रायपुर। सदन के इतिहास में यह दूसरी बार हुआ है जबकि एक प्रश्न पर पूरा प्रश्नकाल ही निकल गया, प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेर कर रख दिया। हंगामा इस कदर बढ़ा कि पहले कऱीब दस मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित की गई और उसके बाद जबकि शून्यकाल शुरु हुआ हंगामा बदस्तुर जारी रहा और सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। भाजपा विधायकों ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य वापस लेने की परिस्थिति पर सवाल उठाए। हंगामा इतना बढ़ा कि भाजपा विधायकों ने गर्भगृह (वेल) में उतरकर नारेबाजी शुरू की।विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित 11 भाजपा विधायकों को निलंबित कर दिया।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव ने कहा, साल 2020-21 के लिए केंद्र सरकार ने 7 लाख 81 हजार 999 मकान बनाने का लक्ष्य तय किया था। इस लक्ष्य को केंद्र सरकार ने वापस ले लिया है। 2019-20 के लक्ष्य में भी 300 करोड़ से अधिक का केंद्रांश बकाया है। वहीं राज्यांश के 700 करोड़ के लिए सरकार लोन लेने की कोशिश कर रही है।
इस जवाब के बाद भाजपा विधायकों ने हंगामा कर दिया।
अजय चंद्राकर सहित कई भाजपा विधायकों ने इस जवाब पर आपत्ति की। उनका कहना था, सरकार रोज नई-नई घोषणाएं कर रही हैं, लेकिन गरीबों का घर बनाने के लिए उसके पास पैसा नहीं है।
जवाब में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, केंद्र सरकार हमारे जायज हक का 20 हजार करोड़ रुपए जारी कर देती तो ऐसी नौबत नहीं आती। उन्होंने कहा, लोन लेने की भी अपनी एक सीमा है। उसको पार नहीं किया जा सकता। संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। मंत्रियों ने कहा कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव कर रही है। बहस तीखी होती गई। इस बीच 40 मिनट से अधिक बीत गए।
भाजपा विधायकों ने राज्य सरकार पर गरीबों का छत छीनने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में उतर गए। उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने तय प्रक्रिया के तहत सभी को निलंबित घोषित कर दिया। उसके साथ सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।