरकार को सबक सिखाने का फैसला किया है।
गदा चौक, सुपेला स्थित भाजपा के मुख्य चुनाव कार्यालय में पाण्डेय ने पत्रकारों से बातचीत की। इस अवसर पर वैशाली नगर विधायक विद्यारतन भसीन, निकाय चुनाव प्र्रभारी भूपेन्द्र सवन्नी, भिलाई शहर भाजपाध्यक्ष वीरेन्द्र साहू भी उपस्थित थे। प्रेसवार्ता में काँग्रेस के विरुद्ध एक आरोप पत्र जारी करते हुए पाण्डेय ने बताया कि, पिछले 3 वर्षों में काँग्रेसी शासनकाल में प्रदेश बदहाली की स्थिति में पहुँच गया है। नगरीय निकायों में विकास शून्यता की स्थिति उत्पन्न हो गई है। स्थिति यह है कि निकायों में कर्मचारियों को वेतन तक नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश में भगवा ध्वज का अपमान का सिलसिला चल रहा है। वहीं प्रदेश में जबरन धर्मांतरण की कोशिश के कई मामले सामने आ रहे हैं।
पाण्डेय ने कहा कि, छत्तीसगढ़ पहले शांति के टापू के रूप में जाना जाता था लेकिन आज कांग्रेस की सरकार ने इसे अपराध का गढ़ बना दिया है। पूरा छत्तीसगढ़ नशा माफियाओं के सुपुर्द कर दिया गया है। जिसके चलते राजधानी रायपुर और अन्य शहरों में लगातार घटनाएं हो रही हैं। शराबबंदी का वादा करने वाली काँग्रेस सरकार ने कोरोनाकाल में भी होम डिलीवरी के माध्यम से घर-घर शराब बेचा, यह जनता के साथ विश्वासघात था। पाण्डेय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में संपत्ति कर को आधा करने का वायदा किया था लेकिन संपत्ति कर में एक रुपए की भी कटौती नहीं की गई। यहां की जनता के साथ धोखा किया गया।
निर्दलीय प्रत्याशी ने दिया भाजपा को समर्थन
इस अवसर पर वार्ड-9 से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में दो पत्ती चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ रही शांति देवी वर्मा ने भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी रानी देवी केसरवानी के पक्ष में अपना समर्थन देते हुए नाम वापस लेने की घोषणा की है। चुनाव पार्टी कार्यालय में शांति देवी वर्मा का सम्मान किया गया। इस अवसर पर पाण्डेय ने कहा कि, शांति देवी वर्मा ने नगर निगम चुनाव में 1-1 वोट की महत्ता को समझते हुए भाजपा को अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है। पूर्व में नगर निगम चुनाव में एक मतदाता के पास 2 वोट डालने का अधिकार था इसे भी काँग्रेस ने छीन लिया। चुनाव की गंभीरता को देखते हुए शांति देवी वर्मा ने यह फैसला लिया। उनका यह फैसला स्वागत योग्य है। उनके समर्थन से भाजपा को बल मिला है।