दुर्ग। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती अर्चना उपाध्याय की उपस्थिति में आज जिला पंचायत दुर्ग के सभाकक्ष में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की गई। आज एक प्रकरण में आवेदिका ने अपने पति के अलावा सास ससुर और और एक सौतन के खिलाफ शिकायत की थी। आयोग की सुनवाई के दौरान पता चला अनावेदक ने आवेदिका से विवाह के पूर्व एक अन्य लड़की से संबंध रखा था तथा लड़की के मांग पर सिंदुर भरकर रहता था। फिर सास ससुर के समझाईश पर महिला से संबंध तोडकर रहा था किन्तु पुन: सौतन के साथ संबंध बनाना चालू किया। अनावेदिका सौतन ने बताया की वह अनावेदक से फेसबुक पर दोस्ती किया एवं आवेदिका शक करती थी इसलिए अनावेदिका सौतन अनावेदक के साथ अलग से रह रहे थे।
सुनवाई के दौरान यह साबित होता है कि अनावेदक चरित्रहीन होने की आशंका है ऐसी दशा में अनावेदिका सौतन को रायपुर के नारी निकेतन भेजने का आदेश आयोग द्वारा तत्काल दिया गया है जिससे अनावेदक उसकी जिन्दगी बरबाद ना कर सके। इस स्तर पर आयोग द्वारा आवेदिका से पूछा गया की वह अनावेदक के खिलाफ क्या कार्यवाही चाहती चूंकि उनका एक पुत्र भी है। जिस पर आवेदिका ने समय की मांग की प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया है।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदक के साथ उसने आर्य समाज में शादी किया था, जिसके बाद अपने-अपने घर में रह रहे थे। लेकिन परिवार को जानकारी देने का अपने अपने घर में रहना तय किये थे इस बीच में अनावेदक ने आवेदिका को प्रताडि़त कर और बहाना बनाकर 4 लाख रुपये अपने पिता के बैंक खाता में लिया था। इस बात की पुष्टि अनावेदक ने आयोग के सामने स्पष्ट किया है। आवेदिका अनावेदक से अपने 4 लाख रूपये वापस चाहता है और शादी को अमान्य करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया है।
इस स्तर पर अनावेदक से पूछे जाने पर आवेदिका का 4 लाख रूपय कितने दिन में वापस करेंगा। इस पर अनावेदक ने 3 पोस्ट टेडेट चेक 1 लाख पच्चास हजार का तीन चेक देने का वादा किया है और आयोग के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। पूरे राशि मिल जाने के बाद अनावेदक आयोग कार्यालय नहीं पहुंचेगा तो अनावेदक व उसके पिता के खिलाफ प्रताडऩा और आर्थिक शोषण की तत्काल अपराध दर्ज आवेदिका करा सकेगी इस प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के साथ उसके दो बेटे 25 व 23 वर्ष के उपस्थित हुए, आयोग के समक्ष आवेदिका ने अनावेदक के विरुद्ध थाने में एफआईआर दर्ज कराया है जिसमें अनावेदक जमानत पर छूटा है। अनावेदक पर महिलाओं से अवैध संबंध व सट्टाबाजी की शिकायत है। अनावेदक सट्टाबाजी करने को स्वीकारा और अन्य आरोपों को स्वीकार नही किया क्योंकि प्रकरण महिला आयोग में संज्ञान लेने लायक नही है किन्तु दोनो पक्ष अपने मामले पर कार्यवाही आयोग से कार्यवाही करवाने हेतु निवेदन किया है। अनावेदक का मासिक वेतन 75000 रुपये है और एक मकान है जिसे दोनो बेटे के नाम पर देने को तैयार हुआ। आवेदिका ने भी इसे मांग के लिए प्रकरण प्रस्तुत किया था। अनावेदक मकान देने के एवज में आवेदिका से कुछ भी लेना नहीं चाहता है सिर्फ यह मांग कर रहा है कि एक वर्ष तक आवेदिका व दोनो बेटे उन्हे भोजन देने की व्यवस्था करने का मांग किया है। जिसके लिए दोनो पक्षों के बीच लिखित राजीनामा कराई जाने की मांग की है । दोनो पक्षों का अपना-अपना 10-10 शर्तो का लिखित राजीनामा लेकर रायपुर महिला आयोग मुख्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए जिससे कि इस प्रकरण का निराकरण किया जा सके।