कृष्णा पब्लिक स्कूल, नेहरू नगर के प्रांगण में हो रही है रामकथा

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भिलाईनगर। शिवानंद योग निकेतन नेहरू नगर के तत्वावधान में विगत 15 वर्षों से प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले श्री रामकथा का आयोजन इस वर्ष 24 दिसम्बर से पाँच दिवसीय रामकथा कृष्णा पब्लिक स्कूल नेहरू नगर के प्रागंण में किया जा रहा है।


कृष्णा पब्लिक स्कूल भारतीय संस्कृति के संरक्षक व पोषक की भूमिका भिलाई में सदा से निभाता रहा है। इसी परंपरा को जीवंत रखने के क्रम में शिक्षाविद्, कथावाचक, ज्ञानी एम. एम. त्रिपाठी कृष्णा ग्रुप के सानिध्य में कृष्णा पब्लिक स्कूल में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। यह कार्यक्रम निश्चित ही भिलाई निवासियों को ज्ञान और राम भक्ति से सराबोर करने में समर्थ है। कार्यक्रम के तृतीय दिवस रविवार को अपराह्न 3 बजे से शाम 6 बजे तक सफल रूप से पूर्ण हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के पूजन पं. सतीश त्रिपाठी के मंत्रोच्चार के साथ एम. एम. त्रिपाठी तथा पं. नीलमणि दीक्षित जी के करकमलों से माल्यार्पण व दीपप्रज्वलित कर किया गया। सम्मानीय राजीव त्रिपाठी तथा उनकी धर्मपत्नी ने ग्रंथपूजन किया। पटनायक, श्रीमती विभी तथा गीता महेश्वरी के द्वारा एम. एम. त्रिपाठी जी तथा कथा व्यास पं. नीलमणि दीक्षित का माल्यार्पण कर स्वागत व सम्मान किया गया।


कथा व्यास पं. नीलमणि दीक्षित (नित्य सत्संग मंडल दमोह, म.प्र.) के श्रीमुख से भक्तगण रामजन्म के पश्चात् दशरथ जी के चारों पुत्रों का नामकरण संस्कार और अयोध्या में चहु और उत्सव के वातावरण तथा चारों पुत्रों राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुध्न के नाम की सार्थकता का प्रसंग व व्याख्यान सुनकर धन्य हो गए। उन्होंने आज अपने व्याख्यान में रामजन्म के साथ भरत प्रसंग जिसमें भरत की राम के प्रति प्रेम, निष्ठा, समर्पण और भक्ति तथा राम जी का भरत के प्रति स्नेह का वर्णन किया। इस प्रसंग की प्रस्तुति ने सभागार के भक्तगणों को भाव विभोर कर दिया।


उपस्थित जन रामभक्ति में झूमने लगे। कथा के पूर्व पाठ का व्याख्यान का शुभारंभ करते हुए एम. एम. त्रिपाठी ने पं. नीलमणि को रामनाम की पीयूषधारा को प्रवाहित करने वाले कहकर उन्हे प्रणाम कर सम्मानित किया। उन्होंने अपने श्रीमुख से श्रीराम व भरत के अपार प्रेम व स्नेह को व्यक्त किया, भरत का निस्वार्थ प्रेम समाज को सीख देता है। उन्होंने अपने व्याख्यान में यह भी कहा कि राम और भरत का मिलाप संसार की अनूठी घटना है। इस घटना के निहितार्थ में विश्वबंधुत्व का वह पवित्रतम निर्मल भाव निहित है, जिसमें कि संपूर्ण मानव जाति को एक जुट करने का सामाजिक सौहार्द समाहित हो गया है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से नरेश खोसला, आनंद त्रिपाठी, प्रमोद त्रिपाठी, कृष्णा त्रिपाठी व अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल रूप प्रदान करने में शिवानंद योग निकेतन के अत्यंत कर्मठ कार्यकर्ताओं के साथ कृष्णा पब्लिक स्कूल के म्यूजिक व आर्ट डिपार्टमेंट व अन्य अध्यापक और अध्यापिकाओं का योगदान सराहनीय रहा।


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