जांजगीर – चांपा 02 जनवरी 2022 :- जिले के मड़वा स्थित विद्युत विभाग के अटल बिहारी पावर प्लांट में बड़ा बवाल हो गया है। यहां प्लांट के विरोध और जमीन के बदले स्थायी नौकरी नहीं देने को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे लोगों ने प्लांट के बाहर पुलिसकर्मियों को घेरकर पीटा। उन पर जमकर पथराव भी किया है। इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। आंदोलनकारियों ने परिसर में खड़ी कई गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की और बस जला दी। साथ ही पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की गाड़ी को तोड़ दिया गया है। मड़वा ताप विद्युत संयंत्र के संविदाकर्मियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर यहां का प्रवेशद्वार जाम कर दिया। प्रशासन द्वारा समझाईश के बावजूद प्रदर्शन जारी रहा। इन्हें हटाने के लिए पुलिस ने जैसे ही वाटर कैनन छोड़ा, आंदोलनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद हालात काफी बिगड़ गए। संविदाकर्मी कर रहे थे रेगुलर करने की मांग
मड़वा ताप विद्युत गृह के भूविस्थापितों को 2015 पुनर्वास नीति के तहत प्लांट में संविदा पर नौकरी दी गयी थी, लेकिन लंबे समय के बावजूद इन्हें नियमित नहीं किया गया था। अपनी मांगों को लेकर आज आंदोलनकारियों ने प्लांट के गेट को जाम कर दिया। इससे आवाजाही बाधित हो गई।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 06 दिसंबर से अटल बिहारी ताप विद्युत गृह मड़वा तेंदूभांठा के संविदा कर्मी नियमितिकरण सहित 5 सूत्रीय मांगों को लेकर चरण बद्ध आंदोलन कर रहे हैं मगर उनकी मांगों को अनसुना किया जाता रहा है। इधर 01 जनवरी संविदा कर्मी और क्षेत्र के भूविस्थातिप परिवार की महिलाएं प्लांट का गेट बंद कर मुख्य द्वार के सामने ही प्रदर्शन कर रहे थे। आंदोलन का आज 28 वां दिन था और सुबह से ही समझौता वार्ता को लेकर गहमा गहमी का महौल प्लाट के बाहर और अंदर था। आज जिले के कलेक्टर, एसपी प्लांट अधिकारियों के अलावा प्रशासन के तमाम लोग अंदर मौजूद थे मगर बात नही बनी जिसके बाद शाम 05 बजे विडियो कांफ्रसिंग की बात तय हुई
जिसमें रायपुर स्तर के अधिकारी शामिल होते और हल निकाला जाता बैठक अंदर जारी थी मगर इसी बीच बाहर विवाद बढ़ गया पुलिस ने सख्ती दिखाई तो भारी तादात में मौजूद भूविस्थापित और महिलाएं उन पर टुट पड़े क्योंकि प्रदर्शनकारी आज सुबह से ही डंडो से लैस थे इसलिए महौल बिगड़ने में वक्त नही लगा और भीड़ पुलिसकर्मियों पर भारी पड़ गई। कई पुलिसकर्मियों को घेर कर पीटा गया महिला पुलिसकर्मियो को भी नही छोड़ा गया। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आसू गैस के गोले भी छोड़े हैं।अंदर फंसे थे सैकड़ों कर्मचारी, कलेक्टर- पुलिस अधीक्षक पहुंचे थे समझाने
आंदोलनकारियों द्वारा गेट जाम कर देने की वजह से प्लांट के सैंकड़ो कर्मचारी अंदर फंसे थे। कुछ ऐसे भी कर्मचारी फंसे थे जो ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीज थे, जिन्हें वहां से निकालना जरूरी था। इसके चलते खुद जांजगीर कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने आंदोलनकारियों से बात की और उनसे आंदोलन खत्म करने का अनुरोध किया। कलेक्टर ने ये भी कहा कि कोरोना के मद्देनजर इस तरह का आंदोलन करना अवैधानिक है, लेकिन आंदोलनकारी सुनने को तैयार नहीं थे। लिहाजा भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का पुलिस ने इस्तेमाल किया, जिसके बाद उग्र आंदोलनकारियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी।कई ग्रामीण और पुलिस के जवान घायल
पत्थरबाजी से कई पुलिसकर्मी भी चोटिल हो गये, लिहाजा पुलिस को हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को खदेड़ना पड़ा। वहीं आपा -धापी में 8-10 आंदोलनकारी अपने लोगों के पथराव से ही घायल हो गए। इस दौरान आंदोलनकारियों ने आगजनी की और वहां खड़े वाहनों में तोड़फोड़ भी की।