राज्य में आर्थिक गतिविधियां नहीं होंगी प्रभावित – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल…. सभी वर्गों के सहयोग से कोरोना की तीसरी लहर को देंगे मात, गोधन न्याय योजना के तहत जारी की 5.37 करोड़ की राशि, गौपालकों को हो चुका 119.41 करोड़ रूपए का भुगतान

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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य के लोगों के सहयोग और सावधानी से हम कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को भी हराएंगे। उन्होंने लोगों से राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोविड गाईडलाईन का कड़ाई से पालन करने और सावधानियां बरतने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी है, टीकाकरण से छूटे लोगों और 15 से 18 वर्ष के किशोरों से उन्होंने अनिवार्य रूप से टीका लगवाने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की बीती दोनों लहरों को छत्तीसगढ़ राज्य ने सभी वर्गों के सहयोग से जिस प्रभावी ढंग निपटने में कामयाबी हासिल की थी, वैसी ही कामयाबी हम तीसरी लहर में भी हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के बावजूद भी हम राज्य की आर्थिक गतिविधियों को पूरी सावधानी के साथ जारी रखेंगे।


मुख्यमंत्री बघेल आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 5 करोड़ 37 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की, जिसमें बीते एक पखवाड़े में क्रय गोबर के एवज में 2 करोड़ 78 लाख रूपए भुगतान तथा गौठान समितियों को एक करोड़ 70 लाख और महिला समूहों को 89 लाख रूपए की लाभांश राशि शामिल है। गोबर खरीदी के एवज में राज्य के गौपालकों को 119.41 करोड़ रूपए हो जाएगा। गौठान समितियों को अब तक 44.43 करोड़ रूपए तथा महिला स्व-सहायता समूहों 28.88 करोड़ रूपए राशि लाभांश के रूप में दी जा चुकी है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि, गोधन न्याय योजना को हम मिशन मोड में संचालित कर रहे हैं, ताकि इसके जरिए गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से मार्केट की डिमांड के आधार पर प्रोडक्ट तैयार है और उसकी मार्केटिंग से समूह को ज्यादा से ज्यादा लाभ हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबर से विद्युत उत्पादन की शुरूआत करने के बाद अब गोबर से प्राकृतिक पेंट के निर्माण की ओर हम बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीते सवा सालों में गौठान आर्थिक रूप से मजबूत हुए हैं। गौठानों के जरिए स्वावलंबन के कार्यों में पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना के कार्य में तेजी लाने के साथ ही महिला स्व-सहायता समूहों को मार्केट की डिमांड के अनुसार उत्पादन तैयार करने की ट्रेनिंग देने की बात कही।


कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने गोधन न्याय योजना के तहत हर पखवाड़े में नियमित रूप से मुख्यमंत्री द्वारा गौपालकों को राशि जारी करने के लिए मुख्यमंत्री बघेल का आभार जताया। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना की पूरे देश में चर्चा है। देश के कई राज्य इसे अपनाने की दिशा में बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब वह दिन दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ राज्य के प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौठान होगा। उन्होंने कहा कि 10591 गौठानों की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिसमें से 7889 गौठान सक्रिय रूप से कामकाज करने लगे हैं। शत-प्रतिशत गौठानों के चालू हो जाने से आय की गतिविधियां बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट और अन्य उत्पादों के लाभांश से लगभग 100 करोड़ रूपए की आय हो चुकी है। वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट को खेती-किसानी के लिए बेहद उपयोगी बताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों का वर्मी खाद की ओर रूझान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद डीएपी की कमी को पूरा करने में गौठानों में बनी वर्मी कम्पोस्ट ने अहम रोल अदा किया है। उन्होंने गौठानों के रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में आयमूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किए जाने वाले मशीने जैसे दोना पत्तल मशीन, धान कुट्टी, कोदो-कुटकी प्रसंस्करण मशीन, हर्बल उत्पाद तैयार करने एवं तेल निकालने वाली मशीन की स्थापना के लिए शासन की योजनांतर्गत अनुदान सहायता दिए जाने का भी प्रावधान करने की बात कही।


कार्यक्रम के प्रारंभ में कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने गोधन न्याय योजना की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विशेष सचिव कृषि एवं गोधन न्याय योजना के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. एस. भारतीदासन ने गोधन न्याय मिशन की कार्ययोजना के संबंध में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, विनोद वर्मा, राजेश तिवारी, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू एवं श्रीमती रेणु जी. पिल्ले, प्रमुख सचिव शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला, सचिव वित्त श्रीमती अलरमेलमंगई डी., राजस्व विभाग के सचिव एन.एन. एक्का, संचालक भू-अभिलेख अभिजीत सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


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