रायपुर। नियमितीकरण की माँग को लेकर आंदोलन कर रहे मड़वा ताप विद्युत गृह के संविदा कर्मचारियों से आज प्रशासन ने जब कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए हट जाने का आग्रह किया तो आंदोलन कारियों ने पथराव शुरू कर दिया। मड़वा प्लांट में कुछ एसे कर्मचारी फंसे थे जो ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीज थे जिन्हें वहाँ से निकालना जरूरी था, एसे में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को हल्की पानी की बौछार का प्रयोग करना पड़ा।
ये कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलन पर हैं। कंपनी प्रबंधन तथा आंदोलन कारियों के बीच बातचीत भी लगातार चलती रही है। कर्मचारियों की मांगों को लेकर प्रशासन द्वारा भी लगातार मध्यस्थता की जा रही है। पूर्व में इन कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल के अध्यक्ष से बातचीत कराए जाने का आग्रह प्रशासन से किया था, इस पर प्रशासन ने चार जनवरी का समय तय किया लेकिन कर्मचारियों का कहना था कि वार्ता और जल्दी करायी जाए। इस पर प्रशासन ने तीन जनवरी की नयी तारीख तय की, आंदोलनकारी इस पर भी राजी नहीं हुए और वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आज ही बातचीत कराने की जिद करने लगे।
उनकी इस जिद के बावजूद प्रशासन ने सहानुभूति पुर्वक पहल करते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उनकी बात छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल के अध्यक्ष से कराई। इसके बाद भी आंदोलनकारियों ने हटने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती वो नहीं हटेंगे। इस पर जांजगीर कलेक्टर तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने आंदोलनकारियों को समझाइस दी कि उनकी सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जा रहा है, चुंकि कोरोना का संक्रमण गंभीर रूप से बढ़ रहा है इसलिए वे फिलहाल आंदोलन स्थल से हट जाएं। वरिष्ठ अधिकारियों की इस समझाइस पर आंदोलनकारियों में शामिल कुछ उपद्रवी तत्वों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी जिससे कई सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।