भिलाईनगर। भिलाई सहित रिसाली और भिलाई-चरोदा नगर निगम में काँग्रेस का महापौर बनना तय नजर आ रहा है। काँग्रेस अपने महापौर प्रत्याशी को लेकर अंतिम समय में पत्ता खोलेगी। भिलाई और रिसाली में काँग्रेस अपने दम पर ही महापौर पद के लिए जरूरी बहुमत हासिल कर चुकी है। जबकि भिलाई-चरोदा में काँग्रेस को महापौर के जादुई आंकड़े को हासिल करने महज दो पार्षदों की जरूरत पड़ेगी। बतातें हैं चरोदा निगम से निर्दलीय जीते आए चार पार्षद काँग्रेस के साथ मिल गए हैं। ऐसे में चरोदा में काँग्रेस के महापौर बनने पर कोई संदेह नहीं रह गया है। भिलाई नगर निगम की बात करें तो काँग्रेस यहाँ पर 37 पार्षद के साथ बिना किसी अन्य का समर्थन लिए अपना महापौर बनाने की स्थिति में है। लेकिन चार निर्दलीय पार्षदों के कांग्रेस प्रवेश कर लेने से उसके पास 41 पार्षदों का समर्थन हासिल हो गया है वहीं भिलाई नगर निगम में जीत कर आये एक वरिष्ठ निर्दलीय पार्षद भी देर सवेर काँग्रेस प्रवेश कर रहे हैं। बताया जाता है कि, मुख्यमंत्री के भिलाई-दुर्ग प्रवास के दौरान आयोजित किसी कार्यक्रम में उनका प्रवेश करने की प्रक्रिया सार्वजनिक रूप से होगी। काँग्रेस हाईकमान ने उपरोक्त निर्दलीय प्रत्याशी को काँग्रेस प्रवेश के लिए हरी झंडी दे दी है।
बताया जाता है कि, भिलाई विधायक भी उपरोक्त निर्दलीय प्रत्याशी के काँग्रेस प्रवेश के पक्ष में हैं । महापौर और सभापति चुनाव के दौरान वोटिंग की नौबत आती है तो उपरोक्त वरिष्ठ निर्दलीय पार्षद का झुकाव भी काँग्रेस की तरफ होगा। भिलाई नगर निगम में महापौर और सभापति के लिए काँग्रेस के पास अनेक दावेदार होने की वजह से काँग्रेस महापौर के लिए पार्टी हाईकमान निर्वाचित पार्षदों से गुफ्तगु कर रहा है। महापौर के लिए वार्ड 59 से निर्वाचित काँग्रेसी पार्षद एकांश बंछोर महापौर की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं। वार्ड 5 से निर्वाचित संदीप निरंकारी भी इस दौड़ में शामिल हैं। वार्ड 65 की वरिष्ठ पार्षद सुभद्रा सिंह भी महापौर की रेस में हैं। काँग्रेस हाईकमान अंतिम समय में महापौर पद के उम्मीदवार के नाम का पत्ता खोलेगी ऐसे में राजनीति के जानकारों का कहना है कि, एकांश बंछोर ही अंतिम समय में काँग्रेस महापौर पद के प्रत्याशी हो सकते हैं।
सभापति के लिए वार्ड 5 के पार्षद संदीप निरंकारी एवं वार्ड 7 की पार्षद आदित्य सिंह काँग्रेस हाईकमान की पसंद हो सकते हैं। दोनों में से सभापति का ताज किसे मिलेगा यह अभी गर्दिश में है। किन्तु काँग्रेस के बीच सभापति को लेकर बहुत कुछ ज्यादा खींचा तानी नहीं है। सारा माहौल काँग्रेस महापौर के लिए बना हुआ है। निगम में काँग्रेस को बहुमत से अधिक इतनी सीटें मिल चुकी हैं कि, महापौर पद के लिए किसी भी पार्षद द्वारा बगावत करने की हिम्मत नहीं जुटाई जायेगी। यदि किसी पार्षद ने महापौर पद के लिए बगावत किया तो काँगे्रस बिना देर किये उक्त पार्षद को बाहर का रास्ता दिखा सकती है। भाजपा और निर्दलीय इतनी संख्या में जीत कर नहीं आये हैं कि, बागी पार्षद उनका सहयोग ले पायेगा। ऐसे में अभी के माहौल को देखा जाये तो महापौर पद के लिए काँग्रेस में बगावत की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। जबकि महापौर बनाने के लिए कांग्रेस को 36 पार्षदों की दरकार थी। रिसाली नगर निगम में कांग्रेस 40 में से 21 पार्षदों के साथ बहुमत हासिल कर चुकी है। शुक्रवार को 5 निर्दलीय पार्षदों ने काँग्रेस प्रवेश करते हुए बहुमत को और भी ज्यादा मजबूती प्रदान कर दिया है।
भिलाई से एकांश, नीरज, संदीप, सुभद्रा व आदित्य के नाम की चर्चा