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका उपस्थिति रही अनावेदिका सुनवाई में लगातार तीन बार अनुपस्थित है। आयोग की ओर से सूचना मिलने के बाद भी और जानबूझकर आयोग के सामने उपस्थित नहीं होकर आयोग सुनवाई की अवहेलना कर रही है। आवेदिका के पति के नाम से मकान का स्वामित्व नगर निगम में दर्ज है। पूर्व में अनावेदिका 15000 रुपये किराया जमा करती थी। पर मार्च 2019 से किराया देना बंद किया है। और 34 माह पूरे हो चुके है आज तक 510000 रुपये किराया भी नहीं दिया है और आवेदिका और उसके परिवार के साथ गाली गलौच और दुव्र्यवहार भी किया गया आवेदिका के विरुद्ध दांडिक कार्यवाही भी किया जा सकता है। अपराधिक मामलो में फसाने अनावेदिका ने धमकी भी आवेदिका को दिया है, जिसे आवेदिका ने लिखित शिकायत आयोग में किया है।
आवेदिका का मकान मालिक होने के संबध में पर्याप्त वैधानिक दस्तावेज है। और अनावेदिका बिना किराया दिए आवेदिका व उनके परिवार को डरा धमका कर अवैध रूप से रह रही है। और किरायानामा की दस्तावेज का अवहेलना कर रही है। ऐसी स्थिति में अनावेदिका के खिलाफ बेदखली की कार्यवाही आवेदिका कर सकती है। जिसके लिए आवेदिका आयोग की कार्यवाही की प्रमाणित प्रतिलिपि लेकर एसडीएम कार्यालय में अनावेदक को बेदखल करने की आवेदन कर सकती है जिसकी एक प्रति कलेक्टर महोदय को देकर आवेदिका के प्रकरण में कार्यवाही करने के एस.डी.एम को निर्देशित कर सकते है। इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया है कि जून 2021 में विवाह हुआ है। दो माह के बाद बुरे व्यवहार के कारण उन्हें बाहर निकाल दिया गया था। आवेदिका डेढ़ साल पहले से अनावेदक के घर साथ में रह रही है। पति पत्नी ने बताया कि 1 वर्ष 5 माह प्रेम प्रसंग के बाद शादी किया था। अनावेदक के मा और बहन के कारण आवेदिका के दाम्पत्य जीवन व्यतीत नही कर सकता है इस बाबत आवेदिका को शिकायत है। अनावेदक प्राईवेड कंपनी में कार्य करता है जिसका 30000 रुपये मासिक वेतन है। अनावेदक ने बताया है कि उसने आवेदिका के विरुद्ध तलाक का मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया है। शादी को अभी 6 माह भी नहीं हुआ है तलाक का मामला न्यायालय लगाया जाना नियमता संभव नहीं है। और चूंकि आवेदिका अनावेदक के निवास स्थान में रह रही है।
आवेदिका के रहने और जीवन यापन करने का जिम्मेदारी अनावेदक का रहेंगा। आवेदिका का जीवन की सुरक्षा का भी अनावेदक का रहेगा। आयोग द्वारा पति पत्नी को अपने दाम्पत्य जीवन सामंजस्य लाने का प्रयास करे। इस प्रकरण की निगरानी अधिवक्ता पूजा मोगरी व एल्डरमेन श्रीमती रत्ना नारमदेय करेंगी , पति पत्नी को किसी भी प्रकार की कोई समस्या होता है तो निगरानी हेतु नियुक्त सदस्यों से बात कर सकते है। यदि भविष्य में किसी भी प्रकार की कोई विवादित स्थिति होती है तो महिला आयोग में शिकायत की जा सकती है। इस प्रकार प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। आज जनसुनवाई में 30 प्रकरण में 28 पक्षकार उपस्थित हुए तथा 8 प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया शेष अन्य प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया।