भिलाई नगर 20 दिसंबर 2021:- दुर्ग जिले मे नगर निगम भिलाई, रिसाली,भिलाई-चरोदा, नगर पालिक परिषद जामुल व उतई मे एक वार्ड के लिए आज सुबह 8:00 बजे से सभी मतदान केंद्रों में मतदान प्रारंभ हुआ। ठंड के बावजूद भी मतदान के प्रति लोगो की जागरूकता दिखाई दी। कुछ मतदान केन्द्रो पर मतदाताओ की लंबी कतार भी देखने को मिली। सुबह 10 बजे तक भिलाई मे 10 प्रतिशत,रिसाली मे 12.25 प्रतिशत भिलाई-चरोदा मे 09 प्रतिशत तथा जामुल मे 10 प्रतिशत तक मतदान होना बताया गया है सभी मतदान केन्द्र पर सुरक्षा की तगडी व्यवस्था की गई है जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बद्रीनारायण मीणा सुबह से ही मतदान केंद्र पर नजर रखे हुए है। मतदान की सुबह मतदान करने भारी संख्या में वोटर पहुंच रहे हैं मतदान सेंटर ,वहीं वार्ड नंबर 38 में आईटीआई परिसर में भारी संख्या में पुलिस छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव के लिए वोटिंग आज सुबह 8 बजे से शुरु हो गई। कड़कड़ाती ठंड की परवाह किए बगैर सुबह से मतदान केंद्रों में वोटरों की लंबी लाइन लगनी शुरु हो गई है। भिलाई के शासकीय नवीन प्राथमिक शाला सुपेला में बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष अपने मताधिकार का प्रयोग करने सुबह 8 बजे से पहले ही पहुंच गए। वोट डालकर उन्होंने खुशी का इजहार किया।भिलाई नगर निगम में है त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति
कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए बेहद प्रतिष्ठापूर्ण भिलाई नगर निगम के चुनाव में निर्दलीय और बागी उम्मीदवार उनके बहुमत के अरमानों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। 70 वार्डों वाले इस निकाय में 22 वार्डों में त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति है। इनमें कई वार्डों में पार्टी प्रत्याशियों पर निर्दलीय भारी पड़ रहे हैं। वहीं कई वार्डों में तो जीत से दूर हैं, लेकिन दलों का समीकरण उलट-पुलट दे रहे हैं। इसी तरह 17 वार्डों में कांग्रेस-भाजपा के बीच घमासान है। परिणाम किस करवट बैठेगा राजनीतिक पंडित भी इसका ठीक-ठीक अनुमान नहीं लगा पा रहे हैं।31 वार्डों में ही अभी कुछ साफ तस्वीर सामने आ रही है। हालांकि मतदाताओं की खामोशी को देखते हुए पार्टी, प्रत्याशी और उनके समर्थक भी अपनी जीत को लेकर निश्चिंत नहीं है। किसी में भितरघात का डर समाया है तो कोई प्रभाव और दबाव जैसे शब्द के चलते संशकित हैं। जिस तरह से पूरे चुनाव में कांग्रेस अपने असंतुष्टों को मनाने में सफल रही, उनको अपनों से नुकसान का खतरा कम है। भाजपा में ही बागी ज्यादा खेल बिगाड़ते नजर आ रहे हैं।भिलाई और रिसाली व चरोदा का चुनाव सीएम की नाक का सवाल
जिले के चारों निकायों में हो रहा चुनाव कांग्रेस और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए यह नाक का सवाल है। भले ही यह स्थानीय सरकार का चुनाव है, लेकिन यह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार की लोकप्रियता का भी परीक्षा है। चुनाव के दौरान कांग्रेस ने प्रदेश में अपने तीन साल के कार्यकाल की उपलब्धियों और छत्तीसगढिय़ा सरकार के नाम पर ही जनता से वोट मांगा है। चारों निकाय स्वयं मुख्यमंत्री के निवास क्षेत्र से लगे हैं। इसी तरह रिसाली निगम जहां गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और चरोदा निगम व जामुल नगर पालिका पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार का निर्वाचन क्षेत्र है। इसलिए उनकी भी साख दांव पर है। 23 दिसंबर को आने वाला जनमत कांग्रेस कार्यकाल की पसंद और नापंसद का फैसला होगा।
तीन निगम, एक पालिका व उतई नगर पंचायत के एक सीट पर मतदान शुरू हो गया है। सोमवार को सुबह तय समय पर मतदान की प्रक्रिया शुरू कर दी। मौसम में बदलाव के कारण अचानक बढ़ी ठंड का असर मतदान केन्द्रों में भी दिख रहा है। सुबह 8 बजे शुरू होने के बाद भी मतदान केन्द्रों में वोट देने अपने वालों की संख्या कम दिख रही है। इसके अलावा वोट देने में भी लोगों को समय लग रहा है। मतदान कार्य में लगे अधिकारी भी इस बात को मान रहे हैं। मतदान केन्द्रों में सुबह 10 बजे तक लोगों की आमद काफी कम रही। 10 बजे के बाद लोगों ने मतदान केन्द्रों में पहुंचना शुरू किया। अधिकारियों का कहना है दोपहर बाद मतदान केन्द्रों में भीड़ बढ़ने की संभावना है।
बता दें दुर्ग जिले में चुनाव के लिए सभी निकायों में 733 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से भिलाई में 463, रिसाली में 122, भिलाई चरौदा में 112 दल, जामुल में 35 व उतई में 1 मतदान केन्द्र बनाया गया है। इसके अलावा सभी मतदान केन्द्रों में 61 सेक्टर ऑफिसर की नियुक्ति की गई है जो मतदान पर अपनी निगरानी रखेंगे। इस वजह से मतदान में हो रही देरी
मतदान केन्द्रों में आज वोट देने वालों को भी काफी देर लग रही है। प्रदेश में इस बार इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की जगह बेलेट पेपर से मतदान कराया जा रहा है इसके कारण लोगों को काफी इंतजार भी करना पड़ रहा है। लंबे समय बाद लोगों बैलेट पेपर से मतदान कर रहे हैं। इलेक्ट्रानिक मशीन की अपेक्षा बैलेट पेपर से वोटिंग में अतिरिक्त समय लग रहा है। मतदान दलों का भी मानना है कि इस प्रक्रिया में समय ज्यादा लग रहा है।