भिलाई नगर निगम का महापौर पद अनारक्षित होने से कांग्रेस के जीते हुए अनेक पार्षदों की बांछे खिली हुई है। लेकिन फिलहाल कांग्रेस के एकांश बंछोर, नीरज पाल, संदीप निरंकारी, सुभद्रा सिंह और आदित्य सिंह को महापौर पद का प्रबल दावेदार मानकर राजनीतिक गलियारे में चर्चा सरगर्म है। एकांश बंछोर पहली बार पार्षद चुने हुए हैं। उन्हें विधायक देवेन्द्र यादव के पुराने राजनीतिक सलाहकारों में एक माना जाता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी उनकी नजदीकी कायम है। इस लिहाज से पहली बार पार्षद चुने जाने के बावजूद एकांश बंछोर महापौर पद के प्रबल दावेदार बन गए हैं। नीरज पाल लगातार जीतने वाले चुनिंदा कांग्रेस पार्षदों में एक हैं। विधायक देवेन्द्र यादव के साथ भी उनका तालमेल बेहतर होने से महापौर के लिए उनके नाम की चर्चा है। संदीप निरंकारी पूर्व विधायक भजन सिंह निरंकारी के पुत्र हैं। इनका भी ताल्लुक फिलहाल विधायक देवेन्द्र यादव और शहर जिला अध्यक्ष मुकेश चन्द्राकर के साथ बेहतर है। सुभद्रा सिंह भी अजेय पार्षदों में से हैं और तेज तर्रार छवि वाली है। विधायक देवेन्द्र यादव के साथ इनका संबंध भी ठीक ठाक है और खुद भी शहर जिला महिला कांग्रेस की अध्यक्ष हैं। आदित्य सिंह पहली बार पार्षद बने हैं। एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष आदित्य सिंह विधायक देवेन्द्र यादव की टीम के अहम सदस्य हैं। इस लिहाज से उनकी दावेदारी को नकारा नहीं जा रहा है।
भिलाई-चरोदा में निर्मल कोसरे को छोड़ दूसरा बेहतर विकल्प नहीं
भिलाई-चरोदा नगर निगम में कांग्रेस पहली बार अपना महापौर बनाने जा रही है। इसमें गनियारी वार्ड से जीत दर्ज करने वाले जिला ग्रामीण कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निर्मल कोसरे को छोड़ कांग्रेस के पास महापौर पद के लिए कोई दूसरा बेहतर विकल्प नहीं है। भिलाई-चरोदा नगर निगम के महापौर का पद अनुसूचित जाति महिला-पुरुष मुक्त रखा गया है। यहां के 40 में से छह वार्ड अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। जिसमें से तीन में कांग्रेस जीती है। निर्मल की जीती हुई गनियारी वार्ड उसमें से एक है। इसके अलावा देवबलोदा से भारती राम सूर्यवंशी और जी केबिन से के एक वार्ड से ललित दुर्गा कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज करने में सफल रहे हैं। पिछले बार महिला महापौर रह चुकी है। इसलिए इस बार कांग्रेस से महापौर पद के लिए भारती राम सूर्यवंशी को मौका मिलना मुश्किल नजर आ रहा है। वहीं ललित दुर्गा का ओडिशा का मूल निवासी होना भी महापौर पद पर उनकी दावेदारी को कमजोर कर रहा है। ऐसे में निर्मल कोसरे के सामने कोई भी टिकता नहीं दिख रहा है। निर्मल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेहद करीबी हैं। इस लिहाज से उनका महापौर बनना तय लग रहा है।
रिसाली निगम में गैर साहू होगी महापौर प्रत्याशी, केशव बंछोर होंगे सभापति
रिसाली नगर निगम में महापौर पिछड़ा वर्ग से ही होगा किन्तु साहू समाज से नहंी होगा इस बात के स्पष्ट संकेत मिल चुके हैं। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने अपनी बहू को चुनाव में ना उतार कर जो संदेश दिया है उसी पर कायम रहते हुए वे महापौर पद के लिए उनकी भांजी डॉ.सीमा साहू पर कोई दाव नहीं खेलने वाले। जानकारों के अनुसार सोनिया देवांगन एवं शशि सिन्हा में से किसी एक के सिर पर महापौर का ताज होगा वहीं सभापति की कुर्सी रिसाली नगर निगम के वरिष्ठ पार्षद केशव बंछोर के खाते में जा सकती है। सभापति के लिए काँग्रेस खेमे में केशव बंछोर के अलावा किसी अन्य नाम पर कोई चर्चा नहीं है। महापौर का पद पद अन्य पिछड़ा वर्ग महिला आरक्षित है। साहू समाज से ताल्लुक रखने वाली कुछ महिलाएं कांग्रेस की टिकट पर जीत दर्ज कर महापौर पद की स्वाभाविक दावेदार बन गई हैं। लेकिन चर्चा है कि, यहाँ के महापौर पद पर किसी गैर साहू अन्य पिछड़ा वर्ग की पार्षद को महापौर बनाने की तैयारी चल रही है। इसमें ममता यादव, शशि सिन्हा, सरिता देवांगन, सोनिया देवांगन जैसे नाम चर्चे में है। रिसाली नगर निगम का पहला महापौर बनाने में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की भूमिका अहम रहेगी। ऐसे में महापौर के लिए साहू समाज को प्राथमिकता दी जाती है तो गृहमंत्री पर अपने समाज का पक्ष लेने का आरोप लग सकता है। इसलिए गैर साहू को महापौर पद का प्रत्याशी बनाये जाने की चर्चा छनकर बाहर आ रही है।