काँग्रेस हाईकमान की उपेक्षा से क्षुब्ध ओबीसी काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ताम्रध्वज साहू ने दिया इस्तीफा, 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में नहीं मिली थी कोई जिम्मेदारी, स्टार प्रचारकों की सूची से नदारद था नाम, इस्तीेफे को लेकर सोशल मीडिया में चर्चाओं का बाजार है गर्म

IMG-20220225-WA0232.jpg


रायपुर। छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री और ओबीसी काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ताम्रध्वज साहू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पाँच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में दरकिनार करने की वजह से ताम्रध्वज साहू ने उक्त कदम उठाया है। इस बात की राजनीतिक गलियारों एवं सोशल मीडिया में इस बात की जमकर चर्चायें हो रही हैं। ताम्रध्वज साहू ने सोनिया गाँधी के नाम संबोधित अपना इस्तीफा काँग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के.सी.वेणुगोपाल को सौंप दिया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ताम्रध्वज साहू ने 12 फरवरी 2022 को ही अना इस्तीफा दे दिया था। छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने दिल्ली प्रवास के दौरान वे श्रीमती सोनिया गाँधी से मिलकर अपना इस्तीफा सीधे उन्हें सौंपना चाहते थे।

परन्तु उनके मुलाकात न हो पाने पर उन्होंने काँग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के.सी.वेणुगोपाल से मिलकर ओबीसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया। सूत्रों के अनुसार ताम्रध्वज साहू ने दिल्ली प्रवास के दौरान सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी से मिलने काफी मशक्कत की किन्तु उन्हें निराशा हाथ लगी। सूत्र बताते हैं कि, ताम्रध्वज साहू, सोनिया गाँधी से प्रत्यक्ष मिलकर ओबीसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना चाह रहे थे परन्तु ऐसा नहीं हो सका। काफी कोशिश के बावजूद काँग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गाँधी से मुलाकात न होने पर उन्होंन काँग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के.सी.वेणुगोपाल को अपना इस्तीफा सौंपा और भारी मन से छत्तीसगढ़ लौट आये।

बताया जाता है कि, 5 राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश, पंजाब व उत्तराखंड जैसे राज्यों में भी काँग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची से ओबीसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के बावजूद उन्हें पूरी तरह बाहर रखा गया और ना ही उन्हें चुनाव प्रचार के संबंध में किसी भी प्रकार की ओबीसी के संबंध में चर्चा करना भी उचित समझा गया। ताम्रध्वज साहू ने अपनी ये पीड़ा काफी समय तक दबा कर रखी हुई थी। बताया तो यहाँ तक जाता है कि, लम्बे समय से ओबीसी की राष्ट्रीय स्तर की बैठक भी ताम्रध्वज साहू नहीं ले पाये हैं। शुरू-शुरू में जब वे राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे तो आनन फानन में उन्होंने कुछ राज्यों का दौरा कर आधा दर्जन से अधिक ओबीसी वर्ग की बैठक लेकर चंद पदाधिकारियों की नियुक्ति की थी बाद में काँग्रेस का यह ओबीसी विंग ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इसको लेकर ताम्रध्वज साहू जब भी दिल्ली प्रवास में रहते थे तो वे काँग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी व प्रियंका गाँधी से मिलकर अपनी बात रखना चाह रहे थे किन्तु उन्हें काफी मशक्कत के बावजूद सफलता हाथ न लगने पर उन्होंने इस्तीफा देना ही उचित समझा। इस संबंध में ताम्रध्वज साहू से आज लगातार मोबाईल पर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया। किन्तु उनसे बात नहीं हो पायी।


scroll to top