नंदिनी रोड का काम शुरू, काम पूरा होने पर हजारों नागरिकों को मिलेगी सुविधा, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने किया निरीक्षण, तेजी से काम पूरा किये जाने के निर्देश

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अहिवारा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं अन्य प्रमुख निर्माण कार्यों का भी किया निरीक्षण
भिलाईनगर। एसीसी चौक से नंदिनी जाने वाली सड़क का काम शुरू हो चुका है। सड़क की जर्जर स्थिति के चलते मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इसके जीर्णोद्धार की घोषणा की थी। सड़क के पूरा होने के पश्चात इस पर गुजरने वाले नागरिकों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे आज सड़क निर्माण का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने एसीसी चौक से नंदिनी रोड तक विभिन्न साइट पर इसका काम देखा। उन्होंने कहा कि सड़क का निर्माण गुणवत्तापूर्वक और समय पर होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि इस सड़क की मरम्मत की मांग लंबे समय से नागरिकों द्वारा की जा रही थी। 78 करोड़ रुपए इसके निर्माण के लिए स्वीकृत किये गये हैं।

इस दौरान सहायक कलेक्टर श्री हेमंत नंदनवार और एसडीएम बृजेश क्षत्रिय भी उपस्थित थे। नगर पालिका अध्यक्ष श्री ईश्वर सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थे। कलेक्टर ने अहिवारा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण भी किया। धमधा की तरह अहिवारा के अस्पताल को भी हाईटेक किया जा रहा है। यहां 10 आइसोलेशन वार्ड बनाये जा रहे हैं। इसके साथ ही ओपीडी, फिजियोथैरेपी आदि वार्ड भी बनाये जा रहे हैं। एनआरसी को भी बच्चों की सुविधा के मुताबिक हाइटेक किया जा रहा है। कलेक्टर ने एसडीएम से अस्पताल की व्यवस्था की जानकारी भी ली। एसडीएम ने बताया कि यहां पर सीनियर डाक्टर्स काफी अच्छा कार्य कर रहे हैं।

कलेक्टर ने कहा कि अस्पताल की व्यवस्था बेहतर होनी चाहिए और लगातार मरीजों की इलाज की मानिटरिंग होनी चाहिए। उन्होंने अहिवारा में बनाई जा रही पुष्पवाटिका भी देखी। उन्होंने कहा कि किसी भी गार्डन की सुंदरता उसके पेड़ों से होती है। यहां पर गुलमोहर, चंपा आदि के पेड़ लगाएं। इससे गार्डन की सुंदरता खासी निखर जाएगी। एसडीएम ने बताया कि पुष्पवाटिका का काम 2 एकड़ क्षेत्र में हो रहा है। इसके साथ ही यहां व्यावसायिक काम्पलेक्स भी तैयार किया जा रहा है इसमें 11 दुकानें हैं। कलेक्टर ने पौनी पसारी योजना के अंतर्गत हो रहे कार्यों का निरीक्षण भी किया।


धमधा के तालाबों का होगा संरक्षण- तालाबों की नगरी के रूप में चर्चित धमधा के तालाबों का संरक्षण भी होगा। ऐतिहासिक रूप से यहां 126 तालाब बताये जाते हैं। फिलहाल 26 तालाबों का अस्तित्व ही बचा हुआ है। कलेक्टर ने इनका संरक्षण करने के लिए सीमांकन के निर्देश भी दिये।


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