किसानों को उचित मुआवजे की घोषणा जल्द करे सरकार, धान खरीदी की समय सीमा 31 जनवरी से आगे बढ़ाए बेमौसम बारिश में लाखों किसान बर्बादी के कगार पर, सरकार उचित मुआवजा दे किसानों को – तरुणा साबे बेदरकर

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अचानक खराब हुए मौसम के कारण प्रदेश के हजारों किसान धान नहीं बेच पाए,खरीदी की समय सीमा बढ़ाये सरकार – दंति पोयम, जिलाउपाध्यक्ष
बस्तर। बेमौसम लगातार हो रही बारिश के कारण प्रदेश के हजारों किसान अबतक अपना धान नही बेच पाए है वही अधिकतर किसानों की फसल बारिश में भीग कर खराब हो चुकी है ऐसे में सरकार को उन तमाम किसानों को उचित मुआवजा देने की घोषणा जल्द करनी चाहिए ताकि किसानों को हौसला मिल सके। पहले सूखा, और दिसंबर से आज जनवरी महिने में भी प्राकृतिक आपदा के रूप में आए बेमौसम बारिश, और भूपेश बघेल की तानाशाही सरकार और गलत निर्णयों के चलते प्रदेश के किसानों को तबाही के कगार पर खड़ा कर दिया है। अव्यवस्था और भ्रष्ट नौकरशाही के चलते किसानों का अरबों रूपयों का धान इस बारिश में भींग गया और सरकार और उसकी सारी व्यवस्था हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है।
आम आदमी पार्टी के बस्तर जिलाध्यक्ष तरुणा साबे बेदरकर ने 105 लाख टन धान खरीदी लक्ष्य लेकर जुमलाबाजी करने वाले भूपेश बघेल सरकार से पूछते हुए कहा कि धान का उचित रख रखाव और उठाव के लिए इस सरकार ने पर्याप्त संख्या में गोदामों की व्यवस्था क्यूं नहीं की? राज्य के 1300 गोदाम है जिसमें 24 लाख टन क्षमता तक ही धान का रखाव हो सकता है यह जानते हुए भी पहले से इंतजाम की व्यवस्था क्यूं नहीं की ?


तरुणा ने आगे कहा की भूपेश बघेल की एक व्यक्ति वाली सरकार को जबाव देना होगा। कांग्रेस को यह बताना होगा की राज्य का पूरा अमला सफेद हाथी की तरह क्यूं कार्य कर रहा है? जब तमाम संचार माध्यमों मे से बार बार ये सूचना दी जा रही है कि बारिश होगी तो धान को खराब होने से बचाने के लिए क्यूं पहले से इंतजाम नहीं किए। क्यूं मुख्यमंत्री का आदेश का इंतजार करना पड़ रहा है ? क्या प्रदेश के धान उत्पादक किसानों को बर्बाद करने के लिए धान खरीदी की तिथि एक महीने पीछे सरकाना पड़ा। क्यों?


भूपेश बघेल सरकार को किसानों का भींगा धान खरीदना होगा साथ ही जिन किसानों के धान बारिश में पूरी तरह बर्बाद हो गए है उनको हुए नुकसान की भरपाई करने जल्द उचित मुआवजे की घोषणा करनी होगी। ऐसा नहीं कि इसी वर्ष धान बर्बाद हुआ है वर्ष 2019-20 में 80 हजार टन धान खराब हुए जिसकी कीमत 590 करोड़ रूपये है। जबकि एक 10 हजार टन क्षमता का गोदाम बनाने की लागत 2 करोड़ रूपये तक आती है यह जानते हुए भी बघेल सरकार ने न अधिक गोदाम निर्माण कराए न गोदाम किराये पर लिया। न किसानों को पर्याप्त बारदाने उपलब्ध करवा पायी है। भूपेश बघेल की सरकार किसान हितैषी नहीं किसान विरोधी सरकार है। जल्द ही सरकार ने किसानों के लिए उचित मुआवजा की घोषणा नहीं की तो बस्तर जिला में आप आंदोलन करेगी।


दंतिराम पोयम ने भुपेश सरकार से मांग की है कि 31 जनवरी तक किसानों के धान नही बिक पाएंगे और ऐसे में किसान दोहरी मार तले दब जाएगा तो भूपेश सरकार धान खरीदी की समय सीमा को आगे बढ़ाए जिससे बचे सभी किसान को इसका लाभ मिल सके व वे अपने मेहनत से उगाए धान को बेच सके।


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