भिलाई नगर 01 फरवरी 2022 :- . उद्योगपति एवं एमएसएमई जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष के.के. झा ने केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि एमएसएमई उद्योगों के लिए यह अप्रत्यक्ष रूप से बूस्टर बजट है. इससे एमएसएमई उद्योगों को कोई लाभ नहीं होगा.
श्री झा ने स्वीकारा कि पहली बार बजट में एमएसएमई उद्योगों को महत्व दिया गया है. लेकिन एमएसएमई उद्योगों का स्लैब बढ़ा दिये जाने के कारण छोटे उद्योगों को कोई फायदा नहीं मिल पाता. इस बजट में एमएसएमई उद्योगों के लिए 6000 करोड रुपए का प्रावधान है. इसके पूर्व भी 3000 करोड रुपए रखे गए थे लेकिन इसका फायदा बड़े उद्योगों को मिल जाता है. एमएसएमई का स्लैब बढ़ा दिए जाने के कारण जितने भी छोटे उद्योग हैं उन्हें फायदा ना मिलकर बड़े उद्योगों को मिलता है.
श्री झा ने कहा कि एमएसएमई के नाम पर छोटे उद्योग खोल तो दिए गए हैं लेकिन फायदा बड़े उद्योग ले जाते हैं. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए तथा इन खामियों को दूर कर स्पष्ट नीति बनानी चाहिए ताकि छोटे उद्योगों को मदद मिल सके. इसके लिए बैंकों को सीधे निर्देश देना चाहिए, लेकिन बजट में ऐसा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि एमएसएमई उद्योगों का जब तक टायटेरिया फिक्स नहीं होगा तब तक इस तरह की मदद का कोई लाभ नहीं मिलेगा.
बजट को प्रतिबंधित चुनावी बजट बताते हुए उन्होंने कहा कि आचार संहिता के कारण जिन राज्यों में चुनाव है वहां का कोई जिक्र इस बजट में नहीं किया गया है. इससे यह बजट अधूरा लग रहा.