भिलाईनगर। देश के चार धामों में से एक जगन्नाथ पुरी में भिलाई और भिलाई-चरोदा नगर निगम के महापौर व सभापति पद की राजनीतिक खिचड़ी पक रही है। दोनों निगम के काँग्रेसी और समर्थन में आ चुके निर्दलीय पार्षद इस वक्त पुरी में ही हैं। साथ गए संगठन के बड़े नेता उनकी निगरानी कर रहे हैं। क्रास वोटिंग की संभावना को रोकने सभी पार्षदों के मोबाइल फोन को कब्जे में लिए जाने की बात सामने आ रही है।
भिलाई नगर निगम के सभी काँग्रेस और उसके समर्थित निर्दलीय पार्षद ओडिशा के पुरी शहर में हैं। भिलाई-चरोदा नगर निगम के कांग्रेसी पार्षदों का दल भी मंगलवार को पुरी पहुंच गया है। इन सभी पार्षदों को कांग्रेस के बड़े नेता अपने घेरे में लेकर उनकी हर गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं। किसी भी पार्षद को अकेले में मोबाइल फोन पर किसी से बात करने की इजाजत नहीं है। पार्षदों के मोबाइल फोन जप्त कर लिया गया है। जरुरी होने पर साथ मौजूद कांग्रेस के नेता अपने मोबाइल फोन से पार्षदों को परिवार के लोगों से बात करा रहे हैं।
साथ गए काँग्रेस के एक नेता की माने तो अभी तक भिलाई और भिलाई-चरोदा नगर निगम के महापौर व सभापति पद के लिए किसी का भी नाम फायनल नहीं किया गया है। कांग्रेस के पार्षदों को हर परिस्थितियों में एकजुटता बनाए रखने की समझाइश दी जा रही है। अंतिम समय में पार्टी हाईकमान के निर्देश पर महापौर और सभापति पद के प्रत्याशियों का नाम सामने लाया जाएगा। संभावित दावेदारों के नाम सामने रख पार्षदों से अलग-अलग रायशुमारी की जा रही है। इस दौरान पार्टी संगठन के निर्णय अनुसार महापौर और सभापति के लिए जो भी नाम सामने आएगाए उसके पक्ष में मतदान करने के लिए सभी पार्षदों को तैयार किया जा रहा है।
गौरतलब रहे कि भिलाई नगर निगम के सभी कांग्रेस पार्षद और कुछ निर्दलीय रविवार को ही जगन्नाथ पुरी रवाना हो गए थे। चर्चा थी कि पुरी के बाद पार्षदों को गोवा ले जाया जाएगा। लेकिन अब वे कहीं और नहीं जाएंगे। पुरी से आकर सभी पार्षद 6 जनवरी को शपथ ग्रहण करने के बाद महापौर और सभापति चुनाव में हिस्सा लेंगे। भिलाई-चरोदा के काँग्रेसी पार्षद 23 दिसम्बर को मतगणना के बाद से ही बाहर हैं। कुछ दिन रायपुर में रखने के बाद पार्षदों को भोरमदेव मंदिर में दर्शन कराया गया। फिर सोमवार की रात को उन्हें पुरी रवाना किया गया है। अब 3 जनवरी को महापौर व सभापति चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्षद वापस आ जाएंगे।
कहीं नहीं गए रिसाली निगम के पार्षद
रिसाली नगर निगम में काँग्रेस ने बहुमत हासिल किया है। 40 में से 21 कांग्रेस पार्षद चुने गए हैं। वहीं कांग्रेस को पांच निर्दलीय पार्षदों ने भी समर्थन देने की घोषणा कर दी है। इस तरह से कांग्रेस यहां पर आसानी से अपना महापौर और सभापति बनाती दिख रही है। भिलाई और चरोदा के पार्षदों को अज्ञातवास पर ले जाया गया है। लेकिन रिसाली में कांग्रेस ने इसकी जरूरत नहीं समझी। रिसाली नगर निगम के कांग्रेसी पार्षदों को कहीं बाहर नहीं ले जाया गया है। सभी पार्षद यहीं पर बने हुए हैं। राजनीतिक पंडितों की माने तो 5 जनवरी को महापौर और सभापति पद के चुनाव से ठीक पहले सभी पार्षदों को कांग्रेस एक साथ रख सकती है।