रायपुर। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था के विविधिकरण और इसे विकसित राज्यों के स्तर तक लाने के लिए नए नए प्रयास किए जा रहे हैं। कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए राज्य में कई कदम उठाए गए हैं। यहां धान और वनोत्पाद के विपुल उत्पादन के साथ-साथ पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए कई पहल की गई है। इसी के तहत यहां सुराजी गाँव और गोधन न्याय योजना, इथेनाल प्लांट की स्थापना, मिलेट मिशन, वनोपज एवं वनोत्पाद के वेल्यूएडिशन सहित कई क्षेत्रों में काम हो रहा है। लाख और मत्स्य उत्पादन को कृषि का दर्जा दिया गया है। राज्य के विभिन्न उत्पादों की बिक्री के लिए सी-मार्ट प्रारंभ करने की योजना बनायी गई है। पर्यटन संभावनाओं के दोहन के लिए पर्यटन क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है। इन्हीं सब प्रयासों को एकीकृत करने और रोजगार की नई संभावानाओं के सृजन के लिए छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन की शुरूआत की गई है।
राज्य में लोगों को आर्थिक क्रियाकलापों से जोडऩे और उनके आर्थिक सशक्तिकरण के लिए संभवत: देश में पहली बार रोजगार मिशन की परिकल्पना छत्तीसगढ़ में की गई है। यह मिशन राज्य और जिलों की परिस्थितियों के अनुसार रोजगार के नए-नए अवसरों के सृजन के लिए काम करेगा। इस काम के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन का गठन किया गया है। यह मिशन रोजगार से जुड़े सभी महत्वपूर्ण विभागों के बीच में समन्वय स्थापित कर नए-नए रोजगार की संभावनाएं तलाशने के साथ ही उन्हें संचालित करने में मद्द करेगा। मुख्य सचिव इस मिशन के उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। इस मिशन के काम-काज को व्यवस्थित रूप से संचालित करने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति की गई है।
रोजगार मिशन के माध्यम से आगामी 5 वर्षों में 10 से 15 लाख रोजगार के नए अवसरों का सृजन करने का लक्ष्य है। यह मिशन रोजगार को बढ़ावा देने संबंधी नीतिगत फैसले लेगा और राज्य की औद्योगिक नीति और अन्य नियमों में जहां भी आवश्यक प्रावधान करने की जरूरत होगी अपनी सिफारिश करेगा। सभी जिलों में रोजगार के लिए सेक्टरों का चिन्हांकन होगा। इनमें परम्परागत अवसरों के साथ ही रोजगार के नए अवसरों की पहचान की जाएगी। रोजगार के इच्छुक युवाओं का चिन्हांकन कर उनके लिए कौशल विकास की व्यवस्था की जाएगी। जिलों में रोजगार पार्क भी बनाए जाएंगे, जहां ऐसी इकाईयां स्थापित की जाएंगी। रूरल इंडस्ट्रीयल पार्कों में तैयार उत्पादों की शासकीय खरीदी के अलावा खुले बाजार में बिक्री की व्यवस्था की जाएगी। सेवा क्षेत्रों में नए रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए इन गतिविधियों में युवाओं के कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
रोजगार मिशन ब्रांड छत्तीसगढ़ की पहचान को पूरे देश भर में स्थापित करने के लिए भी काम करेगा। देश के सभी बड़े महानगरों दिल्ली, मुम्बई, बेंगलूरू आदि में छत्तीसगढ़ के उत्पादों की प्रदर्शनियों का आयोजन करेगा। इसके साथ ही एयरपोर्ट में भी छत्तीसगढ़ के उत्पादों के स्टालों की स्थापना की जाएगी। ई-कामर्स के बड़े ब्रांड से अनुबंध के साथ ही रिटेल क्षेत्र में बिग बाजार और डीमार्ट से भी यहां के उत्पादों की बिक्री के लिए अनुबंध किया जाएगा। कोसा उत्पादों की बिक्री के लिए देश भर में फैशन शो के आयोजन के साथ ही पयर्टन संभवावनाओं के दोहन के लिए विशेष प्रचार अभियान चलाया जाएगा। ब्रांड छत्तीसगढ़ के लिए किसी बड़े सेलेब्रिटी को ब्रांड एम्बेस्डर नियुक्त करने की योजना भी है।
रोजगार मिशन रोजगार के नए अवसरों के सृजन के लिए आई.आई.टी, आई.आई.एम. और कृषि विश्वविद्यालयों से छत्तीसगढ़ के उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शोध गतिविधियों के संचालन के साथ ही नए स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन और मार्केटिंग स्टेऊटजी और ऋण सुविधा उपलब्ध कराने में मदद भी करेगा। रोजगार की गतिविधियां बढ़ाने के लिए सभी जिलों में वहां की परिस्थितियों के अनुसार रोजगार सृजन के लिए गतिविधियों का चिन्हांकन किया जाएगा। चिन्हांकित 10 से 20 गतिविधियों में जिले स्तर पर कार्य योजना तैयार की जाएगी। कार्य योजना अल्पावधि और दीर्घ अवधि दोनों के लिए तैयार होगी। इसके लिए सभी जिला कलेक्टरों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
आलेख: जी.एस. केशरवानी