नारायणपुर पुलिस ने ओरछा एलओएस कमांडर दीपक पल्लो के ख़ास और एक लाख रुपये का ईनामी नक्सली, मिलिशिया कमांडर सोमारू पोडिय़ाम ऊफऱ् बली पोडिय़ाम को किया गिरफ़्तार, 10 साल से है भठबेडा मिलिशिया कमांडर, कई नक्सल हिंसा में था शामिल

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नारायणपुर। पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुन्दराज पी. के निर्देशन में संचालित किए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान के तहत पुलिस अधीक्षक गिरिजा शंकर जायसवाल की सूचना पर कार्यवाही करते हुए आज 12 फरवरी 2022 को डीआरजी नारायणपुर ने मिलिशिया कमांडर सोमारू पोडिय़ाम ऊफऱ् बली पोडिय़ाम को गिरफ़्तार किया। एसपी नारायणपुर को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि भठबेडा मिलिशिया कमांडर सोमारू पोडिय़ाम ऊफऱ् बली पोडिय़ाम अपने घर भठबेडा आया है। एसपी श्री जायसवाल ने सूचना पर त्वरित कार्यवाही करते हुए 11 फरवरी 2022 की देर शाम डीआरजी टीम को ओरछा से रवाना किया था। आज 12 फरवरी 2022 को डीआरजी टीम सोमारू पोडिय़ाम के घर की घेराबंदी करने जा रही थी इसी दौरान एक आदमी घने जंगलों में छिपते हुए भागने का प्रयास कर रहा था। संदेह के आधार पर डीआरजी जवानों ने पकड़कर नाम पूछा तो ये ग्रामीण होने की बात कहकर टालमटोल कर रहा था।

जिससे पूर्व में नक्सली संगठन में काम कर चुके जवानों द्वारा उसकी पहचान की गई तथा उसे उसके नाम से पुकारने पर उसने अपना नाम सोमारू पोडिय़ाम होना स्वीकार किया। फिर विस्तृत पूछताछ करने पर सोमारू पोडिय़ाम ने खुद को मिलिशिया कमांडर बताते हुए कई नक्सल अपराध में शामिल होना बताया, जिसमें (1) 2016 में इकुल, बीजापुर में डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा की संयुक्त पार्टी के साथ मुठभेड़ में शामिल होना। (2) 2019 में भठबेडा के जंगल मे डीआरजी और एसटीएफ की संयुक्त टीम के साथ मुठभेड़ में शामिल होना, जिसमें एसटीएफ के एक जवान घायल हुआ था। (3) 2020 में गोदाड़ी के पास पुलिस पार्टी से मुठभेड़ में शामिल होना, जिसमें जवान संतु राम वड्डे शहीद हुआ। में शामिल होना काबुल किया। उसके बाद डीआरजी नारायणपुर द्वारा मिलिशिया कमांडर सोमारू पोडिय़ाम उर्फ बली पोडिय़ाम को गिरफ़्तार किया गया।


उल्लेखनीय है कि मिलिशिया कमांडर सोमारू पोडिय़ाम ऊफऱ् बली पोडिय़ाम नक्सली कमांडर पाली के कहने पर वर्ष 2006 (13 साल की उम्र) में लखमु वेट्टी और कोपा कोयाम के साथ नक्सलियों की बाल संघ में शामिल हुआ तथा बाद में कृषि शाखा आलबेड़ा में काम किया। उसके बाद वर्ष 2009 में नक्सली कमांडर दीपक पल्लो ने इसे भठबेडा मिलिशिया में शामिल किया और इसके कार्य से प्रभावित होकर लगभग छ: महीने के भीतर 2009 में ही मोटू कोर्राम को हटाकर इसे भठबेडा मिलिशिया कमांडर बना दिया। सोमारू पोयाम नक्सली संगठन में 12 बोर बंदूक रखता था।


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