रायपुर 31 दिसंबर 2021:- वर्ष 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी श्री आर. के. विज को अपने पूरे कार्यकाल के दौरान बस्तर में नक्सली उन्मूलन की दिशा में किए गए कार्यों से संतुष्टि की अनुभूति हुई. वे मानते हैं कि उनके द्वारा की गई मेहनत से नक्सली समस्याओं में अपेक्षित गिरावट दिख रही है.नक्सल क्षेत्रो मे पुलिस की रणनीति और योजना तैयार करने के साथ ही अन्य तकनीकी मामलो मे भी कार्य किया है।छत्तीसगढ मे माओवाद से निपटने मे सरकार ने कई कदम उठाये है इसमे कोई संदेह नही की छत्तीसगढ मे नक्सलियो का क्षेत्र सिमट रहा है,पुलिस व सुरक्षा बल को बस्तर के पूरे क्षेत्र को हिंसा एवं विनाश से मुक्त कराना है।पुलिस को सायबर मामले में बेहतर बनाने को भी वे अपने कार्यकाल की उपलब्धियों में शामिल करते हैं.उन्होने पुलिस सेवा के अनुभवो को साझा किया। उन्होने कहा कि कोविड 19 के दौरान पुलिस ने कई बेहतरीन मानवीय कार्य किया है
आईपीएस अधिकारी आर. के. विज 31 दिसम्बर 2021 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उन्होंने 1988 में अविभाजित मध्यप्रदेश में अपनी सेवा की शुरुआत किया था. रतलाम में प्रोबेशनर के रूप में अपनी पुलिस सेवा की शुरुआत करने वाले आर. के. विज ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्वालियर सिटी और फिर 14 वीं बटालियन ग्वालियर के कमांडेंट के बाद एसपी झाबुआ का पदभार संभाला. फिर वे प्रथम बटालियन इंदौर के कमांडेंट बने. एक साल के लिए उन्हें यूएन मिशन पर बोस्निया भेजा गयावहां से वापस आने पर उन्हें पुलिस कप्तान खरगोन की जिम्मेदारी मिली. छत्तीसगढ़ राज्य बनने पर यहां उन्होंने तीन साल तक एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के रूप में काम किया. फिर उन्हें डीआईजी सीआईडी के पद पर पुलिस मुख्यालय मे पदस्थ किया गया. इसके बाद आईजी बस्तर के रूप में आर. के. विज ने नक्सली उन्मूलन की दिशा में बेहतर रणनीति बनाकर काम किया. उन्होंने पुलिस मुख्यालय में आईजी प्रशासन के पद पर भी काम किया. फिर उन्हें आईजी दुर्ग रेंज की जिम्मेदारी दी गई. इसके बाद एडीजी नक्सल आपरेशन और डीजी प्लानिंग व फायनेंस की जिम्मेदारी का उन्होंने बखूबी निर्वहन किया.
कार्यकाल के दौरान उन्हें यूएन मिशन के तहत बोस्निया में उल्लेखनीय कार्य के लिए यूएनओ सम्मान से नवाजा गया, “ई चैम्पियन एवार्ड” के अलावा. उन्हें सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक व विशिष्ट सेवा मैडल से सम्मानित किया गया है . उन्होंने अंग्रेजी में 87 और सौ से भी अधिक हिंदी में समसामयिक लेख लिखा, जिसका प्रकाशन प्रमुख अखबारों में हुआ. पुलिस की 112 सेवा शुरुआत करने का श्रेय भी श्री विज को जाता है. इसके अलावा सायबर सेल, सीसीटीएनएस की स्थापना में भी उनकी भूमिका अग्रणी रही है. सायबर क्राइम को बडी चुनौती बताते हुए कहा कि सरकार को इस क्षेत्र मे पुलिस संसाधन और बढाने होगे पुलिस को भी साइबर क्राइम से निपटने कसनी होगी कमर,मध्य प्रदेश के भोपाल व इन्दौर मे पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू हो चुकी है,छत्तीसगढ को इस संबंध मे पहल करनी चाहिए। आज सेवानिवृत्त हुए आर. के. विज ने अपने दीर्घ सेवाकाल के दौरान नक्सल समस्या,पुलिस अधोसंरचना,पुलिस तकनीकी क्षेत्र के साथ ही साथ कानून व्यवस्था के क्षेत्र मे काम करने का बखूबी दायित्व निभाया है,उन्होने कहा कि 33 साल की पुलिस सेवा मे मैने पुलिस और समाज मे कई बदलाव देखे है,आम जनता की अपेक्षाये पुलिस के प्रति बढी है।सूचना का अधिकार ने पुलिस को अधिक जवाबदेह बना दिया है,विज ने कहा की डंडे वाली पुलिस अब कम्प्यूटर चलाने लगी है। विज ने कहा कि मैने सदैव अपनी मर्यादाओ मे रहकर अपने कर्तव्य का निर्वहन किया है,मुझे सभी युवा अधिकारियो से अपेक्षा है कि वे सभी पुलिस सेवा के माध्यम से लोगो की सेवा करे।