बिलासपुर। भ्रष्टाचार और आय से अधिक के मामले में गिरफ्तार सस्पेन्ड एडीजी आईपीएस जी.पी.सिंह की अंतरिम जमानत याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जी.पी.सिंह के अधिवक्ता ने राजनीतिक षडय़ंत्र के तहत फंसाने का लगाया था आरोप साथ ही जमानत न देने के लिए केस डायरी को बहाना बनाने की कही थी बात।
भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार सस्पेंड एडीजी और आईपीएस जी.पी.सिंह की जमानत याचिका पर शुक्रवार दोपहर को सुनवाई होगी। इससे पहले ही उनके वकील ने उन्हें राजनीतिक षडयंत्र के तहत फंसाने और जमानत न देने के लिए केस डायरी को बहाना बनाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि केस डायरी मंगाने के बाद जीपी सिंह की तरफ से चार बार मामले को मेंशन किया जा चुका है। लेकिन, हर बार सरकार की तरफ से बहाना बनाया जा रहा है। इससे राजनीतिक षडयंत्र जाहिर हो रहा है।
ईओडब्लु की टीम ने जी.पी.सिंह को 11 जनवरी को नोएडा से गिरफ्तार किया था। फिर उन्हें ईओडब्लु की विशेष अदालत में पेश कर 7 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर रखा गया था। इस दौरान पूछताछ के बाद 18 जनवरी को उन्हें कोर्ट में पेश कर 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। कोर्ट ने उनके जमानत आवेदन को खारिज कर दिया था। इसके बाद उनके वकील आशुतोष पांडेय ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका प्रस्तुत की है।
पिछली सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपक तिवारी की सिंगल बेंच ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब माँगा और मामले की केस डायरी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। बताया जा रहा है कि इस बीच जी.पी.सिंह के वकील चार बार कोर्ट में जमानत प्रकरण को मेंशन कर चुके हैं। लेकिन, हर बार मामले को टालने की कोशिश की जा रही है। इस बार केस डायरी को बहाना बनाने की आशंका जताई है।
करीब 40 दिन की रिमांड हो चुकी है पूरी
जीपी सिंह के वकील का कहना है कि ईओडब्लु ने आय से अधिक संपत्ति का मामला बनाया है, उसमें उन्हें अपनी संपत्ति का ब्योरा प्रस्तुत करने के लिए मौका नहीं दिया गया है, जो संविधान की अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। संवैधानिक अधिकार के तहत अब उन्हें अपनी संपत्ति का ब्योरा देने के लिए जेल से बाहर आना आवश्यक है। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस रिमांड में जीपी सिंह से 200 से अधिक सवाल पूछे गए, जिसका उन्होंने जवाब दे दिया है। इस बीच दो बार उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेजा गया। अब उन्हें जेल में करीब 40 दिन हो गया है। ऐसे में शासन की तरफ से कोई सवाल नहीं किया गया है। उन्होंने अपने मुवक्किल को जबरिया जेल में रखने पर सवाल उठाया है।
मेडिकल रिपोर्ट छिपाने का आरोप
वकील आशुतोष पांडेय ने बताया कि पिछली रिमांड पेशी के दौरान कोर्ट ने जीपी सिंह का मेडिकल कराने का निर्देश दिया था। बताया जा रहा है कि, उनके चेकअप करने वाले डॉक्टर ने राय दी है, जिसे छिपाने की कोशिश की जा रही है और उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई है।