रायपुर। स्कूलों में अध्ययनरत बालिकाओं को सशक्त बनाने और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए स्कूलों के शिक्षकों को पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा आयोजित किया गया है। प्रशिक्षण में बालिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के साथ ही जेण्डटर सेंसंटाइजेशन के साथ ही आत्म सुरक्षा जैसी विषयों पर भी जानकारी दी जाएगी।
प्रशिक्षण सत्र को सम्बोधित करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के विशेष सचिव व राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के संचालक राजेश सिंह राणा ने कहा कि बालिकाओं के सशक्तीकरण के लिए उन्हें जागरूक बनाने के साथ ही उन्हें सही मार्गदर्शन देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें उनके कानूनी, शैक्षणिक, स्वास्थ्य और उनके अधिकार और निर्णय लेने की क्षमता के बारे में सभी पहलुओं की जानकारी दी जाए। राणा कहा कि बालिकाएं किस तरह से विपरित परिस्थितियों में अपनी रक्षा कर सकती हैं इसको भी प्रेक्टिकल करके भी बताया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की बातों का सबसे अधिक बच्चों पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए शिक्षकों की विशेष जिम्मेदारी है कि बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने में महती भूमिका निभाएं।
कार्यशाला में एससीईआरटी के अतिरिक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे ने जीवन कौशल जेण्डर सेंसीविटी की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए प्रतिभागियों से सीधा संवाद किया। कार्यक्रम को सहायक संचालक श्री प्रशांत पाण्डेय, एससीईआरटी की प्रकोष्ठ प्रभारी श्रीमती प्रीति सिंह और पुष्पा चंद्रा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर रूम-टू-रीड, अर्पण, अपराजिता के विषय विशेषज्ञ सहित 28 जिलो से 75 प्रतिभागी शामिल हुए।