भिलाईनगर। बीएसपी प्रबंधन ने एंसीलरी उद्योगों के हितों को ध्यान में रखते हुए नई एंसीलरी पॉलिसी को अप्रूवल दे दिया है। इसके तहत एंसीलरी को दिए जाने वाले टेंडर की सीमा 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख कर दी गई है। वही नए 95 आइटमों को एंसीलरी के लिए और रिजर्व किया गया है। इस नई पॉलिसी के लागू होने से एंसीलरी उद्योगों को वर्ष भर में मिलने वाले वर्क आर्डर में 50 से 55 करोड़ की वृद्धि का अनुमान है। इस निर्णय से एंसीलरी उद्योगों में हर्ष की लहर है।
कोरोना काल में जूझ रहे हैं एंसीलरी उद्योगों के लिए अच्छी खबर है। लगभग 10 वर्षों बाद बीएसपी के इस नए फैसले ने एंसीलरी उद्योगों के लिए संजीवनी का काम किया है। पिछले कई वर्षों के आंकड़े देखें तो बीएसपी द्वारा प्रतिवर्ष सहायक उद्योगों को 45 से 50 करोड़ तक का वर्क आर्डर ही मिल पा रहा है। हाल ही में पिछले 2 वर्षों में कोरोना के के कारण इन सभी उद्योगों की हालत और खराब हुई है। एंसीलरी उद्योगों को मिलने वाले काम में और बढ़ोतरी हो साथ ही एंसीलरी पॉलिसी में कुछ बदलाव हो इसे लेकर बीएसपी एंसीलरी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की नई टीम अध्यक्ष रतन दास गुप्ता के नेतृत्व में पिछले कुछ महीनों से लगातार बीएसपी के डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्बान दासगुप्ता एवं मैनेजमेंट के अधिकारियों से चर्चा कर रही थी।
इस नई टीम के प्रयास को पहली सफलता मिली है। जिसके तहत बीएसपी मैनेजमेंट ने एंसीलरी उद्योगों को दिए जाने वाले पांच लाख के टेंडर की सीमा को बढ़ाकर 7 लाख कर दिया गया है। इसके साथ ही एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए एंसीलरी उद्योगों के लिए नए 95 आइटम और रिजर्व किए गए हैं। इन्हें मिलाकर अब एंसीलरी उद्योगों को कुल 288 आइटम रिजर्व हो गए हैं। इसके साथ ही सीपीडी की क्षमता भी दोगुनी कर दी गई है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष रतन दास गुप्ता ने एंसीलरी हित में लिए गए इस निर्णय पर बीएसपी के डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्वाण दास गुप्ता एवं मैनेजमेंट के सभी अधिकारियों को बधाई दी है। दास गुप्ता ने बताया कि जो नए 95 आइटम एंसीलरी के लिए रिजर्व किए गए हैं वह लगभग 50 से 55 करोड रुपए के हैं। इससे अब उम्मीद जागी है कि बीएसपी से एंसीलरी उद्योगों को अब प्रतिवर्ष 100 करोड़ के लगभग का काम मिल सकेगा। दास गुप्ता ने बताया कि एंसीलरी हित में बीएसपी मैनेजमेंट द्वारा और कई कार्य किए जा रहे हैं, जिसकी जानकारी जल्द ही सभी के सामने आएगी।