भिलाईनगर। नगर पालिका जामुल में सबसे ज्यादा पार्षद वाली भाजपा में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव को लेकर लक्षण कुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है। खासकर अध्यक्ष पद का प्रत्याशी तय करने में पार्टी नेतृत्व का पसीना छूट रहा है। अंतिम समय में भाजपा के बिखरने की संभावना से अल्पमत के बावजूद कांग्रेस मौके पर चौका मारने के फिराक में लग गई है।
जामुल नगर पालिका चुनाव में भाजपा 20 में से 10 पार्षद के साथ बड़ी पार्टी बनी है। कांग्रेस को पांच और जोगी कांग्रेस को एक तथा निर्दलियों को चार वार्ड में जीत मिली है। इस तरह से भाजपा को अपना अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाने के लिए अपने 10 के साथ महज एक निर्दलीय को साधने की जरूरत पड़ेगी। जबकि कांग्रेस को इस आंकड़े तक पहुंचने के लिए अपने पांच को सहेजे रखने के साथ छह और पार्षदों को साधने की मशक्कत करनी पड़ेगी। इन आंकड़ों के लिहाज से भाजपा के लिए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद की राह आसान दिख रही है। लेकिन जिस तरह की खबरें सामने आ रही है उससे संशय की स्थिति बनी हुई है।
दरअसल भाजपा में अध्यक्ष पद के लिए रेखराम बंछोर प्रबल दावेदार हैं। सांसद विजय बघेल और पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय का बंछोर को खुला समर्थन है। जबकि बताया जा रहा है कि राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय और पूर्व विधायक सांवलाराम डाहरे सहित भाजपा का स्थानीय संगठन को रेखराम बंछोर के नाम पर एतराज है। कथित तौर पर यह खेमा अध्यक्ष पद पर रेखराम के बजाय लगातार पांचवीं बार पार्षद बनी कविता बिश्वाल या फिर दीपक गुप्ता के लिए अड़ा हुआ है। इससे भाजपा भाजपा का मैच बुरी तरीके से फंस गया है। इस वजह से पार्टी नेतृत्व को अध्यक्ष पद पर सर्वसम्मति बनाने में पसीना छूट रहा है।
कांग्रेस के नेता भाजपा में चल रही अंदरूनी उठापटक की खबर ले रहे हैं। फिलहाल भाजपा के सभी पार्षद कान्हा किसली की सैर करने गए हैं। 7 जनवरी को शपथ ग्रहण के साथ होने वाले अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव से पहले उनकी वापसी हो जाएगी। अंतिम समय में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए भाजपा का पत्ता खुलने के बाद कांग्रेस अपनी रणनीति को सामने लाएगी। चर्चा है कि भाजपा में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर सर्वसम्मति के अभाव में कांग्रेस इसका फायदा उठाने से चूकेगी नहीं।