भिलाईनगर। श्रमिक यूनियन एचएमएस के वरिष्ठ नेता और क्षेत्रीय भविष्य निधि बोर्ड छत्तीसगढ़ के सदस्य एच.एस.मिश्रा ने प्रदेश में 55 से 60 प्रतिशत के करीब कारखाना, कंपनी और ठेकेदार अपने यहां कार्यरत कर्मचारी व श्रमिकों के भविष्य निधि की कटौती नहीं कर रहे हैं। भविष्य निधि के प्रति इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। इस संबंध में क्षेत्रीय भविष्य निधि कमिश्नर ने मय दस्तावेज शिकायत करने पर जुर्माना के साथ कार्यवाही का भरोसा दिया है। क्षेत्रीय भविष्य निधि कमिश्नर अभिषेक कुमार के साथ 3 जनवरी को उनके रायपुर कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक में क्षेत्रीय भविष्य निधि बोर्ड के सदस्य एच.एस. मिश्रा ने प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र में कर्मचारी एवं श्रमिकों के भविष्य निधि कटौती के प्रति कारखाना व कंपनी प्रबंधन सहित ठेकेदारों के द्वारा बरती जा रही लापरवाही से कमिश्नर अभिषेक कुमार को अवगत कराया।
मिश्रा ने बताया कि लगभग 55 से 60 प्रतिशत कारखाना, कंपनी और ठेकेदार भविष्य निधि की कटौती नहीं कर रहे हैं। जो कटौती कर रहे हैं वे भी पूरे 26 दिन की हाजिरी पर 12 से 13 दिन की कटौती कर रहे हैं। ऐसे कंपनी प्रबंधन और ठेकेदार कर्मचारी व श्रमिकों के भविष्य निधि का रिकॉर्ड भी दुरस्त नहीं रखते हैं। इस वजह से जरूरत पडऩे पर कर्मचारी व श्रमिकों को अपने हक से वंचित होना पड़ रहा है।
मिश्रा ने बताया कि बैठक में भविष्य निधि कटौती में लापरवाही की बिंदुवार दी गई जानकारी के बाद कमिश्नर अभिषेक कुमार ने कहा कि अगर यह सही है तो कंपनी प्रबंधन और ठेकेदार गलत कर रहे हैं। उन्हें भविष्य निधि के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। कमिश्नर अभिषेक कुमार ने एच.एस. मिश्रा को अपने लेटर पेड में भविष्य निधि कटौती में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों के फर्म का नाम पूरे पते के साथ उपलब्ध कराने को कहा है। उन्होंने भरोसा दिया कि जांच के बाद गलत करने वाले संस्थान और ठेकेदारों पर जुर्माना के साथ कार्यवाही की जाएगी।