देवबलोदा महोत्सव में इस बार नहीं होगी राजनीति, दो दिनी आयोजन की रुपरेखा तय करने निगम में कल विशेष सामान्य सभा, महापौर व सभापति सहित कांग्रेस का बहुमत रहने से विवाद की संभावना क्षीण

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भिलाईनगर। महाशिवरात्रि पर भिलाई-चरोदा नगर निगम द्वारा मनाए जाने वाले देवबलोदा महोत्सव में इस बार राजनीति शायद नहीं होगी। कला और संस्कृति से लबरेज इस दो दिनी आयोजन की रुपरेखा तय करने निगम में 23 फरवरी को विशेष सामान्य सभा रखा गया है। महापौर व सभापति सहित सदन में कांग्रेस का बहुमत होने से सामान्य सभा में विवाद या किसी तरह के हंगामा होने की संभावना क्षीण नजर आ रही है।


कोरोना से राहत नजर आते ही भिलाई-चरोदा नगर निगम की ओर से देवबलोदा महोत्सव की तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि पर होने वाले इस महोत्सव का आयोजन पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्थगित रखा गया था। इससे पहले के आयोजनों में महोत्सव को लेकर कम और निगम के सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच होने वाले विवाद ज्यादा चर्चे में रहा है। ऐसा निगम में भाजपा का महापौर और पार्षदों का बहुमत कांग्रेस का रहने से होता था। लेकिन इस बार महापौर व सभापति सहित पार्षदों का बहुमत कांग्रेस के पक्ष में रहने से देवबलोदा महोत्सव में किसी तरह के राजनीतिक विवाद की संभावना नजर नहीं आ रही है।


देवबलोदा महोत्सव को सफल बनाने के लिए महापौर निर्मल कोसरे ने हाल ही में देवबलोदा वासियों के साथ बैठक कर विचार विमर्श किया है। इसके बाद 23 फरवरी को निगम की विशेष सामान्य सभा रखी गई है। इस सामान्य सभा में महोत्सव के दौरान आयोजित किए जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रुपरेखा और इसमें आने वाले खर्च को मंजूरी दी जाएगी। आयोजन में अतिथि तय करने पर भी चर्चा हो सकती है। अभी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। लिहाजा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया सहित प्रदेश सरकार के मंत्री और कांग्रेस संगठन के पदाधिकारियों को देवबलोदा महोत्सव में बतौर अतिथि आमंत्रित किए जाने में कोई संदेह नहीं है। लेकिन निगम में विपक्षी दल भाजपा के पार्षदों की ओर से लोकसभा सांसद विजय बघेल और राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय को भी अतिथि बनाने की मांग सामान्य सभा में की जा सकती है।


गौरतलब रहे कि निगम क्षेत्र के देवबलोदा में कल्चुरी कालीन शिव मंदिर है। इस मंदिर में महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का अभिषेक – पूजन करने दूर – दूर से भक्त पहुंचते हैं। परम्परागत मेला भी यहां पर लगता है। नगर पालिका गठन के बाद मौजूदा सांसद और तात्कालीन पालिका अध्यक्ष विजय बघेल ने वर्ष 2004 में कल्चुरी कालीन शिव मंदिर को देश भर में पहचान दिलाने के उद्देश्य से महाशिवरात्रि पर देवबलोदा महोत्सव मनाए जाने की शुरुआत की थी।


विवादित रहा अतिथि चयन का मुद्दा

नगर निगम में पहली बार कांग्रेस का सत्ता आया है। जबकि इसके पहले नगर पालिका के तीन और निगम के एक कार्यकाल के दौरान पालिका अध्यक्ष अथवा महापौर भाजपा का और पार्षदों का बहुमत कांग्रेस का रहने से सदन में बात – बात पर हंगामा खड़ा होता था। इसका असर देवबलोदा महोत्सव के लिए अतिथि तय करने में भी पड़ता रहा। मुख्य पदों पर भाजपा का कब्जा रहने से भाजपा के तात्कालीन सत्ता और संगठन से जुड़े नेताओं को अतिथि बनाने में किसी तरह की दिक्कत नहीं थी, लेकिन पार्षदों का बहुमत होने से कांग्रेस के नेताओं को देवबलोदा महोत्सव में अतिथि बनाने के नाम पर सदन में हंगामा होता रहा।


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