BIG BREAKING : एंग्लो इंडियन विधायक का मनोनयन इसी बजट सत्र में..21 महीने का होगा कार्यकाल.. 01 हजार की आबादी वाले इस समुदाय के अधिकांश लोग बिलासपुर व जशपुर मे रहते है…

Screenshot_20220115-155947_Gallery.jpg

रायपुर 11 फरवरी 2022:- छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में एंग्लो इंडियन विधायक मनोनीत किए जाएंगे। सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। मनोनीत विधायक का कार्यकाल अगले 21 महीने का ही रहेगा। इन्हें विधानसभा में वोटिंग के अलावा सारे अधिकार प्राप्त होते हैं। मनोनीत सदस्य की नियुक्ति के बाद सत्तारूढ़ दल कांग्रेस की विधानसभा में ताकत और बढ़ जाएगी… विधानसभा में कांग्रेस के 70 विधायक हैं। मनोनीत विधायक की नियुक्ति के बाद कांग्रेस की सदस्य संख्या बढक़र 71 हो जाएगी। पार्टी के अत्यंत भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक विधानसभा के 5 मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र में एंग्लो इंडियन सदस्य की नियुक्ति की जाएगी। इसकी तैयारी चल रही है।

मनोनीत सदस्य की नियुक्ति में देरी हुई है, और इस वजह से कार्यकाल मात्र 21 महीने का ही रहेगा। इस पांचवीं विधानसभा के साथ-साथ मनोनीत विधायक का भी कार्यकाल खत्म होगा।

छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद सबसे पहले इंग्रीड मैक्लाउड (लोस के लिए भी मनोनित हुईं) और रोजलीन बैकमेन एक-एक कार्यकाल के लिए और फिर बर्नार्ड रोड्रिग्ज (लगातार दो कार्यकाल) के लिए मनोनीत हुए। मनोनीत विधायक को भी एक निर्वाचित विधायक की तरह सदन के भीतर और बाहर सभी अधिकार और सुविधाएं मिलती हैं। ये केवल राज्यसभा के सदस्य और राष्ट्रपति के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते। प्रदेश में इस समुदाय की आबादी करीब एक हजार है। इनमें से अधिकांंश बिलासपुर और जशपुर में रहते हैं। सूत्र बताते हैं कि कुछ दावेदारों ने बायोडाटा सीएम, और राज्यपाल को दिए हैं। इनमें से एक-दो ने सीएम से मुलाकात भी की है। कहा जा रहा है कि सीएम भूपेश बघेल सत्र शुरू होने से पहले हाईकमान से चर्चा कर नाम तय करेंगे। कौन है एंग्लो इंडियन

एंग्लो इंडियन का मतलब है ऐसे लोग जिनके माता-पिता में से कोई एक भारतीय और यूरोपीय मूल का हो। 15 अगस्त 1947 को भारत से अंग्रेज चले गए, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी थे, जो या तो यूरोपीय समुदाय से थे या फिर यूरोपीय और भारतीय मूल के माता-पिताओं की संतान थे। भारत में रह गए अंग्रेजी मूल के लोगों को ही एंग्लो इंडियन कहा जाता है। इनकी मातृभाषा अंग्रेजी है और रीति-रिवाज भी। भारत में अभी एंग्लो-इंडियन समुदाय के 4 लाख से अधिक लोग हैं। इस समुदाय के लोगों का राज्यों के विधानसभा में प्रतिनिधित्व का अवसर मिलता है।


scroll to top