बिल्डर्स कर रहे मजदूरों का शोषण – एच. एस. मिश्रा…. श्रम कानून के तहत मिलने वाले लाभ और सुविधाओं से किया जा रहा वंचित, मजदूरों से जानकारी जुटाकर संबंधित विभागों में दर्ज कराई जाएगी शिकायत

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भिलाईनगर। भविष्य निधि बोर्ड के सदस्य एवं वरिष्ठ श्रमिक नेता एच. एस. मिश्रा ने भिलाई-दुर्ग सहित प्रदेश भर के बिल्डर्स पर अपने यहां काम करने वाले मजदूरों के शोषण का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बिल्डर्स के द्वारा मजदूर एवं कर्मचारियों को श्रम कानून के तहत मिलने वाले लाभ और सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। इसके खिलाफ मौके पर जाकर मजदूरों से जानकारी जुटाने के बाद संबंधित विभागों में शिकायत करते हुए कार्यवाही की मांग की जाएगी।


भविष्य निधि बोर्ड के सदस्य एच. एस. मिश्रा ने बताया कि भिलाई-दुर्ग सहित पूरे प्रदेश के अलग-अलग शहरों में भवन निर्माण का कार्य करने वाले बिल्डर्स श्रम कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इनके द्वारा अपने यहां काम करने वाले मजदूरों और कर्मचारियों को न तो न्यूनतम वेतन प्रदान किया जा रहा है और न ही भविष्य निधि की कटौती के साथ ईएसआई का लाभ दिया जा रहा है। सालाना बोनस तो बिल्डर्स देते ही नहीं हैं। मजदूरों से संबंधित किसी तरह के रिकॉर्ड भी बिल्डर्स नहीं रखते हैं।


मिश्रा का कहना है कि बिल्डर्स के द्वारा जरुरत के मुताबिक राजमिस्त्री, सेंटरिंग कर्मी, कारपेंटर, प्लम्बर और रेजा व कुली की भर्ती की जाती है। श्रम कानून में ऐसे मजदूर और कर्मचारियों का वेतन वर्ष 2017 से बैंक के माध्यम से किया जाना अनिवार्य है। लेकिन प्राय: सभी बिल्डर्स वेतन भुगतान नगद राशि से करते हैं। यह शोषण का बहुत बड़ा जरिया है। किसी भी मजदूर – कर्मचारी को रोजगार कार्ड, वेतन पर्ची, परिचय पत्र और आवश्यकता के अनुसार सुरक्षा उपकरण उपलब्ध की सोच बिल्डर्स में बिल्कुल भी नहीं है। किसी मजदूर को बिना पूर्व सूचना के काम से निकाला जाता है तो भी नियमानुसार अंतिम भुगतान, छुट्टी व बोनस का भुगतान नहीं किया जा रहा है। मजदूर व कर्मचारियों से संबंधित जो भी दस्तावेज बिल्डर्स अपने पास रखते हैं वे ज्यादातर जाली और बोगस होते हैं।


उन्होंने बताया कि भविष्य निधि बोर्ड के सदस्य होने के नाते वे अपनी टीम के साथ चरणबद्ध तरीके से अलग – अलग बिल्डर्स के कार्य स्थल का दौरा करेंगे। इस दौरान मजदूर और कर्मचारियों से पूछताछ करते हुए श्रम कानून का उलंघन पाये जाने पर उसकी शिकायत क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त, श्रमायुक्त एवं ईएसआई आयुक्त के पास लिखित में शिकायत दर्ज कराने के साथ संबंधित बिल्डर्स पर कार्रवाई का दबाव बनाया जाएगा।


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