रायपुर। तिल्दा नेवरा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम गौरखेड़ा चिचोली में स्थापित सद्गुरू धाम आश्रम में चल रहे छह दिवसीय सत्संग में दूसरे दिन सद्गुरु स्वामी श्री कृष्णानंद जी महाराज ने हृदय को सफलता का द्वार बताते हुए भक्तजनों को बताया कि वर्तमान समय में हम मस्तिष्क वादी हो गए हैं जिससे निरंतर हत्याएं क्रूरता और आतंकवादी गतिविधियों का बढ़ावा हो रहा है . वहीं यदि हम मस्तिष्क की बजाय हृदय से काम ले तो एक सुखद और शान्त समाज की परिकल्पना साकार हो सकती हैं . स्वामी जी ने बताया की बचपन से ही हम बच्चे में प्रतिस्पर्धा का भाव ,ईष्र्या का भाव विकसित करते हैं, उनकी सोच को धन केंद्रित बनाकर महत्वकांक्षी बना देते हैं जिससे आगे चलकर वे प्रेम से, करुणा से दूर हो जाते हैं।
इसी स्थिति का नतीजा है आज का समाज। हम हमारे वेद पुराना शास्त्रों को हृदय से समझने की बजाय मस्तिष्क से समझने की कोशिश करते हैं। भगवान कृष्ण गीता में कहते हैं हृदय देशे तिष्ठित अर्जुना। आज विज्ञान भी मानने लगा है मस्तिष्क रोग का कारण है जबकि हृदय व्यक्ति में नई चेतना संचार करता है.हृदयवान होने पर ही हममें करुणा का आगमन होगा जिससे हम स्वयं शांत होकर समाज के हित के लिए कार्य कर पाएंगे।
स्वामी जी ने दूरदराज से आए हुए हजारों श्रद्धालुओं को सामूहिक रूप से प्रेम साधना की प्रायोगिक विधि को बताया तथा ध्यान के माध्यम से सभी को हृदय में स्थित परमात्मा ऊर्जा का दर्शन कराया। दिल्ली से पधारी मानस मर्मज्ञ कथा वाचिका आदि श्री द्वारा रामचरितमानस के प्रसंगों द्वारा मानव मात्र के कर्तव्यों का रसपूर्ण व्याख्यान हुआ। भक्तजनों ने भजन संध्या के माध्यम से अपने भाव व्यक्त किया विशाल भंडारा द्वारा हजारों श्रद्धालु लाभान्वित हुए।