मुंबई 06 फरवरी 2022:- देश की मशहूर गायिका और स्वर कोकिला से जाने जानी वाली लता मंगेशकर का निधन हो गया है। उनके निधन से बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर है। राजनीतिक दलों से लेकर बॉलीवुड से जुड़े दिग्गजों ने उनके निधन को अपूर्णीय क्षति बताया है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट करके ये जानकारी दी। बीते दिन उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया था, जिसके बाद उन्हें आईसीयू से वेंटिलेटर में रखा गया था
रविवार को शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि महान गायिका लता मंगेशकर का सुबह 08:12 बजे निधन हो गया है। डॉक्टरों ने इससे पहले शनिवार को जानकारी दी थी कि लता मंगेशकर को स्वास्थ्य स्थिर होने के बाद वेंटिलेटर से आईसीयू शिफ्ट किया गया था लेकिन अचानक बीते रोज उनकी सेहत बिगड़ने लगी, जिसके बाद उन्हें फिर वेंटिलेटर पर रखा गया था। रविवार सुबह उन्होंने अस्पताल में ही आखिरी सांस ली।घर के नौकर के पॉजिटिव आने के बाद आईं कोरोना की चपेट में
लता जी लगभग दो साल से घर से नहीं निकली थीं। वे कभी-कभी सोशल मीडिया के जरिए अपने फैंस के लिए संदेश देती थीं। बढ़ती उम्र और गिरती सेहत के कारण वे अपने कमरे में ही ज्यादा समय गुजारती थीं। उनके घर के एक स्टॉफ मेंबर की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उनका टेस्ट कराया गया था। 8 जनवरी को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी प्रभु कुंज की आभा गुम
लता मंगेशकर अपनी बहन उषा और भाई हृदयनाथ के साथ मुंबई के पेडर रोड स्थित प्रभुकुंज में पहले फ्लोर पर रहती थीं। कई सालों से वे यहां रह रही थीं। बहन आशा भोंसले भी यहां से कुछ दूरी पर ही रहती हैं। सालों तक प्रभाकुंज सोसायटी की सुबह लता मंगेशकर के संगीत के रियाज से ही शुरू होती रहीं। करीब 4 साल से उनका रियाज खराब सेहत के कारण लगभग बंद सा था। नवंबर 2019 में भी लता जी को निमोनिया और सांस की तकलीफ के कारण ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था। जहां वे 28 दिन भर्ती रही थीं। नवंबर 2019 के बाद से उनका घर से निकलना भी लगभग बंद हो चुका था।संगीत की दुनिया के 8 सुरमयी दशक
92 साल की लता जी ने 36 भाषाओं में 50 हजार गाने गाए, जो किसी भी गायक के लिए एक रिकॉर्ड है। करीब 1000 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने अपनी आवाज दी। 1960 से 2000 तक एक दौर था, जब लता मंगेशकर की आवाज के बिना फिल्में अधूरी मानी जाती थीं। उनकी आवाज गानों के हिट होने की गारंटी हुआ करती थी। सन 2000 के बाद से उन्होंने फिल्मों में गाना कम कर दिया और कुछ चुनिंदा फिल्मों में ही गाने गाए । उनका आखिरी गाना 2015 में आई फिल्म डुन्नो वाय में था।
करीब 80 साल से संगीत की दुनिया में सक्रिय लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के ही इंदौर में हुआ था। 13 साल की छोटी उम्र में 1942 से उन्होंने गाना शुरू कर दिया था। लता जी के पिता पं. दीनानाथ मंगेशकर संगीत की दुनिया और मराठी रंगमंच के जाने पहचाने नाम थे। उन्होंने ही लता जी जो संगीत की शिक्षा दी थी। 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ी लता जी की तीन बहनें आशा भोंसले, उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और भाई हृदयनाथ मंगेशकर हैं ।
2001 में मिला था भारत रत्न
लता मंगेशकर को 2001 में संगीत की दुनिया में उनके योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। इसके पहले भी उन्हें कई सम्मान दिए गए, जिसमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के सम्मान भी शामिल हैं। कम ही लोग जानते हैं कि लता जी गायिका के साथ संगीतकार भी थीं और उनका अपना फिल्म प्रोडक्शन भी था, जिसके बैनर तले बनी फिल्म “लेकिन” थी, इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट गायिका का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था, 61 साल की उम्र में गाने के लिए नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली वे एकमात्र गायिका रहीं। इसके अलावा भी फिल्म “लेकिन” को 5 और नेशनल अवॉर्ड मिले थे।पीएम ने दी श्रद्धांजलि
पीएम नरेंद्र मोदी ने लता मंगेशकर के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “लता दीदी के गानों ने कई तरह के इमोशन्स को उभारा। उन्होंने दशकों तक भारतीय फिल्म जगत के बदलावों को करीब से देखा। फिल्मों से परे, वह हमेशा भारत के विकास के बारे में भावुक थीं। वह हमेशा एक मजबूत और विकसित भारत देखना चाहती थी।”
अमर रहेंगी लता मंगेशकर
लता मंगेशकर के निधन पर तमाम राजनीतिक और बॉलीवुड इंडस्ट्री के लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि लता मंगेशकर हमेशा अमर रहेंगी। वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आज मैं मुंबई आया था और दुख भरा समाचार सुना। संगीत की दुनिया में उनके योगदान को कोई भुला नहीं सकता।
बॉलीवुड इंडस्ट्री ने जताया दुख
लता मंगेशकर के निधन के समाचार से बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर है। तमाम संगीतकारों ने उनके निधन को बड़ी क्षति बताया है। इससे पहले शनिवार की रोज लता की बहन आशा भोंसले ने अस्पताल पहुंचकर हाल जाना था। जब आशा अस्पताल से बाहर निकलीं थी तो उनके चेहरे पर मायूसी से अंदाजा लग गया था कि लता मंगेशकर की हालत ठीक नहीं है। उसके बाद रविवार यानि आज लता मंगेशकर के निधन की पुष्टि हुई।
छत्तीसगढ की राज्यपाल ने स्वर साम्राज्ञी सुश्री लता मंगेशकर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने भारत रत्न, स्वर साम्राज्ञी सुश्री लता मंगेशकर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। राज्यपाल ने शोक संदेश में कहा है कि स्वर कोकिला सुश्री लता मंगेशकर के निधन से संगीत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। उनके योगदान को भुला पाना मुश्किल है। हम सबकी प्रिय गायिका, जिनके गीतों को सुनकर, मधुरिम सुरों को महसूस कर हम सबसे अच्छा समय बिताते आ रहे, ऐसे अद्वितीय सुरों की महान साधिका लता मंगेशकर जी का 92 वर्ष की आयु में निधन बेहद दुःखद है।उनकी आवाज़ विश्वभर के संगीतप्रेमियों की स्मृतियों में युग-युगांतर यात्रा करेगी। राज्यपाल ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित हुए उनके शोकसंतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।