महात्मा गाँधी पर अनर्गल टिप्पणी, कालीचरण महाराज गये जेल, छत्तीसगढ़ एमपी नेताओं में सियासी जंग, भाजपा नेताओं के सुर एक, काँग्रेसी हमलावर

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रायपुर। तथाकथित संत कालीचरण के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद शिकंजा कस दिया है। इस आरोपी ने महात्मा गांधी के खिलाफ अनर्गल बयान बयान बाजी करके हुए उनका अपमान किया था। इस मामले में अपराध दर्ज करने के बाद पुलिस ने अब कालीचरण के खिलाफ राजद्रोह का केस भी दर्ज किया है। इस आरोपी को रायपुर की अदालत में पेश किया गया,जहां उसे दो दिन की पुलिस रिमांड में भेजने का आदेश दिया गया।
गरमाई सियासत
इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ से लेकर एमपी तक सियासत गरमाई है। सबसे पहले एमपी के गृह मंत्री ने कालीचरण की गिरफ्तारी की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। इसके जवाब में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने पलटवार किया।


सीएम भूपेश बघेल का बयान
रमन सिंह , बृजमोहन अब भी कालीचरण के बयान की निंदा नहीं कर रहे है ।इसका मतलब है ये गोडसे के समर्थन में हैं।गोडसे मुर्दाबाद नहीं कह सकते ।ये मजबूरी में महात्मा गांधी की जय बोलते हैं। तेलगांना पुलिस छग की धरती पर आकर नक्सलियों के खिलाफ कार्यवाही करती है। पिछले महीने मध्यप्रदेश पुलिस छत्तीसगढ़ आई थी। उस दौरान एमपी पुलिस किससे पूछकर आई थी ।इस बात का जवाब दें नरोत्तम मिश्रा।कालीचरण की गिरफ्तारी से पीड़ा हो रही है।
भाजपा के लोग हिंदुत्ववादी हैं। इनको राम से कोई मतलब नहीं है।कोर्ट के आदेश से राम मंदिर बन रहा है। ये तो केवल जमीन का सौदा कर रहे है।बीजेपी के लोगों का काम राम नाम जपना पराया माल अपना है।पहले ये राम के नाम वोट की राजनीति करते थे।अब इनकी निगाह सम्पत्ति पर है।


सियासी प्रतिक्रियाएं तेज, किसने क्या कहा-कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे का बयान
एमपी के गृहमंत्री बचाव जैसा बयान दे रहे हैं। ये मध्यप्रदेश पुलिस की नाकामयाबी है।बापू पर अनर्गल करने वाले अपराधी को सारा हिन्दुस्तान खोज रहा है।कालीचरण एमपी में ठहरा था। तो एमपी पुलिस को जानकरी क्यों नहीं थी। एमपी पुलिस नहीं कर पाई इसलिए छत्तीसगढ पुलिस को गिरफ्तार करना पड़ा। इस प्रकार के साम्प्रदायिक बातों को बढ़ावा देने वालों का समर्थन बीजेपी के लोग क्यों करते हैं। ये देश के लिए दुर्भाग्यजनक है।
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का बयान
कालीचरण की गिरफ्तारी पर एमपी के गृहमंत्री द्वारा सवाल खड़े करने पर कहा- गिरफ्तारी का तरीका गलत नहीं है। अलग -अलग परिस्थितियों के हिसाब से पुलिस कार्रवाही करती है।
जहां जानकरी देना जरूरी है, वहां जानकारी दी जाती है। जहां जरूरी नहीं वहां जानकारी नहीं भी दी जाती है। राष्ट्रपिता से जुड़ा मामला था इसलिए जितना गोपनीयता बरती जानी चाहिए बरती गई। एमपी के गृहमंत्री कालीचरण के वक्तव्य को गलत मानते है तो उन्हें इस मामले में कुछ बोलना ही नहीं चाहिए।कालीचरण के खिलाफ धाराएं बढ़ाये जाने पर कहा-राष्ट्रपिता के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी से स्वमेव राष्ट्रद्रोह का मामला बनता है।इस मामले में नियम और कानून के तहत कार्रवाही की जाएगी।


कल कांग्रेस का मौन प्रदर्शन
राष्ट्रपिता पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले के विरोध में कांग्रेस करेगी मौन प्रदर्शन। कल सुबह 10.30 बजे से दोपहर 1 बजे तक होगा प्रदर्शन। पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम की अगुवाई में होगा प्रदर्शन। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी प्रदर्शन में शामिल होंगे।गांधी हमारे अभिमान नाम से होगा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
बृजमोहन ने भी गिरफ्तारी पर उठाए सवाल
भाजपा नेता एवं छग के पूर्व गृह मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कालीचरण की गिरफ्तारी पर उठाए सवाल उठाएं हैं।कहा गिरफ्तारी विधि सम्मत नहीं है ।इस तरह की गिरफ्तारी के पहले नोटिस दिया जाता है।दूसरे राज्य से गिरफ्तारी करते समय वहां की पुलिस को इन्फॉर्म किया जाना पड़ता है।कोर्ट में पेश किया जाना पड़ता है,इसलिए यह गिरफ्तारी विधि सम्मत नहीं है।


पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि गांधीजी के नाम पर इस प्रकार की कार्रवाई करना विधि सम्मत नहीं है। जो लोग छत्तीसगढ़ में प्रभु राम के खिलाफ राम का अपमान करते है।
माता सीता का अपमान करते है।ब्राह्मण समाज को गाली देते हैं,ऐसे लोगों के खिलाफ छत्तीसगढ़ की पुलिस और सरकार कभी एक्टिव नहीं होती है।उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती है।गांधी जी निश्चित रूप से सम्मानीय हैं। उनके खिलाफ इस तरीके के शब्दों का प्रयोग नहीं होना था।लेकिन गांधी जी की विचारधारा का पालन भी नहीं किया जा रहा है।


गांधी जी को लेकर लोगों के मन में जो सम्मान है वह कम होगा।
एमपी के गृह मंत्री ने दिया था ये बयान
छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई पर मध्य प्रदेश के गृहमंत्री ने उठाई आपत्ति उठाई है
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा यह संघीय ढांचे के खिलाफ है । छत्तीसगढ़ पुलिस को मध्य प्रदेश पुलिस को इन्फॉर्म करना चाहिए था। मैंने एमपी के डीजीपी को छत्तीसगढ़ के डीजीपी से बात करने के लिए कहा है।


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