भिलाईनगर 20 जनवरी 2022:- सीमा सुरक्षा बल न केवल देश के बाहरी दुश्मन से लोहा लेती है बल्कि जरूरत पड़ने पर देश के भीतर घुसे देशद्रोहियों को कुचलने से भी पीछे नहीं रहती. छत्तीसगढ़ राज्य को नक्सल मुक्त बनाने में बल के जवान अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं. इसमें अब तक 24 जवान शहीद हो चुके हैं. सीमा सुरक्षा बल बीहड़ों में कैम्प स्थापित कर ग्रामीणों का विश्वास जीतने में लगी हुई है. कांकेर जिले में सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ ने तैनाती के मात्र 9 वर्षों में ही इस नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रहवासियों को मुख्य धारा में जोड़ पाने में सफल रहा है। विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा पाने में बीएसएफ सफल रहा है। इस सुदूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चे अब स्कूलों में जाने लगे हैं। इंटरनेट से जुड़ कर आज दुनिया को जान रहे हैं। ओवर ब्रिज, पुल, पुलिया, सड़क स्कूल के माध्यम से यहां के रहवासी जिला मुख्यालय से जुड़ गए हैं। अस्वस्थ व्यक्ति उचित इलाज के लिए अस्पताल तक पहुंच पा रहा है। यह कारनामा बीएसएफ ने कार्य करते हुए कर दिखाया है। परिणाम स्वरूप नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लोग बीएसएफ का सहारा पाकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे है।यह बातें आज एक पत्रकार वार्ता में सीमा सुरक्षा बल के प्रभारी महानिरीक्षक (स्पेशल ऑप्स) डीआईजी/PSO श्री समुंदर.सिह डबास सीमांत मुख्यालय भिलाई मे कही. उन्होंने बताया कि 18 जनवरी 2013 को बल मुख्यालय के निर्देशानुसार सीमांत मुख्यालय महानिरीक्षक (स्पेशल ऑप्स) छत्तीसगढ़ के रूप में गठन किया गया और 07 फरवरी 2013 को प्रभावी रूप से कार्य करना प्रारंभ कर दिया गया जिसका टेक हेडक्वाटर भिलाई में है।
सीमांत मुख्यालय महानिरीक्षक (स्पेशल ऑप्स) छत्तीसगढ़ ने सीमांत मुख्यालय महानिरीक्षक (स्पेशल ऑप्स) बैंगलोर से संचालन की जिम्मेदारी संभाली, जिसे अब भुवनेश्वर (उड़ीसा) में स्थानांतरित कर दिया गया है।
वर्तमान में सीमांत मुख्यालय महानिरीक्षक (स्पेशल ऑप्स) छत्तीसगढ़ के अंतर्गत 02 क्षेत्रीय मुख्यालय भिलाई एवं दुर्ग और 08 वाहिनियों तैनात है।
वर्ष 2009 में छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या के समाधान के लिए सीमा सुरक्षा बल को कांकेर जिला में तैनात किया गया। कांकेर के अति संवेदनशील बीहडो एवं दूरस्थ ग्रामीण तथा जंगली इलाके में सीमा सुरक्षा बल की टुकडियाँ कठिनाईयों से लड़ते हुए तैनात हुई, जिसके तहत सीमा सुरक्षा बल अपने कर्तव्य को सफलता पूर्वक अंजाम दे रहा हैं। सीमा सुरक्षा बल अपनी तैनाती के पश्चात अंदरूनी इलाके में कैम्प स्थापित कर धीरे-धीरे गांव वालों का भरोसा जीतने में कामयाब हुआ जिससे गांव वालों के दिल में सुरक्षा की भावना पैदा हुई है।
अब तक सीमा सुरक्षा बल ने छत्तीसगढ़ में अपने कठिन प्रयासों से कांकेर जिले में सक्रिय 102 हार्डकोर नक्सलियों (Maoist) को आत्मसमर्पण कराकर देश की मुख्यधारा में जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है। छत्तीसगढ़ में तैनाती से अब तक सीमा सुरक्षा बल ने 09 नक्सलियों को मार गिराया, 1082 नक्सलियों को गिरफ्तारी किया और 537 अधिक आईईडी (जिन्दा बम्ब) की बरामदगी कर सुरक्षा बलों एवं आम जनता को भारी नुकसान होने से भी बचाया है।
सीमा सुरक्षा बल ने बार्डर ड्यूटी के अलावा देश के अन्दर होने वाली विभिन्न प्राकृतिक आपदायें, नक्सल समस्या आंतरिक सुरक्षा एवं देश तथा विभिन्न राज्यों में होने वाले चुनावों के दौरान भारत सरकार द्वारा दी गयी हर जिम्मेदारी को दृढ संकल्प के साथ निभाते हुए हर कदम पर अपनी वीरता का परिचय दिया है। सीमा सुरक्षा बल न सिर्फ देश के बाहरी दुश्मनों से लोहा लेती है बल्कि जरूरत पड़ने पर देश के भीतर घुसे देशद्रोहियों को कुचलने में अपनी जान की परवाह नहीं करती है।जहाँ सीमा सुरक्षा बल के जवान अपनी जान की बाजी लगाकर देश को नक्सल मुक्त बनाने में लगे है वही दूसरी ओर समाज एवं प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं जिनमें 07 वृक्षारोपण प्रोग्राम वर्ष 2021 में कांकेर के दूरदराज फैले गांव में 40 सिविक एक्शन प्रोग्राम एवं 24 चिकित्सा शिविर के तहत गरीबों एवं स्कूली बच्चो को कुल 5252670.44 रूपये की जरूरत की चीजे मुहैया कराया एवं कुल 656607.66 मुफ्त चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान कराया, बेरोजगार युवाओं को स्किल डेवलपमेन्ट प्रोग्राम के तहत रोजगार प्रशिक्षण देना, ट्राइबल यूथ प्रोग्राम के तहत आदिवासी बच्चों को भारत भ्रमण में ले जाना और प्रदेश की संस्कृति को देश के समक्ष रखना इत्यादि है।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी किए जा रहे हैं कार्य
श्री सिंह ने बताया कि फोर्स के द्वारा नक्सली उन्मूलन के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं । सीमा सुरक्षा बल के द्वारा कांकेर एवं दूरस्थ पहले गांव में सात वृहद पैमाने पर पौधारोपण के कार्य 2021 में किए गए हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए 24 चिकित्सा शिविर 40 सिविक एक्शन प्रोग्राम भी चलाए गए हैं। गरीबों एवं स्कूली बच्चों को करीब 50 लाखों रुपए की की वस्तुएं मुहैया कराई गई। जल संरक्षण की दिशा में भी फोर्स के द्वारा कार्य किए जा रहे हैं इसके पश्चात सोलर एनर्जी का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए भी स्थानीय लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फोर्स देश की सुरक्षा के साथ-साथ देश की उन्नति एवं तरक्की के लिए भी कार्य कर रहे हैं ।
राजघाट परियोजना के लिए तेजी से हो रहा है काम
श्री सिंह ने बताया कि रावघाट परियोजना के लिए भी रेलवे लाइन का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। फोर्स के साथ भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन की बैठक भी हो चुकी है। दोनों ही संस्थाएं क्षेत्र में शांति एवं विकास के लिए कार्य कर रहे हैं। बीएसपी प्रबंधन रावघाट क्षेत्र के 22 गांव के लिए करीब 50 लाख रुपए फोर्स को दे रहा है ताकि सीमा सुरक्षा बल इन गांव में विकास के कार्य कर सकें साथ ही ग्रामीणों की आवश्यकताओं की पूर्ति इस राशि के माध्यम से की जा सके। इस अवसर पर DIG डॉ .भारती सेन ,कमांडेंट प्रभाकर सिंह,कमांडेंट संजय सिंह , पवन बंसल भी उपस्थित थे।