तिल्दा नेवरा। ग्राम गौखेड़ा सद्गुरू धाम आश्रम में सद विप्र समाज सेवा के तत्वधान में छह दिवसीय सत्संग का आयोजन किया गया। सत्संघ की प्रथम संध्या पर सद्गुरू स्वामी कृष्णानंद महाराज ने बताया कि, वर्तमान समय में समस्याओं का कारण यह है, कि हम हृदय शुन्य हो गए हैं। प्रेम शुन्य हो गए हैं। हृदय जोड़ता है, मस्तिष्क तोड़ता है। जीवन में प्रेम की उपलब्धि के लिए हमें सदगुरुदेव की शरण जाना होगा। वह प्रेम किसी खेत की उपज नहीं है ना तो बाजार में मिलने वाली वस्तु है। सच्चा प्रेम तो सद्गुरू के शरण में अपने अहंकार रूपी मस्तिष्क को त्यागकर प्राप्त कर सकते हैं।
सद्गुरू स्वामी कृष्णानंद ने कहा कि, अहंकार को त्यागकर मानव मात्र प्रेम को प्राप्त करने का अधिकारी है। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में इशारा करते हैं कि मैं ह्रदय देश में निवास करता हूं। स्वामी जी ने बताया कि, कोई किसी का शत्रू मित्र नहीं है, सभी परमात्मा के बनाए हुए चाल चरित्र पर अभिनय करते हैं, और अवधि समाप्त होने पर चले जाते हैं। राम रावण भी उसी अभिनय के पात्र थे। हमें सृजन का सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा संकल्प वान व्यक्ति ही जीवन में सफल होता है। संकल्प हीन के लिए ना इस लोक में कुछ है ना परलोक में कुछ है।
दिल्ली से पधारी कथावाचक माँ आदिश्री ने शंकर पार्वती संवाद के माध्यम से बताया कि माँ पार्वती को अमर कथा भगवान शंकर से प्राप्त हुआ और कैसे वह भगवती पार्वती आदि शक्ति का अवतार हुई। इस रहस्य पर उन्होंने अपनी वाणी के माध्यम से प्रकाश डाला कि कैसे हम समय के सद्गुरू के माध्यम से ब्रह्म प्राप्ति के रहस्य को जान सकते हैं और नर से नारायण बनना और नारी से नारायणी बनने की विधि प्राप्त कर सकते हैं।
कार्यक्रम के दौरान आचार्य संतोष शर्मा ने बताया कि, सदगुरुदेव जी के द्वारा प्रतिपादित दीप गुप्त विज्ञान प्रशिक्षण साधना शिविर समग्र छत्तीसगढ़ वासियों के सहयोग से साल में दो बार आयोजन किया जाता है। जो प्रथम जनवरी माह में दूसरा गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आयोजन होता है। जिसमें छत्तीसगढ़ के साथ-साथ विभिन्न राज्यों से साधक साधिका आते हैं और यहाँ पर साधना, प्रार्थना पद्धति सिखाई जाती है। प्रशिक्षण दिया जाता है। आज सभी अपने जगह पर कार्य पर सफल है।