भिलाई नगर 27 जनवरी 2022:- जो भिलाई है हमारी मां समान, जिस भिलाई ने दिया हमें रोजी-रोटी और पहचान,जो भिलाई है हमारा स्वाभिमान। जिस भिलाई में बसता है पूरा हिंदुस्तान,जो भिलाई है मिनी भारत के नाम से विख्यात,जिस भिलाई की भूमि ने देश को दिया खेल,विज्ञान, नृत्य,कला, संगीत और साहित्य के क्षेत्र में एक से बढ़कर एक नाम।जिस भिलाई ने लौकडाउन में एकजुट हो कोरोना महामारी को दिया मात,जिस भिलाई की बनी रेल पटरियों पर दौड़ता है हमारा भारत ही नहीं अपितु पूरी दुनिया एक साथ।जिस भिलाई के माटीपुत्रों ने देश के लिए कर दिया अपने प्राणों को भी कुरबान।ऐसी भिलाई मातृभूमि और वीर सपूतों को करने
THANK_YOU_BHILAI!.बार बार बारंबार..2 फरवरी 1955 को भारत-रुस के आपसी सहयोग से भिलाई में स्थापित “भिलाई इस्पात संयंत्र” की याद में “शपथ फाउंडेशन भिलाई” द्वारा पुनः इस वर्ष भी 2 फरवरी* को भिलाई की एकता-अखंडता और आपसी प्रेम-भाईचारे को बढ़ाने एक अनूठा प्रयास..