भिलाईनगर। विभागीय जाँच को प्रभावित कर पक्ष में रिपोर्ट बनाने के लिए टीआई ने अपने एक वरिष्ठ अधिकारी के सलाह पर जाँच अधिकारी को 50 हजार रुपए दिए। इसके बाद भी जब रिपोर्ट खिलाफ में आया, तो टीआई ने डंके की चोट पर अपने से वरिष्ठ एडिशनल एसपी स्तर के जाँच अधिकारी से 50 हजार रुपए वापस ले लिया। एक पुराने मामले की यह नई कहानी इन दिनों दुर्ग पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ है।
यह पूरा मामला वर्ष 2014 में हुए एक महिला की हत्या से जुड़ा हुआ है। हत्या के इस मामले में शहर के एक चर्चित शख्स की 29 मई 2014 को गिरफ्तारी हुई थी। काफी दिनों तक जेल में रहने के बाद 25 अक्टूबर 2018 को हाई कोर्ट के आदेश पर हत्या के मामले में बरी कर दिया गया।
बताया जाता है कि, गिरफ्तारी के वक्त पुलिस ने उस शख्स से लैपटॉप, तीन मोबाइल फोन, चार सोने की अंगूठी और 27 हजार रुपए नकद जप्त किया था। जेल से रिहा होने के बाद उस शख्स ने अपने जप्त सामानों की वापसी के लिए आवेदन प्रक्रिया किया। लेकिन इस मामले में तात्कालीन टीआई और चौकी प्रभारी के अलावा मालखाना मुंशी की भूमिका संदिग्ध बनी रही। आखिरकार शख्स ने पुलिस के आला अधिकारियों से शिकायत करते हुए अपने सामान दिलाने का आग्रह किया। इस दौरान पुलिस महकमे के द्वारा टालमटोल किया जाता रहा। लेकिन उस शख्स ने हिम्मत नहीं हारी और लगातार जाँच का दबाव बनाए रखा। मामले में एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में विभागीय जाँच शुरू हुई और उसके गति पकडऩे पर टीआई फंसता नजर आया। इस बात की भनक लगते ही टीआई अपने बचाव की कोशिश में हाथ पैर मारने लगा। इसी दौरान उसे पुलिस मुख्यालय में पदस्थ आईजी स्तर के एक अधिकारी में उम्मीद की किरण नजर आई।
दरअसल, आईजी स्तर के उस अधिकारी के अधीन कभी टीआई ने काम किया था, और दोनों के बीच संबंध भी प्रगाढ़ थे। टीआई ने रायपुर जाकर उस आईजी स्तर के अधिकारी से मिलकर विभागीय जाँच में बचाव हेतु सहयोग की अपेक्षा जता दी। बताते हैं पुलिस मुख्यालय में पदस्थ अधिकारी ने टीआई को 50 हजार रुपए थमाए और जाँच अधिकारी को जाकर देने की बात कही। इतना ही नहीं रायपुर वाले अधिकारी ने फोन करके जाँच अधिकारी से टीआई को मदद करने को भी कहा। टीआई ने रायपुर से लौटकर जांच अधिकारी से मुलाकात की और उन्हें 50 हजार रुपए थमा दिया। जांच अधिकारी के रुपए लेने के बाद टीआई को रिपोर्ट अपने पक्ष में आने की पूरी उम्मीद थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो टीआई ने जाँच अधिकारी से तकादा करने में देर नहीं लगाई। जाँच अधिकारी ने घर से 50 हजार रुपए मंगाकर टीआई को देने में ही अपनी भलाई समझी।