कोरिया। कोरिया के पत्रकार रविरंजन सिंह पर हुई एफआईआर की गूंज राजधानी तक पहुँच गई है। वायरल चैट खबर प्रकाशन पर पत्रकार के खिलाफ अजाक थाने में एट्रोसिटी एक्ट व धारा 505 के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध होने के विरोध में कोरिया, सूरजपुर व सरगुजा जिले के विभिन्न पत्रकार संगठनों के द्वारा पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल ठाकुर से मिलकर ज्ञापन सौंपकर इसे विद्वेषपूर्ण कार्यवाही बताते हुए एफआईआर के खात्मे का आग्रह किया गया है इस पर एसपी प्रफुल्ल ठाकुर ने कहा कि, अन्याय नहीं होगा मामले की जाँच चल रहीहै, चैट वायरल करने वालों तक पुलिस पहुँचने वाली है। एसपी के आश्वासन से पत्रका संतुष्ठ नजर नहीं आये और बैठक कर निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए पत्रकारों ने निर्णय लिया कि, जबतक रविरंजन सिंह के साथ इंसाफ नहीं होता तब तक पुलिस के खबरों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है। रायपुर प्रेस क्लब ने भी कोरिया के पत्रकार संगठनों को अपना समर्थन देते हुए इस संबंध में रायपुर प्रेस क्लब का प्रतिनिधि मंडल अध्यक्ष दामू आम्बेडरे ने के नेतृत्व में पुलिस महानिदेशक से मिलकर वस्तुस्थिति से अवगत करायेगा।
क्या है मामला
दरअसल एक व्हाट्सअप ग्रूप में पुलिस अधिकारियों की आपसी चैटिंग को मोबाईल नंबर 7049646355 से वायरल किया गया जिसे आधार बनाकर पत्रकार रविरंजन सिंह ने इस संबंध में खबर का प्रकाशन किया जिसके उपरंात पुलिस विभाग के एक एएसआई ने अजाक थाने में मामले की शिकायत दर्ज करायी जिस पर से रवि के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस के पास अपनी सायबर टीम है लेकिन सायबर सेल अब तक न तो व्हाट्सअप चैट की सत्यता की जाँच कर पायी है कि, किसने चैट को वायरल उस तक पहुँचायी है तो क्या ये माना जा सकता है कि, कोरिया पुलिस की सायबर सेल केवल लोकेशन ही टे्रस कर पाती है। जबकि, पुलिस को चाहिए कि, आईटी एक्सपर्ट की मदद से इस कथित फर्जी चैट को बनाने और उसे वायरल करने वालों तक पहुँचने की जद्दोजहद करती जो असली मास्टर माईन्ड है लेकिन अब ऐसा माना जा रहा है पुलिस ने अपनी पुरानी खबरों के प्रकाशन को लेकर रविरंजन सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराने में ही लगा दी समय।