अंतिम छोर तक पहुँचा पानी, 3 दिनों में निगम की एक्सरसाइज आई काम, महापौर नीरज पाल ने बैठक लेकर सभी को टीम बनाकर कार्य करने के दिये थे निर्देश, आयुक्त प्रकाश सर्वे ने टंकी से पानी चालू करने से लेकर अंतिम छोर तक पानी पहुंचने तक की प्रक्रिया का लिया जायजा

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भिलाईनगर। निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे आज राधिकानगर एवं फरीद नगर की बस्तियों में पहुंचे, उन्होंने उच्च स्तरीय पानी टंकी के चालू करने से लेकर इसी टंकी से मोहल्ले के अंतिम छोर तक पानी मिल रहा है या नहीं इसका जायजा लिया। आज ठीक प्रात: 6:30 बजे आयुक्त स्लॉटर हाउस पानी टंकी में पहुंचे, क्योंकि तकरीबन इसी समय पानी टंकी से देना प्रारंभ किया जाता है। परिसर का निरीक्षण करने और बेसमेंट के लिए आवश्यक निर्देश देने तथा प्रारंभिक जानकारी लेने के बाद उन्होंने पानी टंकी से जल देना प्रारंभ कराया और अधिकारियों के साथ सीधे इस टंकी से पानी मिलने वाले अंतिम छोर के घरों में पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद आयुक्त ने लगभग 50 घरों के रहवासियों से पानी आने को लेकर फीडबैक लिया।

मोहल्ले वासियो ने बताया कि कुछ दिन पहले पानी नहीं आ रहा था परन्तु 2 से 3 दिनो के भीतर पानी मिलने लगा है, वहीं घरेलू कार्य अब आसानी से हो रहा है। कुछ घरो में मोटर पंप लगे हुये मिले इनका मोटर पंप बंद करवाकर इनकी जब्ती की चेतावनी देकर मोटर पंप उपयोग नहीं करने कहा गया। निरीक्षण के दौरान प्र. सहायक अभियंता आलोक पसीने, उप अभियंता श्वेता वर्मा, जोन स्वास्थ्य अधिकारी अंकित सक्सेना, चंदन शर्मा इत्यादि मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि महापौर नीरज पाल ने हाल ही मे जल विभाग के आला अधिकारियो की बैठक ली थी और उन्होंने उन सभी कर्मचारियों को इसमें शामिल किया था जो वाटर सप्लाई से जुड़े हुये है, इसमें पीडीएमसी एवं इंडियन हयुमन पाईप की एजेन्सी भी शामिल थे। इसके अलावा बैठक में अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी, जल कार्य विभाग के प्रभारी केशव चौबे एवं समस्त जोन आयुक्त उपस्थित थे।

अमृत मिशन योजना से बिछाई गई पाईप लाईन से घरो में पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने के कार्य को प्राथमिकता से करने महापौर ने कहा था। पानी क्यों अंतिम छोर में पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहा है इसका सर्वे कराकर इसका समाधान करने के निर्देश भी उन्होंने दिये थे, और 15 दिवस के भीतर सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने टीम गठन करने भी कहा था। इसके लिये सभी जोन के कर्मचारियों को सम्मिलित करते हुये 18 कर्मचारियों की टीम बनाई गई है। इस टीम ने अपना सर्वे चालू कर दिया है। वहीं जहां समस्या का समाधाम हो सकता है किया जा रहा है, इसी का परिणाम है कि आज स्लॉटर हाउस पानी टंकी से मिलने वाला पेयजल अंतिम छोर तक पहुंच रहा है। मॉनिटरिंग के लिये एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है।


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